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SumitGaurav2005
यहीं हमारे देश की, हमारे समाज की कड़वी सच्चाई है... कुछ महिलाएं अब अपने अधिकारों का दुरुपयोग करने लगी है, जो यातनाएं पहले उन्हें मिलती थी अब वह पुरुष को देने लगी है! 💔💔💔✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'💔💔💔💔 ©SumitGaurav2005 यहीं हमारे देश की, हमारे समाज की कड़वी सच्चाई है... कुछ महिलाएं अब अपने अधिकारों का दुरुपयोग करने लगी है, जो यातनाएं पहले उन्हें मिलती थी
यहीं हमारे देश की, हमारे समाज की कड़वी सच्चाई है... कुछ महिलाएं अब अपने अधिकारों का दुरुपयोग करने लगी है, जो यातनाएं पहले उन्हें मिलती थी
read moreAshraf Fani
Unsplash उमर ढलने लगी चेहरे की रौनक़ बदलने लगी रंग-ओ-रौग़न गया झुर्रियां सारी चेहरे पे दिखने लगीं ©Ashraf Fani उमर ढलने लगी चेहरे की रौनक बदलने लगी रंग-ओ-रौग़न गया झुर्रियां सारी चेहरे पे दिखने लगीं #ashraffani #leafbook life quotes in hindi life quo
उमर ढलने लगी चेहरे की रौनक बदलने लगी रंग-ओ-रौग़न गया झुर्रियां सारी चेहरे पे दिखने लगीं #ashraffani #leafbook life quotes in hindi life quo
read moreनवनीत ठाकुर
White जो दिल में चुप था, वो अब तकलीफ से रोया नहीं, पर उस चुप्पी में भी अब किसी और से बात करने की तलब है। वो जो जलते थे कभी, अब राख में तब्दील हो गए, पर इस राख में अब भी किसी और से सुलगने की तलब है। दर्द में डूब कर भी हमने खुद को तलाशा था, अब उस तलाश में किसी और से मिलने की तलब है। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर जो दिल में चुप था, वो अब तकलीफ से रोया नहीं, पर उस चुप्पी में भी अब किसी और से बात करने की तलब है। वो जो जलते थे कभी, अब राख म
#नवनीतठाकुर जो दिल में चुप था, वो अब तकलीफ से रोया नहीं, पर उस चुप्पी में भी अब किसी और से बात करने की तलब है। वो जो जलते थे कभी, अब राख म
read moreHarshita Dawar
इस खेल में खलल लगी, इस काजल की लकीर को काली स्याही लगाने की बात कही..क्या?.क्या नहीं कहा, इस लिए ये तुम्हारे लिए नहीं.. हमारे स्वाभिमान की न
read moreParasram Arora
White माना कि जन्नत पाने की तुम्हारी तलब अनुचित नहीं है पर याद रख़ो ये जन्नत तुम्हे तभी उपलब्ध होंगी जब तुम इस जगत के तथाकथित नर्क से पीछा छुड़ा लोगे ©Parasram Arora तलब
तलब
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