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Vishw Shanti Sanatan Seva Trust
श्री पुत्रदा एकादशी व्रत पूजा ©Vishw Shanti Sanatan Seva Trust श्री पुत्रदा एकादशी व्रत पूजा कल
श्री पुत्रदा एकादशी व्रत पूजा कल #जानकारी
read moreVikas Sharma Shivaaya'
एकादशी:- हिंदू पंचांग की ग्यारहवी तिथि को एकादशी कहते हैं। यह तिथि मास में दो बार आती है। पूर्णिमा के बाद और अमावस्या के बाद। पूर्णिमा के बाद आने वाली एकादशी को कृष्ण पक्ष की एकादशी और अमावस्या के बाद आने वाली एकादशी को शुक्ल पक्ष की एकादशी कहते हैं। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है इसलिए एकादशी को हरि वासर या हरि का दिन भी कहा जाता है। एक ही दशा में रहते हुए अपने आराध्य का अर्चन-वंदन करने की प्रेरणा देने वाला व्रत ही 'एकादशी व्रत' है। एकादशी का नाम मास पक्ष:- कामदा एकादशी- चैत्र शुक्ल वरूथिनी एकादशी- वैशाख कृष्ण मोहिनी एकादशी -वैशाख शुक्ल अपरा एकादशी -ज्येष्ठ कृष्ण निर्जला एकादशी- ज्येष्ठ शुक्ल योगिनी एकादशी- आषाढ़ कृष्ण देवशयनी एकादशी -आषाढ़ शुक्ल कामिका एकादशी- श्रावण कृष्ण पुत्रदा एकादशी- श्रावण शुक्ल अजा एकादशी- भाद्रपद कृष्ण परिवर्तिनी एकादशी- भाद्रपद शुक्ल इंदिरा एकादशी -आश्विन कृष्ण पापांकुशा एकादशी- आश्विन शुक्ल रमा एकादशी -कार्तिक कृष्ण देव प्रबोधिनी एकादशी -कार्तिक शुक्ल उत्पन्ना एकादशी- मार्गशीर्ष कृष्ण मोक्षदा एकादशी- मार्गशीर्ष शुक्ल सफला एकादशी- पौष कृष्ण पुत्रदा एकादशी- पौष शुक्ल षटतिला एकादशी -माघ कृष्ण जया एकादशी- माघ शुक् ल विजया एकादशी- फाल्गुन कृष्ण आमलकी एकादशी- फाल्गुन शुक्ल पापमोचिनी एकादशी- चैत्र कृष्ण पद्मिनी एकादशी- अधिक मास शुक्ल परमा एकादशी -अधिक मास कृष्ण पुत्रदा एकादशी:- पुत्रदा एकादशी को वैकुंठ एकादशी भी कहते हैं- पुत्रदा एकादशी के पुण्य फल से व्यक्ति को पुत्र की प्राप्ति होती है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी या वैकुंठ एकादशी व्रत रखा जाता है. पुत्रदा एकादशी व्रत हर संतानहीन दंपत्ति को रखने के लिए कहा जाता है. विष्णु सहस्रनाम( एक हजार नाम) आज 312 से 322 नाम 312 नहुषः भूतों को माया से बाँधने वाले 313 वृषः कामनाओं की वर्षा करने वाले 314 क्रोधहा साधुओं का क्रोध नष्ट करने वाले 315 क्रोधकृत्कर्ता क्रोध करने वाले दैत्यादिकों के कर्तन करने वाले हैं 316 विश्वबाहुः जिनके बाहु सब और हैं 317 महीधरः महि (पृथ्वी) को धारण करते हैं 318 अच्युतः छः भावविकारों से रहित रहने वाले 319 प्रथितः जगत की उत्पत्ति आदि कर्मो से प्रसिद्ध 320 प्राणः हिरण्यगर्भ रूप से प्रजा को जीवन देने वाले 321 प्राणदः देवताओं और दैत्यों को प्राण देने या नष्ट करने वाले हैं 322 वासवानुजः वासव (इंद्र) के अनुज (वामन अवतार) 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 . ©Vikas Sharma Shivaaya' एकादशी:- हिंदू पंचांग की ग्यारहवी तिथि को एकादशी कहते हैं। यह तिथि मास में दो बार आती है। पूर्णिमा के बाद और अमावस्या के बाद। पूर्णिमा के बा
एकादशी:- हिंदू पंचांग की ग्यारहवी तिथि को एकादशी कहते हैं। यह तिथि मास में दो बार आती है। पूर्णिमा के बाद और अमावस्या के बाद। पूर्णिमा के बा #समाज
read moreAuthor Munesh sharma 'Nirjhara'
निर्जला एकादशी की अनंत शुभकामनाएं भगवान विष्णु इस चराचर जगत पर अपनी कृपा बनाये रखें ©Neha M sharma 'Nirjhara' #एकादशी
M R Mehata(रानिसीगं )
जय माता दी एकादशी महाव्रत ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय ©M R Mehata एकादशी
एकादशी #पौराणिककथा
read moreJitendra Kumar
एकादशी एक महत्त्वपूर्ण तिथि है, जिसका हिन्दू धर्म में बड़ा ही धार्मिक महत्त्व है। प्रत्येक मास में दो 'एकादशी' होती हैं। 'अमावस्या' और 'पूर्णिमा' के दस दिन बाद ग्यारहवीं तिथि 'एकादशी' कहलाती है। एकादशी का व्रत पुण्य संचय करने में सहायक होता है। प्रत्येक पक्ष की एकादशी का अपना महत्त्व है। एकादशी व्रत का अर्थ विस्तार यह भी कहा जाता है कि "एक ही दशा में रहते हुए अपने आराध्य का अर्चन-वंदन करने की प्रेरणा देने वाला व्रत ही एकादशी है।" इस व्रत में स्वाध्याय की सहज वृत्ति अपनाकर ईश आराधना में लगना और दिन-रात केवल ईश चितंन की स्थिति में रहने का यत्न एकादशी का व्रत करना माना जाता है। स्वर्ण दान, भूमि दान, अन्नदान, गौ दान, कन्यादान आदि करने से जो पुण्य प्राप्त होता है एवं ग्रहण के समय स्नान-दान करने से जो पुण्य प्राप्त होता है, कठिन तपस्या, तीर्थयात्रा एवं अश्वमेध आदि यज्ञ करने से जो पुण्य प्राप्त होता है, इन सबसे अधिक पुण्य एकादशी व्रत रखने से प्राप्त होता है। ©Jitendra Kumar एकादशी
एकादशी #समाज
read moreBhairav
🚩ॐ विष्णवे नमः🚩 shraddhaabhaktee90@gmail.com सभी भक्त आज के दिन भोजन में चावल ग्रहण न करे 18-04-2020 ॐ नमः भगवते वासुदेवाय नमः 📿 मंत्र का 11 बार कम से कम जप करे... shraddhaabhaktee 90@gmail.com 💐🤝🏻💐 राधे-राधे #एकादशी