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Ek villain
लंबे अरसे के बाद भारत में किसी बहुराष्ट्रीय सम्मेलन में पाकिस्तान ने अपना प्रतिनिधिमंडल भेजा है अन्य सभी देशों की तरह उसके स्वागत में भी भारत ने कोई कसर नहीं छोड़ी बेंगलुरु में होने वाले इस बैठक में अंतिम फैसला हुआ कि सभी प्रतिनिधियों को रखा था आईटीआई कंपनी के परिसर से लिया जाएगा चीन और रुपीस रूस समेत देशों के प्रतिनिधि ने तो इसे सहर्ष स्वीकार कर लिया लेकिन पाकिस्तान के प्रतिनिधियों ने इसे मानने से मना कर दिया क्योंकि इसका कोई कारण नहीं है लगता है कि यह पड़ोसी देश आदत से मजबूर है ©Ek villain #ramleela हमारा पड़ोसी देश आदत से मजबूर
Ek villain
क्या यह महज एक दुर्भाग्य ही है कि पाकिस्तान श्रीलंका अफगानिस्तान और म्यांमार फिलहाल राजनीतिक एवं आर्थिक स्तर के दौर से गुजर रहे हैं अगर हम पिछले कुछ वर्ष तक जायजा ले तो मालदीव नेपाल भी कई बार राजनीतिक और आर्थिक निश्चित अधिक शिकार रहे भारत ने इन सभी पड़ोसी देश को नाजुक देश कहना ज्यादा उचित होगा मेरी का विचार मंच फंड फॉर पीस द्वारा संगीत कमजोर देशों की करंसी के अनुसार 169 देशों में अफगानिस्तान पाकिस्तान और भारत इन सभी देशों के मुकाबले में हमारा देश स्वतंत्र भारत और पाकिस्तान पाकिस्तान और बांग्लादेश ©Ek villain #संकटग्रस्त पड़ोसी देशों का सहारा बना भारत #Life
True Voice
Tarun Vij भारतीय
थी जो चटक रंग बिरंगी जुगनुओ सी, हर चमक मानो आंसू की बूंद सी जली। बुझ गया चूल्हा उस कुम्हार के घर में, मेरे घर जब दिवाली की लड़ी जली। अब दिखता नहीं बाज़ार या नुक्कड़ पर वो, भुर गया मिट्टी का दिआ हवा चीनी जो चली। चौबारे भी तो सूने रहने लगे है दिवाली में, इस नई चमक में भी पहले सी सजती नहीं गली। काश जला लेता दिआ मैं उस गरीब से खरीद कर, जलते दीप न दिल जलता कोई इस दिवाली... जलते दीप न दिल जलता कोई इस दिवाली... अब के दिवाली फिर वही लाए, जहां दीए जले, ना दिल जले। दिपावाली की चमक-दमक में हमने कितना कुछ बदल दिया, जिन दीवारों, चौबारो, दरवाजों पर मिट्टी
vibrant.writer
💥 सोशियल प्रचार फ्लॉप शो 💨 जब तक व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर पर यह प्रचार एक तरफा था तब तक यह काम में आ गया, 2014 में चुनाव जीता गया पर 2018 आते-आते सारी पार्टियों ने इस हथियार का उपयोग करना सीख लिया। इसीलिए हर फोटो पर नकली चार-पांच लाख लाइक्स पाने वाले हार गए और असल 500 से 1000 लाइक्स पाने वाले जीत गए। अब सोशल प्रचार बस एक राजनैतिक भड़ास निकालने का साधन रह गया या कहें मनोरंजन का साधन रह गया है जो कि सोशल मीडिया का असल काम है। तो अगर आप ऐसे किसी मैसेज को फॉरवर्ड कर रहे हैं तो आपके अंदर बेहद गुस्सा भरा है, जो आप को तो नुकसान करेगा ही आपके परिवार को भी इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। तो अपने बीवी बच्चों का और ना हो तो अपने आप का ख्याल करें और इस फालतू मैसेज फॉरवर्ड की बीमारी से बचें अपना ख्याल रखें आप अनमोल है। 💥 सोशियल प्रचार फ्लॉप शो 💨 तीन जगह करारी हार के बाद जैसे मेरा अनुमान था वैसे ही हुआ, पहले से तैयार किए हुए मैसेजीस सारे ग्रुप्स में आए- लाउ
Vikas Sharma Shivaaya'
