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Gurwinder Dhillon
एक बार गौर से देखना अपने अंदर के दरपन में एक तस्वीर नजर आऐगी कितने काबिल हो तुम जिंदगी के वो तस्वीर ही तुम्हारी तुमे बताऐगी ©Gurwinder Dhillon दरपन
Sri batsa Meher
तुम खूब सुंदर हो इसीलिए नहीं की तुम्हारी तन जौबन से भरा वॉकी तुम्हारी बातें अमृत की तरह लगता है। जिसका मै प्यासा हूं। तुम खूब सुंदर हो इसीलिए नहीं की तुम्हारी आखे मृग तरह है । वॉकी आखों से तुम दूसरे के अच्छाई को देख पाते हो। जिस आखों को मै पसंद करता हूं। ©Sri batsa Meher सुंदर दरपन
Neha Kumari
तुम्हारे चरणों में वो दर्पण, जो झुकते समय चरणों में दिखाएं मुझे मेरे चरीत्र का रंग। #मनकाफूल #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #दरपन
Gurmeet Singh Chawla
थोड़ा सा बचपन साथ रखिये शिखर दोपहर में..! उम्र महसूस ही न होगी, जिंदगी के सफ़र में..!! टूटा भी हो कभी तो #दरपन याद रखना जिंदगी के सफर में #बचपन याद रखना.
Divyanshu Pathak
कहीं दूर बैठा व्यक्ति हमें याद करता है अथवा कष्ट के क्षणों में आवाज लगाता है तब क्या हमारे मन तक वह आवाज पहुंच जाती है ? नहीं! क्योंकि इसके लिए आवश्यक है कि हम स्वयं को निर्विचार रखने का, साक्षी भाव बनाए रखने का, शरीर को अनावश्यक क्रियाओं से मुक्त रखने का अभ्य
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
चौकड़िया छन्द सावन आता मन को भाता , सबका मन बहलाता । साथी होता साथ नहाता , मन मेरा हर्षाता ।। आँगन में ये गिरती बूदें , तन की प्यास बुझाता । साजन बिन ये दिल मेरा , रह रह कर घबराता ।। जबसे दूर गये है साजन , सूना लगता आँगन । साजन बिन सब लगता सूना , कैसे देखूँ दरपन ।। भूली बैठी हूँ मैं सब कुछ , किसको कहते जीवन । आओ आकर अब मिल जाओ , तुमको कैसी अड़चन ।। ०५/०७/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR चौकड़िया छन्द सावन आता मन को भाता , सबका मन बहलाता । साथी होता साथ नहाता , मन मेरा हर्षाता ।। आँगन में ये गिरती बूदें , तन की प्यास बुझाता ।
Parul Sharma
krishna vani मोरा जियरा बिसरा रे यमुना घाट के किनारे कान्हा आजा तू बंसी बजारे। मोरा जियरा बिसरा रे सपनों में देखूँ,नैनन में देखूँ तोरी सांवली सूरत दरपन में देखूँ। जग सांवला हुआ रे। यमुना घाट के किनारे कान्हा आजा तू बंसी बजारे। तेरी बंसी की धुन गूँज रही पत्तन में, रज रज में पूरे गोकुल की सुधबुध गयी जबसे यादें छोड़ गया तू गोकुल में अब आ भी जारे यमुना घाट के किनारे कान्हा आजा तू बंसी बजारे। पारुल शर्मा #NojotoQuote मोरा जियरा बिसरा रे यमुना घाट के किनारे कान्हा आजा तू बंसी बजारे। मोरा जियरा बिसरा रे सपनों में देखूँ,नैनन में देखूँ तोरी सांवल
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
पाकर साथ तुम्हारा मैं भी जीना सीख गया , खुद को हारा तुमको जीता मरना सीख गया , आदि शक्ति तुम ही हो मेरी ये जीवन सौप दिया , इस युग में नहीं तुमसे बड़ा मैने सीख लिया ,, तुमसे चंदा तुमसे सूरज जीवन मान लिया , तुम हो मेरे दिल की दुनिया अब ये जान लिया , पाकर साथ तुम्हारा मैं भी जीना सीख गया, तुमसे मेरी धड़कन चलती ये पहचान लिया तुम हो साथ हमारे हमदम अपना मान लिया , तुझसे और न माँगू कुछ भी धड़कन मान लिया , पाकर साथ तुम्हारा मैं भी जीना सीख गया , साथ रहे तू जीवन भर यूँ दरपन मान लिया,, महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR पाकर साथ तुम्हारा मैं भी जीना सीख गया , खुद को हारा तुमको जीता मरना सीख गया , आदि शक्ति तुम ही हो मेरी ये जीवन सौप दिया , इस
Parul Sharma
मोरा जियरा बिसरा रे यमुना घाट के किनारे कान्हा आजा तू बंसी बजारे। मोरा जियरा बिसरा रे सपनों में देखूँ,नैनन में देखूँ तोरी सांवली सूरत दरपन में देखूँ। जग सांवला हुआ रे। यमुना घाट के किनारे कान्हा आजा तू बंसी बजारे। तेरी बंसी की धुन गूँज रही पत्तन में, रज रज में पूरे गोकुल की सुधबुध गयी जबसे यादें छोड़ गया तू गोकुल में अब आ भी जारे यमुना घाट के किनारे कान्हा आजा तू बंसी बजारे। पारुल शर्मा #Krishna गीत मोरा जियरा बिसरा रे यमुना घाट के किनारे कान्हा आजा तू बंसी बजारे। मोरा जियरा बिसरा रे सपनों में देखूँ,नैनन में देखूँ