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Manish mali

नेट जेआरएफ पंक्तियाँ

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जेहि इमि जावहि वेद बुध,जाहि धरहिं मुनि ध्यान ।
सोई दसरथ सुत भगत हित,कोसलपति भगवान ।।
गोस्वामी तुलसीदास नेट जेआरएफ पंक्तियाँ

Manish mali

नेट जेआरएफ हिन्दी पंक्ति #OpenPoetry

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#OpenPoetry दैहिक,दैविक,भौतिक तापा,रामराज्य काहुहिं नहीं व्यापा।
-तुलसीदास नेट जेआरएफ हिन्दी पंक्ति

Parasram Arora

# पात्रता.......

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अतीत की  दैदीप्यमान  गाथा क़े 
किरदार थे 
राम   कृष्ण    मोहम्मद  और  इशू 
जिन्होंने  अपने अपने  युगों  को   संभाला था 
तराशा  था 
ज्ञान  और  प्रेम का  संदेश  देकर  ये  संदेश  दीया था 
क़ि  जीवन का खजाना   अकूत  है  
इसकी  गहराई   अथाह  है  l
अभी  तुम  स्वर्ग  मे होने का   तजुर्बा . यहां    जीतेजी  ले  लो 
क्या पता  मरने क़े बाद  कोई  स्वर्ग  हो    न हो  पर    कम से कम   स्वर्ग  मे   रहने  की    पात्रता   तो तुममें 
आ ही  जायेगी # पात्रता.......

Manish mali

नेट जेआरएफ हिन्दी साहित्य

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परहित सरिस धरम नहीं भाई, परपीड़ा राम नहीं अधमाई ।
गोस्वामी तुलसीदास नेट जेआरएफ हिन्दी साहित्य

Parasram Arora

पात्रता #कविता

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सूखी हुई घास को नमी देने वाली  उस
ओस क़ी नन्ही बूँद ने कभी धन्यता पाने क़ी
अपेक्षा नही रखी
क्योंकि वो जानती  है कि
अगले कुछ क्षणों मे  सूरज अपनी  प्रखर
किरणों को भेजनें वाला हैऔर उस घास को फिर सुखा देगा  उस 
ओस क़ी नन्ही बूँद क़ी नमी को पीकर
तों वह किस मुँह से  धन्यवाद पाने क़ीअपनी पात्रता  सिद्ध करें.. क्योंकि अल्प समय के लिये सूखी घास
को नमी देकर उसने कोई बड़ा  उपकार का काम नही किया है

©Parasram Arora पात्रता

Ek villain

#सो पात्रता #selflove #Society

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धार्मिक कार्यक्रमों में पूजा शुरू करने से पहले कलश स्थापना की जाती है कलसा मिट्टी से लेकर धातु तक होता है कलश स्थापित करते समय प्रथम दृष्टि देख लिया जाता है कि कल शानदार से टूटा या गंदा तो नहीं है कल से यदि चटका हुआ या क्षेत्र युक्त होता तो उसमें रखा हुआ जल इस्तेमा रहकर बह जाएगा यदि अंदर का हिस्सा गंदा होगा तो कल से मैं जो जल भर जाएगा वह भी गंदा होकर रहेगा इससे अपेक्षित प्रयोजन सिद्ध नहीं हो सकेगा मनुष्य को भी पंच भौतिक तत्वों से निर्मित सरूपी को पवित्र और स्वच्छ रखना चाहिए जिस प्रकार टूटे-फूटे कल से मैं नहीं रह सकता है वैसे ही मनुष्य के शरीर यदि मानसिक विकारों के चलते स्वच्छ नहीं है तो प्राकृतिक से निरंतर निकलती कृपा से मैं पूरी तरह वंचित हो जाएगा सूर्य चंद्रमा आकाश तारों से तारों से निरंतर उर्जा निकल रही है इसलिए प्राकृतिक को मां और देवी की संज्ञा दी गई है जिस प्रकार मां संतान को अपनी दृष्टि चिंतन और परिश्रम से निरंतर शक्तिमान बनाती है वही काम पूरा कर दें कि लोग मां भी करती रहती है निरंतर प्रगति होती प्रकृति कृपा आशीर्वाद के लिए सुपात्र होना आवश्यक है सोनिया राजद की कलश क्यों ना हो यदि वह वर्षा ऋतु में पलट कर रखा जाए तो गाना बर्बरता भी बावजूद भरा नहीं सकेगा

