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New सूर्य उपासना पर्व Quotes, Status, Photo, Video

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tannu

#अल्फाज़ #maa #Yaad #Dil Ashutosh Mishra Rajan Singh Satyajeet Roy R K Mishra " सूर्य " Anudeep

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जिंदगी के उस मोड़ पर हूँ
जंहा आपकी जरूरत है माँ
सुकून का दूसरा नाम आपकी गोद में सर रख के आप के आँचल से मुँह ढक के रखा था आज उस गोद उस आंचल की जरूरत है माँ
एक बार आ जाओ मुझे गले से लगा लो
फिर से एक बार मुझे दुनिया से छुपा लो
नासूर बन गए मेरे घाव माँ
एक बार तो आ जाओ माँ
#माँ 🥺
अल्फाज़ मेरे ✍️

©tannu #अल्फाज़ #maa #Yaad #Dil  Ashutosh Mishra  Rajan Singh  Satyajeet Roy  R K Mishra " सूर्य "  Anudeep

tannu

#maa #nojohindi #drd #Yaad Ashutosh Mishra Khayal-e-pushp Anudeep Rajan Singh R K Mishra " सूर्य "

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नही आती नींद आज की रात माँ
काश कर ली होती आप से बात माँ
कोसती हूँ क्यों,क्यों आ गयी थी उस रात नींद मुझे
क्यो नही किया एक फोन तुम्हें
वो काली रात आज फिर आ गयी
आपकी यादों की बदली सी छा गयी
बहुत सी बाते करनी आपके साथ माँ
थक चुकी हूँ बहुत,अपने पास बुला लो अपने साथ सुला लो इस रात माँ


अल्फाज़ मेरे ✍️

©tannu #maa #nojohindi #drd #Yaad  Ashutosh Mishra  Khayal-e-pushp  Anudeep  Rajan Singh  R K Mishra " सूर्य "

tannu

#Thinking life quotes in hindi Khayal-e-pushp Ashutosh Mishra R K Mishra " सूर्य " Rajan Singh Satyajeet Roy

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White मैं वो और हमारी पहली मुलाकात
सुनो... याद है ना हम मिले थे यूँ ही
एक सफर मे
 मन्द मन्द हवाओं के झोंके सुहाना मौसम जो मुझे बस की खिड़की से बाहर देखने के लिए विवश कर रहा था पता नही कैसे बिना बोले तुम मेरी बातों को समझ गए मुझे खिड़की के पास वाली अपनी सीट  के दी बिना किसी रिश्ते के बिना किसी जान पहचान के पूरे रास्ते मेरा ख्याल रखना जैसे मैं तुम्हारी जिम्मेदारी थी. कुछ घण्टों की मुलाकात इतनी सी बात, सारा सफ़र क्या जिंदगी ही बिता दी हमने एक साथ आज फिर से याद आ रही है वो सफर की पहली मुलाकात
सुनो... क्या तुम्हें भी याद है?? हम मिले थे यूँ ही एक सफ़र मे हमसफ़र बनने के लिए
अल्फाज़ मेरे ✍️

©tannu #Thinking  life quotes in hindi Khayal-e-pushp  Ashutosh Mishra  R K Mishra " सूर्य "  Rajan Singh  Satyajeet Roy

tannu

#Thinking एक अहसास Ashutosh Mishra Khayal-e-pushp Rajan Singh Anshu writer R K Mishra " सूर्य "

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White लम्बा रास्ता थकान कोहरा हवाएँ फिजाएं सब के साथ एक चाहत तुमसे मिलने की
मिलने की मिल कर फिर ना कभी बिछड़ने की 
अल्फाज़ मेरे ✍️

©tannu #Thinking एक अहसास  Ashutosh Mishra  Khayal-e-pushp  Rajan Singh  Anshu writer  R K Mishra " सूर्य "

abhay (pathik)

SAD sad shayari sad status in hindi sad shayari alone sad dp sad shayri Madhusudan Shrivastava Miss Anu.. thoughts Miss S.K.Y Praveen J

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कुछ यू भटक रहे हैं तुम्हारी आस में 
देह जैसे कब्र में, रूह तेरी तलाश में

©abhay maurya(pathik) #SAD  sad shayari sad status in hindi sad shayari alone sad dp sad shayri Madhusudan Shrivastava  Miss Anu.. thoughts  Miss S.K.Y  Praveen J

abhay (pathik)

#morninglove love loves quotes love status one sided love quotes sad for him love story R K Mishra " सूर्य " gudiya Madhubala Maury

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भर लो अपनी बाहों में,मेरे हो जाओ
आओ डुबो इश्क़ में मेरे, फिर खो जाओ 
तुम नदी सी तन्हा बहती बहती थक जाओगी 
थामों मेरा हाथ समुंदर हो जाओ

©abhay maurya(pathik)
  #morninglove        love loves quotes love status one sided love quotes sad for him love story R K Mishra " सूर्य "  gudiya  Madhubala Maury

abhay (pathik)

