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"सीमा"अमन सिंह
Unsplash दिसंबर की धुंध में खोई फिज़ा, ठंडी हवाओं का छूना सज़ा। एक कप चाय की चाहत लिए, रातों ने जाग कर ख्वाब पिए। सहमी हुई रात, खामोश गगन, नयी सुबह का हो संग लगन। आंखें इंतजार में थम सी गईं, सपनों की लहरें थमने लगीं। पर जब सुबह की दस्तक हुई, धुंध के परदे भी हल्के हुए। सूरज ने हौले से मुस्का दिया, जीवन में उजियारा भर दिया। अब दिल में न कोई डर रह गया, हर ख्वाब को पंख मिल गया। यह सुबह है, नई शुरुआत है, जीवन में फिर से मधुमास है। ©"सीमा"अमन सिंह #banarasi_Chhora #चाय #chai
सूरज
White दूसरों की हार को चर्चा का विषय मत बनाओ उसको अपना सबक मान कर अपने पर कार्य करो ताकि कोई दूसरा तुम्हारी हार को चर्चा में ना ला सके । ©सूरज #हार को चर्चा का विषय मत बनाए ।
#हार को चर्चा का विषय मत बनाए ।
read moreShiva Sarika
Unsplash चाय सा कहां कोई हैं साहेब चाय का नशा करने वाले से पुछों जिसके बिना सुबह की शुरुआत नहीं होती बिना पीएं शाम नहीं ढ़लती ©Shiva Sarika #चाय
- Arun Aarya
जिस पेड़ पर हृदय के आकार के अंदर तुम्हारा मेरा नाम लिखा था , उस पेड़ के कटी लकड़ी से आज चूल्हें पर चाय बनाई है मैंने। - अरुन आर्या ©- Arun Aarya #GingerTea #चाय
Mayuri Bhosale
शायरी चाय लव्हर.... जिसने चाय को ठुकरा दिया फिर उसने जिंदगी मे आके क्या किया कहते है लत लगी है इसकी हमें एक प्याली लेकर देखो फिर बताओ कैसे लगता है तुम्हे सुबह की शुरुवात का तुम बने हो मेरे बुक का कव्हर हर समस्या की दवा है ये आप भी बन जाओ चाय लव्हर . ©Mayuri Bhosale #चाय लवर
#चाय लवर
read moreBalwant Mehta
नींबू वाली चाय, जो पेट घटाए, अदरक वाली चाय, जो खराश मिटाए। मसाले वाली चाय से इम्युनिटी बढ़ती, मलाई वाली चाय हैसियत जताती। सुबह की चाय ताजगी लाए, शाम की चाय थकान भगाए। दुकान की चाय मज़ा कर जाए, पड़ोसी की चाय संबंध बढ़ाए। मित्रों के संग चाय रंगत लाए, पुलिसिया चाय मुसीबत से बचाए। अधिकारियों की चाय फाइलें बढ़ाए, नेताओं की चाय बिगड़े काम बनाए। ©Balwant Mehta #Tea #चाय
नवनीत ठाकुर
White तेरी अदाओं से जो लिखी थी मोहब्बत की दास्तां, आज उसी किताब का अधूरा पन्ना याद आया। तेरी पलकों की स्याही से जो लिखे थे जज़्बात, उन ख्वाबों का सिमटा हुआ फसाना याद आया। तेरे लम्स की तपिश में जो पिघला था वजूद, वो टूटते सितारों का सुहाना गुमां याद आया। तेरी जुल्फों में छुपा था जो शाम का सुकून, आज उसी ढलते सूरज का अंजुमन याद आया। तेरी बातों के फूल जो खिलते थे चमन में, उनकी खुशबू का बिखरा हर जाम याद आया। तेरा नाम जुबां पर आते ही रोशन हुए, हर उस हसीन पल का गुलिस्तां याद आया। हुस्न की महफ़िल में जब तेरे हुस्न का ज़िक्र हुआ, जैसे वीरानों में किसी का सलाम याद आया। तेरे दीदार की हसरत में जो गुज़रे थे लम्हे, उन लम्हों का हर अधूरा ख्वाब याद आया।"** ©नवनीत ठाकुर #हुस्न की चर्चा हुई और तेरा नाम याद आया
#हुस्न की चर्चा हुई और तेरा नाम याद आया
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