✒️जीवन 📖की पाठशाला 🖋️ जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की सेना दिवस, भारत में हर वर्ष 15 जनवरी को लेफ्टिनेंट जनरल (बाद में फ़ील्ड मार्शल) के. ... करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। उन्होंने 15 जनवरी 1949 को ब्रिटिश राज के समय के भारतीय सेना के अंतिम अंग्रेज शीर्ष कमांडर जनरल रॉय फ्रांसिस बुचर से यह पदभार ग्रहण किया था। जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की 15 जनवरी भारत के गौरव को बढ़ाने और सीमा की सुरक्षा करने वाले जवानों के सम्मान का दिन होता है। इस साल भारत का 74 वां सेना दिवस मनाया जा रहा है। 15 जनवरी को नई दिल्ली और सभी सेना मुख्यालयों पर सैन्य परेडों, सैन्य प्रदर्शनियों व अन्य कार्यक्रमों का आयोजन होता है। इस मौके पर देश थल सेना की वीरता, उनके शौर्य और कुर्बानियों को याद करता है। जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की राजा महाराजाओं के दौर में हर शासक के अपने सैनिक होते थे लेकिन ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारतीय सेना का गठन साल 1776 में कोलकाता में किया। उस समय भारतीय सेना ईस्ट इंडिया कंपनी की सैन्य टुकड़ी थी, जिसे बाद में ब्रिटिश भारतीय सेना का नाम मिला और अंत में भारतीय थल सेना के तौर पर देश के जवानों को पहचान मिली। आखिर में एक ही बात समझ आई की भारतीय थलसेना-सेना की भूमि- आधारित दल की शाखा है और यह भारतीय सशस्त्र बल का सबसे बड़ा अंग है। भारत का राष्ट्रपति, थलसेना का प्रधान सेनापति होता है,और इसकी कमान भारतीय थल सेनाध्यक्ष के हाथों में होती है जो कि चार-सितारा जनरल स्तर के अधिकारी होते हैं। पाँच-सितारा रैंक के साथ फील्ड मार्शल की रैंक भारतीय सेना में श्रेष्ठतम सम्मान की औपचारिक स्थिति है, आजतक मात्र दो अधिकारियों (फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ, सैन्य क्रॉस, पद्म विभूषण और पद्म भूषण (1 जनवरी 1973) फील्ड मार्शल के. एम. करिअप्पा, ऑर्डर ऑफ़ ब्रिटिश एम्पायर, मेन्शंड इन डिस्पैचैस और लीजियन ऑफ मेरिट (14 जनवरी 1986) ). भारतीय सेना का उद्भव ईस्ट इण्डिया कम्पनी, जो कि ब्रिटिश भारतीय सेना के रूप में परिवर्तित हुई थी, और भारतीय राज्यों की सेना से हुआ, जो स्वतन्त्रता के पश्चात राष्ट्रीय सेना के रूप में परिणत हुई। भारतीय सेना की टुकड़ी और रेजिमेंट का विविध इतिहास रहा हैं इसने दुनिया भर में कई लड़ाई और अभियानों में हिस्सा लिया है, तथा आजादी से पहले और बाद में बड़ी संख्या में युद्ध सम्मान अर्जित किये।है। यह भारतीय नौसेना और भारतीय वायुसेना के साथ राष्ट्रीय शक्ति का एक प्रमुख अंग है। सेना अब तक पड़ोसी देश इस्लामी पाकिस्तान के साथ चार युद्धों तथा चीन के साथ एक युद्ध लड़ चुकी है। बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! 🙏सुप्रभात 🌹 आपका दिन शुभ हो विकास शर्मा'"शिवाया" 🔱जयपुर -राजस्थान 🔱 ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️जीवन 📖की पाठशाला 🖋️ जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की सेना दिवस, भारत में हर वर्ष 15 जनवरी को लेफ्टिनेंट जनरल (बाद में फ़ील्ड मार्शल) के. ... क
SHREENIVAS MITAKUL