#morninglove love loves quotes love status one sided love quotes sad for him love story R K Mishra " सूर्य " gudiya Madhubala Maury

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भर लो अपनी बाहों में,मेरे हो जाओ
आओ डुबो इश्क़ में मेरे, फिर खो जाओ 
तुम नदी सी तन्हा बहती बहती थक जाओगी 
थामों मेरा हाथ समुंदर हो जाओ

©abhay maurya(pathik) #morninglove        love loves quotes love status one sided love quotes sad for him love story R K Mishra " सूर्य "  gudiya  Madhubala Maury

Shailendra Anand

भक्ति मकर संक्रांति पर्व और विचार भक्ति से सजाया गया जिसे हम अच्छे से जन्मा विचार सच है कवि शैलेंद्र आनंद

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https://nojoto.page.link/JJsczरचना दिनांक 14  जनवरी 2025
वार मंगलवार
 समय सुबह ग्यारह बजे
्भावचित्र ्
्निज विचार ्
्शीर्षक ्
छाया चित्र में जल ही जीवन में समुद्र में जलसृष्टि में ,
अलग पहचान और सोच का आयना नज़रिया सहज महज़ भण्डार है,,
 जहां चाह वहां राह दिखाने वाले मंगलमय रत्नों से खनिज पदार्थ से सजाया गया है।।
््
समन्दर में बहते हुए जल में प्रवाहित होने वाले तरंग में लहरों ,
में समुद्री नमक और तेल चित्रावलली ललितकलाचित्रणशैलीकलासाहित्य से,
 मनोररम सौंदर्य और जींव जगत के सुक्ष्म से सुक्ष्म पादप प्रजातियां पाई जाती है ।
जो जीवाणु और अनेक देशों में समुद्री तट पर स्थित पनडुब्बी और जहाज में पर्यटक में ,
मानसिक सम्प्रेषण शांति वार्ता से अन्य देशों में सामंजस्य स्थापित कर नव स्वपन कीओर ले जा रहे,
 मकर संक्रांति पर्व हर्षोल्लास पूर्वक विचार कर  मनाया जा रहा है।।
           
हिन्दूस्तान में आदिकाल भक्तिकाल में मानसिक हलचल अंतर्गत आई 
अभिव्यक्ति अनुवाद जनसंख्या में वृद्धि और कमी विषय नहीं है,,
विषय विश्व में आप और हम के बीच हिन्दूस्तान की संस्कृति सभ्यता और इतिहास चाहे,
 स्वामी विवेकानंद जी शिकागो में 13।
1वर्ष पुर्व अपने उद्बोधन में अपनी संस्कृति और सभ्यता इतिहास विद्वता से 
सारे विश्व में अपना दर्शन और प्रेम का आयना नज़रिया सहज महज़ प्रेम को 
 अभिव्यक्त करने वाले शुन्य पर आधारित ईश्वर सत्य की आवृत्ति प्रवृत्ति निरन्तर प्रगति में देश सर्वोपरि है।।
माना कि हिन्दूस्तान में कई राजा,सम़ाट सतयुग से कलयुग तक देवता और असुर के मध्य संग़ाम हुआ है ्तब धर्म और अधर्म पाप और पुण्य के बीच सतयुग त्रेता द्वापर युग परिवर्तन में सहस्त्रों वर्षों तक अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक समुदाय का विवरण शास्त्र पुराण कथा साहित्य कथन सच्चाई में उपलब्ध है।।््
रहा सवाल कलयुग में कल कारखानों में ,श्रम और रोजगार में सर्वहारा वर्ग में दलित आदिवासी जीवन में वन जंगल पहाड़ धरती जल जीवन में विचरण करने वाले लोगों में अशिक्षा अंधश्रद्धा मंहगाई खात जात है जैसी मुल समस्या पर ध्यान देना चाहिए।।
््नाकि आम आदमी में मानसिक रूप से जीवन व्यतीत करते हैं आनेवाली पीढ़ी को राह दिखाने वाले खुशियों का आयना नज़रिया बदला जा सकता है,,
यही सही मौका मिला है आपकी पोस्ट पढ़ने के बाद लिखने का बाकि आप समझदार है।।
,, ना हिन्दू बनेगा ना मुसलमान बनेगा,
 इन्सान की औलाद है इंसान बनेगा,।।
  देश में संविधान है तो देश आगे बढ़ेगा,,
विवाद है तर्क वितर्क तथ्य तर्क तथ्यों पर आधारित अदालत में न्याय पाओ मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने पहले इन्सान बनाया है।।
यही यथार्थ सत्य है इन्सान से प्रेम करने वाले अच्छे ख्यालात रहे,,
यही सही और सटीक उत्तर भारत प्रजातांत्रिक देश में अवाम में खुशहाली और उसके परिणाम में सत्य कोण पूर्व मुख में सुर्य विराजमान हैं।।
््कवि शैलेंद्र आनंद

