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The Urban Rishi
मैं बह रहा हूँ, निर्बाध, निःसंकोच, निरुद्देश्य, मेरा जीवन के प्रवाह पे कोई नियंत्रण नही, मैं इतने बंधनों में हूँ, की मुक्त हो गया हूँ, मैं बह रहा हूँ, निस्तेज,निरालक्ष्य, निर्दिष्ट, मैं मुक्त हो रहा हूँ, मैं बंधता जा रहा हूँ, बंधना मेरा स्वभाव है, मैं एक से मुक्त होता हूँ, तो दूसरे से बंध जाता हूँ, मैं सतत बंधन और मुक्ति के इस खेल में संलग्न हूँ, मैं बह रहा हूँ, रुकना संभवतः मेरा भाग्य नही, प्रारब्ध नही। ©The Urban Rishi मैं बह रहा हूँ, निर्बाध, निःसंकोच, निरुद्देश्य, मेरा जीवन के प्रवाह पे कोई नियंत्रण नही, मैं इतने बंधनों में हूँ, की मुक्त हो गया हूँ, मैं ब
मैं बह रहा हूँ, निर्बाध, निःसंकोच, निरुद्देश्य, मेरा जीवन के प्रवाह पे कोई नियंत्रण नही, मैं इतने बंधनों में हूँ, की मुक्त हो गया हूँ, मैं ब #WorldAsteroidDay #theurbanrishi
read moreShree
कब तक यूं ही खुद को भुलाते रहोगे, बहलाते रहोगे अंधेरे रास्तों पर निरुत्तर, निरुद्देश्य जाते रहोगे? कब तक यूं ही दिन गवाते रहोगे, कहो कब तक बेमतलब की बातों में दिल लगाते रहोगे? कब तक यूं ही मेहरबानियां को प्यार कहोगे और सच्चे रिश्ते तराशते हुए क्या कुछ खोओगे? कब तक यूं ही चेहरे पर चेहरा लगाकर चलोगे नाकामियों को अपनी मजबूरी का नाम देते रहोगे? कब तक यूं ही सब कुछ समझ कर नासमझ रहोगे धनुष गिरा कर रणभूमि में अर्जुन तुम कैसे जिओगे? कब तक यूं ही खुद को भुलाते रहोगे, बहलाते रहोगे अंधेरे रास्तों पर निरुत्तर, निरुद्देश्य जाते रहोगे? कब तक यूं ही दिन गवाते रहोगे, कहो कब तक ब
कब तक यूं ही खुद को भुलाते रहोगे, बहलाते रहोगे अंधेरे रास्तों पर निरुत्तर, निरुद्देश्य जाते रहोगे? कब तक यूं ही दिन गवाते रहोगे, कहो कब तक ब #yqdidi #YourQuoteAndMine #yqrestzone #collabwithrestzone #rzcinemagraph #yqrz #rz_कबतकयूँही
read moreअशेष_शून्य
अत्यधिक व्यस्तता निरसता को जन्म देती है और अत्यधिक निरसता एक निरुद्देश्य जीवन को ; जिसमें जीवन होने के एहसास का नाम मात्र भी नही बचता ना ही वो हमें बचा पाता है।। ~© Anjali Rai— % & कुछ अच्छा लिखा नहीं जा रहा ना ही कुछ अच्छा पढ़ा जा रहा ना ही कुछ अच्छा सुना जा रहा ना ही अच्छा बोला जा रहा है पर सबके हाथ पैर जिह्वा बस चल
कुछ अच्छा लिखा नहीं जा रहा ना ही कुछ अच्छा पढ़ा जा रहा ना ही कुछ अच्छा सुना जा रहा ना ही अच्छा बोला जा रहा है पर सबके हाथ पैर जिह्वा बस चल
read moreVikas Sharma Shivaaya'
