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SarkaR
वक्त ने ला छोड़ा कुछ ऐसे मोड पर। आंसू भी गिरा लेता हु में, सारी हिम्मत जोड़ कर। ©SarkaR #मोड
Poet Kuldeep Singh Ruhela
आज यूं जी करे की तुम्हे देखते ही जाय एक पल एक सांस तुमसे नजर न हटाए तुम इतनी सुंदर कब बनी देखा नही बस अब यही तुम्हारी अदा हमारे दिल में उतर जाती हैं! ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #शायरी आज यूं जी करे की तुम्हे देखते ही जाय एक पल एक सांस तुमसे नजर न हटाए तुम इतनी सुंदर कब बनी देखा नही बस अब यही तुम्हारी अदा हमारे दिल
Rameshkumar Mehra Mehra
कभी- कभी जिंदगी हमे ऐसे..... मोड पर लाकर खडा कर देती है...! जहां से रास्ते तो बहुत दिखते है......!! पर मंजिल कही नजर नही आती....... ©Rameshkumar Mehra Mehra # कभी- कभी जिंदगी हमे ऐसे मोड, पर लाकर खड़ा कर देती है, जहाँ से रास्ते। तो बहुत दिखते है, पर मंजिल कही नजर नही आती...💕
Dheeraj saini dheer
मैं अक्सर कहकर दिल को चुभने वाली बात दिल तोड देता हूँ जहाँ कद्र ना हो अपनी वहाँ से मुहँ मोड लेता हूँ... धीरज सैनी धीर @@*** ©Dheeraj saini dheer #sunrisesunset मैं अक्सर कहकर दिल को चुभने वाली बात दिल तोड देता हूँ जहाँ कद्र ना हो अपनी वहाँ से मुहँ मोड लेता हूँ...#loveshayari#sadstatu
Ankur tiwari
अपने शब्दों का चयन यहां सोच समझकर करो कौन कैसा हैं यहां पर यह बात भी जग जाहिर हैं अंजान फीलिंग और फोन साइलेंट मोड पर रखो ये आजकल के लोग मज़ाक बनाने में बड़े माहिर हैं @अंकुर तिवारी ©Ankur tiwari #Dostiforever अपने शब्दों का चयन यहां सोच समझकर करो कौन कैसा हैं यहां पर यह बात भी जग जाहिर हैं फीलिंग और फोन दोनो साइलेंट मोड पर रखो अंज
KP EDUCATION HD
KP EDUCATION HD video recording HD video recording HD video recording HD video recording ©KP EDUCATION HD KP EDUCATION HD कंवरपाल प्रजापति motivational status आवेदन शुल्क UR/EWS/OBC उम्मीदवारों के लिए: रु. 1000/- अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल दर्द दिल का अब छुपाए कैसे । रंग महफ़िल में जमाए कैसे ।।१ हो चुकी है आज उम्र भी अपनी । नैन उनसे फिर मिलाए कैसे ।।२ पास दौलत भी कहाँ अब इतनी । ब्याह बेटी का रचाए कैसे ।।३ आज झुक भी तो नहीं पाता मैं खार राहों से हटाए कैसे ।।४ बोझ बढ़ता ही गया कांधो का । अब झुके काँधें दिखाए कैसे ।।५ मोह माया ने इस तरह जकड़ा । छोड़ घर को मंदिर जाए कैसे ।।६ पाप इतने कर लिए है उसने । अब प्रखर गंगा नहाए कैसे ।।७ १३/१२/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल दर्द दिल का अब छुपाए कैसे । रंग महफ़िल में जमाए कैसे ।।१
Rameshkumar Mehra Mehra
Bharat Bhushan pathak
जीवन मार्ग के बस दो रस्ते,चलना होता हँसते-रोते। उदय एक का नाम सब जानें,पाते कोई रहते खोते।। एक मिलाए,दूजा हटाए,जन्म एक सुनें दूजा मृत्यु। बचे जी रहना इससे मुश्किल,चाहे राजा या भले दस्यु।। ©Bharat Bhushan pathak #जीवनसत्य#यथार्थदर्शन जीवन मार्ग के बस दो रस्ते,चलना होता हँसते-रोते। उदय एक का नाम सब जानें,पाते कोई रहते खोते।। एक मिलाए,दूजा हटाए,जन्म एक