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Ravendra Singh
White चाहूं तो मैं बहुत कुछ और भी लिख सकता हूं, जो सिर्फ अपने लिए जीते हैं मैं उनके लिए भी जी सकता हूं, मगर वो तो कमबख्त एहसान फरामोश निकले, जिनके लिए मैं जीते जी जमाने का जहर भी पी सकता हूं।। ©Ravendra Singh #Shiva चाहूं तो मैं बहुत कुछ और भी लिख सकता हूं, जो सिर्फ अपने लिए जीते हैं मैं उनके लिए भी जी सकता हूं, मगर वो तो कमबख्त एहसान फरामोश निकले
#Shiva चाहूं तो मैं बहुत कुछ और भी लिख सकता हूं, जो सिर्फ अपने लिए जीते हैं मैं उनके लिए भी जी सकता हूं, मगर वो तो कमबख्त एहसान फरामोश निकले
read moreseema patidar
मैं पुराने खयालों की शख्स हु जनाब सबको रास नहीं आऊंगी इत्मीनान भरा वक्त चाहिए मुझे समझने और मेरी सोहबत में आने के लिए....... ©seema patidar मैं पुराने खयालों की शख्स हूं ❣️
मैं पुराने खयालों की शख्स हूं ❣️
read moreAshok Verma "Hamdard"
White अभी मिट्टी से जुदा हुआ नहीं हूँ, थका हूँ पर कहीं रुका नहीं हूँ। गिराया वक्त ने, संभलता गया मैं, हारा जरूर हूँ, मगर झुका नहीं हूँ। तेरी राहों का राही बनूं कैसे, मैं कारवां हूँ, मगर रास्ता नहीं हूँ। बिखरने की सज़ा वक्त ने दी है, मगर ख़ुद में मैं अब तक मिटा नहीं हूँ। पिता का अक्स हूँ, पहचान यही है, पर अब तक खुद को तराशा नहीं हूँ। मंजिल मेरी भी होगी एक दिन, सफ़र में हूँ, पर अभी ठहरा नहीं हूँ। भूखा हूँ पर गैर का लूटूं ये मुमकिन नहीं, मैं मेहनत का हूँ, सौदा सस्ता नहीं हूँ। तुम संग हूँ, पर दिल से दूर हूँ शायद, खुद का भी हूँ, तेरा भी पूरा नहीं हूँ। अशोक वर्मा "हमदर्द " ©Ashok Verma "Hamdard" मिट्टी से जुड़ा हुआ हूं मैं
मिट्टी से जुड़ा हुआ हूं मैं
read moreSaurabh Tiwari
White लोग हंसते है और रोते है, लेकिन सुखी वो ही है जो दो पैग लगा कर सोते है। 😀😀😀 ©Saurabh Tiwari #sad_quotes शराबी sad shayri
#sad_quotes शराबी sad shayri
read moreKiran Chaudhary
मैं कोई एक बहुत अच्छी ज़िन्दगी नहीं चाहती, मैं बस एक ज़िन्दगी चाहती हूँ, शांति वाली।। ©Kiran Chaudhary मैं बस एक ज़िन्दगी चाहती हूं..
मैं बस एक ज़िन्दगी चाहती हूं..
read moreAjay Tanwar Mehrana
पागल हूं क्योंकि प्यार पाया है मैंने तुम सयाने तो बहुत कुछ खो बैठे । शौला हूं क्योंकि शौर्य पाया है मैंने तुम शीतल बर्फ बेवजह पिघल बैठे । गंवार हूं क्योंकि शहर गंवाया है मैंने तुम तो गांव को छोड़ शहर जा बैठे । रुग्ण हूं क्योंकि वो रोग पाया है मैंने जिसे सब लोग अपराध कह बैठे । जिद्दी हूं क्योंकि जिस्म पाया है मैंने तुम सहज शील खुद को ही खो बैठे । ©Ajay Tanwar Mehrana poetry in hindi पागल हूं मैं
poetry in hindi पागल हूं मैं
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