📖✒️जीवन की पाठशाला 📙🖋️ शरीर, मस्तिष्क और आत्मा से है ध्यान का संबंध:- जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की ध्यान शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य के लिए बिलकुल निःशुल्क हानिरहित उपचार पद्धति है। इस सत्य को प्रायः हर उम्र तथा हर वय के व्यक्ति ने स्वीकारा है।* जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की ध्यान के माध्यम से कुप्रवृत्तियों पर अंकुश एवं सद्वृत्तियों का विकास सहजता से किया जा सकता है। जब भी एकाग्र मन से किसी भी विषय में सोचा जाए, मनन किया जाए तो वह शीघ्र फलित होने लगता है, खासतौर पर स्वयं के स्वभाव व आदतों को बदलने की दिशा में।* जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की ध्यान एक ऐसी क्रिया है, जिसका संबंध शरीर, मस्तिष्क तथा आत्मा तीनों से होता है अर्थात तीनों के सामंजस्य से यह क्रिया संपन्न होती है। तीनों पर इस क्रिया (ध्यान) का प्रभाव भी पड़ता है। न करने से पूर्व इस बात का विशेष खयाल रखें कि इस दौरान किसी भी प्रकार के अनिष्टकारी, अहितकारी एवं अस्वस्थ विचार मन में न आएं। अन्यथा परिस्थितियां विपरीत भी हो सकती हैं।* आखिर में एक ही बात समझ आई की ध्यान करने से पूर्व इन 8 बिंदुओं पर अवश्य ध्यान दीजिए -* 1⃣ध्यान के समय ढीले वस्त्रों का प्रयोग करें। 2⃣हमेशा शांतिमय स्वच्छ वातावरण व स्थान का चयन करें। 3⃣यदि घर पर ही ध्यान करते हों तो ऐसे वक्त कीजिए जब घर में सदस्यों की उपस्थिति कम से कम हो, ताकि ध्यान में किसी प्रकार का विघ्न न पड़े। 4⃣किसी के बुलाने (मध्य में ध्यान के) या फोन इत्यादि की घंटी बजने पर एकदम से उठकर न जाएं, इससे सिर दर्द हो सकता है या हल्के चक्कर भी आ सकते हैं। 5⃣कोशिश कीजिए कि ध्यान करते वक्त सकारात्मक विचारों की ही पुनरावृत्ति हो। 6⃣ध्यान करने के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण तथ्य है, अधिक तनाव में कभी ध्यान न करें। यह सच है कि ध्यान करने से तनाव कम होता है, लेकिन यह भी सच है कि अत्यधिक तनाव में ध्यान करने से तनाव बढ़ता है। 7⃣अधिक व्यस्तता के मध्य ध्यान न करें। अनेक बार त्योहारों में मेहमानों के आने से या अन्य किसी कारणवश यदि कार्य का बोझ शादी-विवाह इत्यादि अवसरों पर बढ़ जाए तो जबरदस्ती ध्यान न करें, क्योंकि ध्यान में भी बार-बार आपको समयावधि में कार्य पूर्ण करने की चिंता सताएगी अतः ध्यान में व्यय किया गया समय निरुद्देश्य ही जाएगा। 8⃣ध्यान समाप्ति के पश्चात कम से कम पंद्रह मिनट तक एकदम स्फूर्ति से कोई भी कार्य न करें। *🛑यदि इन बातों को ध्यान में रखा जाए तो निश्चित ही इससे उत्तम फल प्राप्ति संभव है।* बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! 🙏सुप्रभात 🌹 आपका दिन शुभ हो विकास शर्मा'"शिवाया" 🔱जयपुर -राजस्थान 🔱 ©Vikas Sharma Shivaaya' 📖✒️जीवन की पाठशाला 📙🖋️ शरीर, मस्तिष्क और आत्मा से है ध्यान का संबंध:- जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की ध्यान शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य के लि
📖✒️जीवन की पाठशाला 📙🖋️ शरीर, मस्तिष्क और आत्मा से है ध्यान का संबंध:- जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की ध्यान शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य के लि #समाज
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