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BRIJWALE

तुम्हारा Talent कोई नहीं चुरा सकता – short motivational kahani #Brijwale #प्रेरक

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Abhishek Brijwala

Ae Fiza Jaise Diwane | Story of indian Soldier's Wife by Poetry | Sad Love poetry | Abhishek Brijwala #कविता #nojotovideo

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कुछ लम्हें ज़िन्दगी के

सीखने के चक्कर में क्या से क्या कर डाला हर सबक की तुम ही बताओ क़ीमत क्या होगी ©️✍️ सतिन्दर #kuchलम्हेंज़िन्दगीke #satinder #सतिन्दर #नज़्म #Poetry #गज़ल #shyari #gazhal #रेख़्ता

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सीखने के चक्कर में क्या से क्या कर डाला
हर सबक की तुम ही बताओ क़ीमत क्या होगी 

©️✍️ सतिन्दर सीखने के चक्कर में क्या से क्या कर डाला
हर सबक की तुम ही बताओ क़ीमत क्या होगी 

©️✍️ सतिन्दर 

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Abhishek Brijwala

#justice_for_priyanka_Reddy मेरे जिस्म के चिथड़ों पर लहू की नदी बहाई थी मुझे याद है मैं बहुत चीखी चिल्लाई थी बदहवास बेसुध दर्द से तार-तार थी

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#Justice_For_priyanka_reddy

मेरे जिस्म के चिथड़ों पर लहू की नदी बहाई थी
मुझे याद है मैं बहुत चीखी चिल्लाई थी
बदहवास बेसुध दर्द से तार-तार थी मैं
क्या लड़की हूँ,
बस इसी लिये गुनहगार थी मैं

कुछ कहते हैं छोटे कपड़े वजह हैं
मैं तो घर से कुर्ता और सलवार पहनकर चली थी
फिर क्यों नोचा गया मेरे बदन को
मैं तो पूरे कपडों से ढकी थी

मैंने कहा था सबसे
मुझे आत्मरक्षा सिखा दो
कुछ लोगों ने रोका था
नहीं है ये चीजें लड़की जात के लिए कही थी

मुझे साफ-साफ याद है
वो सूरज के आगमन की प्रतीक्षा करती एक शांत सुबह थी
जब मैं स्कुटी में बैठकर घर से चली थी
और मेरी स्कुटी खराब हो गई थी तो स्कुटी के साथ कुछ दरिंदों की नियत भी खराब हो गई थी 
मैं उनके सामने गिड़गिड़ाई थी
अलग बगल में बैठे हर इंसान से मैंने
मदद की गुहार लगाई थी

जिंदा लाश थे सब,
कोई बचाने आगे न आया था
आज मुझे उन्हें इंसान समझने की अपनी सोच पर शर्म आयी थी
फिर अकेले ही लड़ी थी मैं उन हैवानों से
पर खुद को बचा न पायी थी

उन्होंने मेरी आबरू ही नहीं मेरी आत्मा पर घाव लगाए थे
एक स्त्री की कोख से जन्मे दूसरी को जीते जी मारने से पहले जरा न हिचकिचाए थे
खरोंचे जिस्म पर थी और घायल रूह हुई थी
और बलात्कार के बाद मुझे जिंदा जलाया गया उस समय किसी के आँख में पानी नहीं था कितना कष्ट हुआ मेरे रूह को क्या मेरी कोई जिंदगानी नहीं थी मेरे कोई सपने नहीं थे  ?
अंत में 

मरा हुआ सिस्टम , सोई हुई कौम 

बताओ प्रियंका तुमको बचाएगा कौन ? 

©️✍️ Ch. Abhishek Brijwala #Justice_For_priyanka_reddy

मेरे जिस्म के चिथड़ों पर लहू की नदी बहाई थी
मुझे याद है मैं बहुत चीखी चिल्लाई थी
बदहवास बेसुध दर्द से तार-तार थी
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