©Shailendra Anand भक्ति मकर संक्रांति पर्व और विचार भक्ति से सजाया गया जिसे हम अच्छे से जन्मा विचार सच है
कवि शैलेंद्र आनंद

Shailendra Anand

मकर संक्रांति पर्व और विचार भक्ति से सजाया गया जिसे हम ईश कृपा प्राप्त होती है। कवि शैलेंद्र आनंद

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रचना दिनांक 14  जनवरी 2025
वार मंगलवार
 समय सुबह ग्यारह बजे
्भावचित्र ्
्निज विचार ्
्शीर्षक ्
छाया चित्र में जल ही जीवन में समुद्र में जलसृष्टि में ,
अलग पहचान और सोच का आयना नज़रिया सहज महज़ भण्डार है,,
 जहां चाह वहां राह दिखाने वाले मंगलमय रत्नों से खनिज पदार्थ से सजाया गया है।।
््
समन्दर में बहते हुए जल में प्रवाहित होने वाले तरंग में लहरों ,
में समुद्री नमक और तेल चित्रावलली ललितकलाचित्रणशैलीकलासाहित्य से,
 मनोररम सौंदर्य और जींव जगत के सुक्ष्म से सुक्ष्म पादप प्रजातियां पाई जाती है ।
जो जीवाणु और अनेक देशों में समुद्री तट पर स्थित पनडुब्बी और जहाज में पर्यटक में ,
मानसिक सम्प्रेषण शांति वार्ता से अन्य देशों में सामंजस्य स्थापित कर नव स्वपन कीओर ले जा रहे,
 मकर संक्रांति पर्व हर्षोल्लास पूर्वक विचार कर  मनाया जा रहा है।।
           
हिन्दूस्तान में आदिकाल भक्तिकाल में मानसिक हलचल अंतर्गत आई 
अभिव्यक्ति अनुवाद जनसंख्या में वृद्धि और कमी विषय नहीं है,,
विषय विश्व में आप और हम के बीच हिन्दूस्तान की संस्कृति सभ्यता और इतिहास चाहे,
 स्वामी विवेकानंद जी शिकागो में 13।
1वर्ष पुर्व अपने उद्बोधन में अपनी संस्कृति और सभ्यता इतिहास विद्वता से 
सारे विश्व में अपना दर्शन और प्रेम का आयना नज़रिया सहज महज़ प्रेम को 
 अभिव्यक्त करने वाले शुन्य पर आधारित ईश्वर सत्य की आवृत्ति प्रवृत्ति निरन्तर प्रगति में देश सर्वोपरि है।।
माना कि हिन्दूस्तान में कई राजा,सम़ाट सतयुग से कलयुग तक देवता और असुर के मध्य संग़ाम हुआ है ्तब धर्म और अधर्म पाप और पुण्य के बीच सतयुग त्रेता द्वापर युग परिवर्तन में सहस्त्रों वर्षों तक अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक समुदाय का विवरण शास्त्र पुराण कथा साहित्य कथन सच्चाई में उपलब्ध है।।््
रहा सवाल कलयुग में कल कारखानों में ,श्रम और रोजगार में सर्वहारा वर्ग में दलित आदिवासी जीवन में वन जंगल पहाड़ धरती जल जीवन में विचरण करने वाले लोगों में अशिक्षा अंधश्रद्धा मंहगाई खात जात है जैसी मुल समस्या पर ध्यान देना चाहिए।।
््नाकि आम आदमी में मानसिक रूप से जीवन व्यतीत करते हैं आनेवाली पीढ़ी को राह दिखाने वाले खुशियों का आयना नज़रिया बदला जा सकता है,,
यही सही मौका मिला है आपकी पोस्ट पढ़ने के बाद लिखने का बाकि आप समझदार है।।
,, ना हिन्दू बनेगा ना मुसलमान बनेगा,
 इन्सान की औलाद है इंसान बनेगा,।।
  देश में संविधान है तो देश आगे बढ़ेगा,,
विवाद है तर्क वितर्क तथ्य तर्क तथ्यों पर आधारित अदालत में न्याय पाओ मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने पहले इन्सान बनाया है।।
यही यथार्थ सत्य है इन्सान से प्रेम करने वाले अच्छे ख्यालात रहे,,
यही सही और सटीक उत्तर भारत प्रजातांत्रिक देश में अवाम में खुशहाली और उसके परिणाम में सत्य कोण पूर्व मुख में सुर्य विराजमान हैं।।
््कवि शैलेंद्र आनंद

©Shailendra Anand   मकर संक्रांति पर्व और विचार भक्ति से सजाया गया जिसे हम ईश कृपा प्राप्त होती है।
कवि शैलेंद्र आनंद

Suneel Nohara

चरित्रहीन व्यक्ति का कोई जीवन नहीं होता नोहरा,, Lalit Saxena Sethi Ji Mili Saha Anshu writer R K Mishra " सूर्य "

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