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Vibhor VashishthaVs
Meri Diary #Vs❤❤ ‼️💥सुप्रभात💥‼️ वृन्दां वृन्दावनीं विश्वपावनीं विश्वपूजिताम् । पुष्पसारां नन्दिनीं च तुलसीं कृष्णजीवनीम् ॥॥ एतन्नामाष्टकं चैतत्स्तोत्रं नामार्थसंयुतम् । यः पठेत्तां च संपूज्य सोऽश्वमेधफलं लभेत् ॥॥ अर्थात:- वृंदा वृंदावनी विश्वपावनी विश्वपूजिता पुष्पसारा नंदिनी तुलसी और कृष्ण जीवनी यह तुलसी जी के आठ नाम है। यह सार्थक नामावली स्तोत्र के नाम से जाना जाता है। जो तुलसीजी की पूजा करके इस नामाष्टक को पढ़ता है उसे अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है..। ‼️🚩मेरी संस्कृति🌱 मेरा अभिमान🚩‼️ जब विश्व को सभ्यता का भी नहीं पता था। तब से हमारा देश संस्कारों की 🌿तुलसी🌿 से आँगन सजा रहा था..। सभी सनातनियों को 🌿तुलसी🌿 पूजन दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं...l 🙏तुलसी माता आपको कोटि कोटि प्रणाम🙏 🙏🏵जय जय श्री हरि🏵🙏 💐आप सभी का दिन शुभ एवं मंगलमय हो💐 ✍️Vibhor vashishtha Vs Meri Diary #Vs❤❤ ‼️💥सुप्रभात💥‼️ वृन्दां वृन्दावनीं विश्वपावनीं विश्वपूजिताम् । पुष्पसारां नन्दिनीं च तुलसीं कृष्णजीवनीम् ॥॥ एतन्नामाष्टकं
priyanka yadav
#KargilVijayDiwas कारगिल विजय दिवस भाग-3 #kargilvijaydiwas आइये अब हम आपको अपने कुछ वीर शहीद सैनिकों के नामों से अवगत कराते हैं। 1 कैप्टन विक्रम बत्रा, ये पालमपुर हिमाचल
Ravendra
N S Yadav GoldMine
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की लालच का फल कभी मीठा नहीं होता है जरूर पढ़िए !! 🎀🎀 {Bolo Ji Radhey Radhey} ब्राह्मण और सर्प-पंचतंत्र :- 🌉 किसी नगर में हरिदत्त नाम का एक ब्राह्मण निवास करता था। उसकी खेती साधारण ही थी, अतः अधिकांश समय वह खाली ही रहता था। एक बार ग्रीष्म ऋतु में वह इसी प्रकार अपने खेत पर वृक्ष की शीतल छाया में लेटा हुआ था। सोए-सोए उसने अपने समीप ही सर्प का बिल देखा, उस पर सर्प फन फैलाए बैठा था। 🌉 उसको देखकर वह ब्राह्मण विचार करने लगा कि हो-न-हो, यही मेरे क्षेत्र का देवता है। मैंने कभी इसकी पूजा नहीं की। अतः मैं आज अवश्य इसकी पूजा करूंगा। यह विचार मन में आते ही वह उठा और कहीं से जाकर दूध मांग लाया। 🌉 उसे उसने एक मिट्टी के बरतन में रखा और बिल के समीप जाकर बोला, हे क्षेत्रपाल! आज तक मुझे आपके विषय में मालूम नहीं था, इसलिए मैं किसी प्रकार की पूजा-अर्चना नहीं कर पाया। आप मेरे इस अपराध को क्षमा कर मुझ पर कृपा कीजिए और मुझे धन-धान्य से समृद्ध कीजिए। 🌉 इस प्रकार प्रार्थना करके उसने उस दूध को वहीं पर रख दिया और फिर अपने घर को लौट गया। दूसरे दिन प्रातःकाल जब वह अपने खेत पर आया तो सर्वप्रथम उसी स्थान पर गया। वहां उसने देखा कि जिस बरतन में उसने दूध रखा था उसमें एक स्वर्णमुद्रा रखी हुई है। 🌉 उसने उस मुद्रा को उठाकर रख लिया। उस दिन भी उसने उसी प्रकार सर्प की पूजा की और उसके लिए दूध रखकर चला गया। अगले दिन प्रातःकाल उसको फिर एक स्वर्णमुद्रा मिली।इस प्रकार अब नित्य वह पूजा करता और अगले दिन उसको एक स्वर्णमुद्रा मिल जाया करती थी। 🌉 कुछ दिनों बाद उसको किसी कार्य से अन्य ग्राम में जाना पड़ा। उसने अपने पुत्र को उस स्थान पर दूध रखने का निर्देश दिया। तदानुसार उस दिन उसका पुत्र गया और वहां दूध रख आया। दूसरे दिन जब वह पुनः दूध रखने के लिए गया तो देखा कि वहां स्वर्णमुद्रा रखी हुई है। 🌉 उसने उस मुद्रा को उठा लिया और वह मन ही मन सोचने लगा कि निश्चित ही इस बिल के अंदर स्वर्णमुद्राओं का भण्डार है। मन में यह विचार आते ही उसने निश्चय किया कि बिल को खोदकर सारी मुद्राएं ले ली जाएं। सर्प का भय था। किन्तु जब दूध पीने के लिए सर्प बाहर निकला तो उसने उसके सिर पर लाठी का प्रहार किया। 🌉 इससे सर्प तो मरा नहीं और इस प्रकार से क्रुद्ध होकर उसने ब्राह्मण-पुत्र को अपने विषभरे दांतों से काटा कि उसकी तत्काल मृत्यु हो गई। उसके सम्बधियों ने उस लड़के को वहीं उसी खेत पर जला दिया। कहा भी जाता है लालच का फल कभी मीठा नहीं होता है। सीख :-🌉 लालच बुरी बला है। ©N S Yadav GoldMine #hands इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की लालच का फल कभी मीठा नहीं होता है जरूर पढ़िए !! 🎀🎀 {Bolo Ji Radhey Radhey} ब्राह्मण और सर्प-पंचतंत्