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Vs Nagerkoti
Red sands and spectacular sandstone rock formations किस तरह आपको मिला हुआ वरदान भी आपके लिए श्राप साबित हो जाता है । जब आपका लोगों को आसानी से पढ़ लेना ही आपको बेहद तकलीफ देता है । जब आपको महशुश होता है की जिन्हे आप सबसे ज्यादा पसंद करते है वही आपसे सबसे ज्यादा नफरत करते है ।सोचो कैसा लगता होगा उस वक्त । मन की क्या दशा होती होगी । वो इंसान रोज आपके सामने एक ही नाटक करता है।और आपको पता भी होता है। फिर भी आप कुछ नहीं कहते । ©Vs Nagerkoti #Sands यहां लोगों को समझना आपका एक वरदान है । जिससे आपको महसूस होता है कि यहां कोई अपना नहीं है । बल्कि अपने होने का जर्बदस्त नाटक कर रहे
#Sands यहां लोगों को समझना आपका एक वरदान है । जिससे आपको महसूस होता है कि यहां कोई अपना नहीं है । बल्कि अपने होने का जर्बदस्त नाटक कर रहे
read moreParasram Arora
White उलझन वाले छंदो मे उलझ कर कविता मेरी थक कर हाफने लगी है लगता है अब एक नई कविता मन के केनवास पर कहीं जन्म न लें रहीं हो ©Parasram Arora i एक नूई कविता का प्रजनन
i एक नूई कविता का प्रजनन
read moreAnuradha T Gautam 6280
#कविता कविता के कई मतलब हो सकते हैं पर कविता कभी मतलबी नहीं हो सकती..🖊️ अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻♀️ १९/११/२४
read moreWriter Mamta Ambedkar
White मन का जख्म बदन पर जो लगे, वो जख्म भर जाते हैं, वक़्त की मरहम से, दर्द भी मिट जाते हैं। पर जो गहरे घाव, मन के भीतर लगते हैं, वो हर धड़कन के संग, फिर से जी उठते हैं। न कोई मलहम, न कोई दवा कारगर, इन घावों को बस, सहेजना ही है बेहतर। ये घाव सिखाते हैं, जीवन का एक पाठ, हर दर्द के पीछे छुपा, कोई अटल सत्य का साथ। तो मन के जख्मों को, बस प्यार से थाम लो, दर्द की इस धारा में, खुद को पहचान लो। क्योंकि मन का घाव ही, तुम्हें मजबूत बनाएगा, और जीवन के हर मोड़ पर, नया सूरज दिखाएगा। ©Writer Mamta Ambedkar #sad_quotes हिंदी कविता कविता कोश कविताएं कविता प्रेम कविता
#sad_quotes हिंदी कविता कविता कोश कविताएं कविता प्रेम कविता
read moreकवि प्रभात
मग देखेंगे नैन द्वय, तव तब तक प्रियतम | जब तक काल के ग्रास न, बन जायेंगे हम || ©कवि प्रभात हिंदी कविता कविता कोश कविता
हिंदी कविता कविता कोश कविता
read moreShivkumar barman
White तब मदद की,, जब सब बहाने बना रहे थे । ©Shivkumar barman #नाकामी हार नहीं.....! #Nojoto #कविता #हिन्दीकविता #बेजुबानशायर #बेजुबानशायर143 Kshitija Rakesh Srivastava बेजुबान शायर shivkumar Abhi
नाकामी हार नहीं.....! कविता हिन्दीकविता बेजुबानशायर बेजुबानशायर143 Kshitija Rakesh Srivastava बेजुबान शायर shivkumar Abhi
read moreनवनीत ठाकुर
जमीन पर आधिपत्य इंसान का, पशुओं को आसपास से दूर भगाए। हर जीव पर उसने डाला है बंधन, ये कैसी है जिद्द, ये किसका अधिकार है।। जहां पेड़ों की छांव थी कभी, अब ऊँची इमारतें वहाँ बसी। मिट्टी की जड़ों में जीवन दबा दिया, ये कैसी रचना का निर्माण है।। नदियों की धाराएं मोड़ दीं उसने, पर्वतों को काटा, जला कर जंगलों को कर दिया साफ है। प्रकृति रह गई अब दोहन की वस्तु मात्र, बस खुद की चाहत का संसार है। क्या सच में यही मानव का आविष्कार है? फैक्ट्रियों से उठता धुएं का गुबार है, सांसें घुटती दूसरे की, इसकी अब किसे परवाह है। बस खुद की उन्नति में सब कुर्बान है, उर्वरक और कीटनाशक से किया धरती पर कैसा अत्याचार है। हरियाली से दूर अब सबका घर-आँगन परिवार है, किसी से नहीं अब रह गया कोई सरोकार है, इंसान के मन पर छाया ये कैसा अंधकार है।। हरियाली छूटी, जीवन रूठा, सुख की खोज में सब कुछ छूटा। जो संतुलन से भरी थी कभी, बेजान सी प्रकृति पर किया कैसा पलटवार है।। बारूद के ढेर पर खड़ी है दुनिया, विकसित हथियारों का लगा बहुत बड़ा अंबार है। हो रहा ताकत का विस्तार है,खरीदने में लगी है होड़ यहां, ये कैसा सपना, कैसा ये कारोबार है? ये किसका विचार है, ये कैसा विचार है? क्या यही मानवता का सच्चा आकार है? ©नवनीत ठाकुर #प्रकृति का विलाप कविता
#प्रकृति का विलाप कविता
read moreबेजुबान शायर shivkumar
White जब कदर ही नहीं, तो साथ रहने का क्या फायदा, दिल की बातें जहां अनसुनी हों, इस सफर का क्या फायदा ? रिश्ते में गर एहसास नहीं, वो अपनापन नहीं, तो किसी को अपना कहने का क्या फायदा ? अगर कदर नहीं मेरी, न साथ की चाहत है, तो ऐसे बेमायने रिश्ते को निभाने का क्या फायदा ? ©बेजुबान शायर shivkumar जब #कदर ही नहीं, तो साथ रहने का क्या फायदा, दिल की बातें जहां #अनसुनी हों, इस सफर का क्या फायदा ? रिश्ते में गर #एहसास नहीं, वो अपना