©Ek villain #सो पात्रता

#selflove

Bhakti_vat

Ek villain

# जीवन में पात्रता #Stars

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वरदान उसी को प्राप्त होता है जो अपनी पात्रता उसके लायक सिद्ध कर लेता है पात्रता के अभाव में मार गया चाहा आधारित रहती है ईश्वरीय वरदान सूर्य का प्रकाश वृक्ष की छाया सावन की पुकार की फुहार भाटी सतत हर पल बरसती रहती है पर जिनकी चाहा प्रबल योग्यता विकास है विश्वास पूर्ण है संपूर्ण पूर्ण की भावना ईश्वर के पद पर आदमी बनाने की है उनकी शत प्रतिशत लाभ प्राप्त होने में तनक भी संदेश नहीं है ईश्वर किसी के साथ पक्षपात नहीं करते के लिए सृष्टि में सभी समान है आप जितना चाहे उतनी आवश्यकता पूर्ण कर सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको आलस्य त्यागकर पूर्ण परिश्रम करना होगा सृष्टि में जो भी प्राणी ईश्वर ने ही रचा है इसलिए उन्हें अपनी कृति के प्रति अगाध स्नेह सभी प्राणियों के प्रति अपने मातृत्व की भावना करुणा दया की दृष्टि निश्चित रूप से रहती है ईश्वर में अपनी संतान के जीवन यापन के लिए सृष्टि में सभी सुविधाएं प्रदान की है उन सुविधाओं को प्राप्त करने के लिए उचित प्रयास करना मनुष्य का दायित्व बनता है इसके लिए पात्रता का संवर्धन मानव जीवन की भावी जिम्मेदारी है पात्रता के अभाव में व्यक्ति आयोग सिद्ध होता वहीं अगर पात्र गंदा हो तो अमृत भी विश बन जाता है अंत में अपनी सोच को सकारात्मक बनाना पात्रता की पहली सीढ़ी है लोभ मोह अहंकार मत गिरना और द्वेष की भावना में आसक्त व्यक्ति को पात्र होता है सत्य पर सत्ता के लिए मनुष्य के लिए जब तक संख्या पूजा सत्कर्म धर्म चिंतन अत्यंत जरूरी है इसमें अंतरात्मा में देशों का उदय होता है मनुष्य तत्व का प्रकाश पाकर भटगांव से बच जाता है दांतों के प्रकाश में उन्हें उचित अनुचित गलत सही का निर्णय लेने में सक्षम होता है मनुष्य के सदस्य पूर्ण अर्जन करने की मानसिकता बनी रहती है क्योंकि पूर्ण के आधार पर ही जीवन में सुख शांति मिलती है

©Ek villain # जीवन में पात्रता

#Stars

Archana pandey

जैंसी पात्रता वैसा चुनाव #Path #विचार

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जो जिस भाँति काठ चुनै 
पाए उतनहि दृढ़ नाव ..
जस की जैसी पात्रता 
तस का तसही चुनाव.... अर्चना'अनुपमक्रान्ति'
(जिस क्वालिटी की लकड़ी चुनोगे उतनी मजबूत नाव पाओगे(भवसागर संसार सागर से उबरने) ठीक उसी प्रकार व्यक्ति अपनी पात्रता जितना चुनाव करता है..मित्र जीवन साथी और प्रारब्ध हमारे इसी चुनाव का परिणाम हैं)

©Archana pandey जैंसी पात्रता वैसा चुनाव 

#Path

Ek villain

#brokenlove #पात्रता को विकसित करने के लिए कर्म जरूरी है #erotica

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पात्रता को विकसित करने के लिए कर्म जरूरी है एक कर्म वह हैं जिन्हें टाला नहीं जा सकता दूसरा कर्म वह दिन अटाला तो नहीं जा सकता परंतु कम किया जा सकता है और तीसरा कर्म वह हैं जिन्हें टाला जा सकता है हमें इस कर्म पथ का अनुसरण करना है कर्म की प्रधानता से हम पात्रता अर्जित करने में सफल होते हैं और यही पात्रता हमारी नियत का निर्मित बनती है यदि सफलता की कामना है तो पहले पात्रता अर्जित करनी होगी और उसके लिए कर्म को ही मूल मंत्र बनाना होगा इससे निराशा को दूर रखना होगा महा ऋषि वाल्मीकि ने कहा है कि हताशा ना होना सफलता का मूल है और यही परमसुख

©Ek villain #brokenlove #पात्रता को विकसित करने के लिए कर्म जरूरी है
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