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Kavita Ghosh
मृत्युभोज उन्हें करायें जिन्हें दो वक्त की रोटी नसीब नहीं ©Kavita Ghosh #मृत्यु भोज
#मृत्यु भोज
read moreparitosh@run
जो कन्याएं कभी भ्रूण हत्या से बच गईं... आज उन्हें भी देवी बना कर भोज कराया जाएगा. ©paritosh@run कन्या भोज...
कन्या भोज...
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जो कन्याएं कभी भ्रूण हत्या से बच गईं... आज उन्हें भी देवी बना कर भोज कराया जाएगा. ©paritosh@run कन्या भोज...
कन्या भोज...
read moreYASHVARDHAN
पात में बिठाकर, आज भी गाँव में, भोजन की जगह प्यार बाँटा जाता है.. ©YASHVARDHAN #भोज #गाँव 💕
DR. LAVKESH GANDHI
मेरे मरने पर जो घृणा कर रहे थे मुझसे वे बड़ी शान से पालथी मारकर खा रहे थे भोज ©DR. LAVKESH GANDHI #feelings # # मृतक भोज #
feelings # # मृतक भोज #
read moreSingh Manpreet
जो लोग अपनो से दगा करके गैरो से वफा करते हैं. असल में वो यही सबसे बड़ी खता करते है. जरा गौर से सुनिऐगा सची बाते है सुनने को मिलेगी रोज रोज नहीं. पराऐ लोग सिर्फ फायदा उठा सकते हैं तुमहारा उम्र भर का भोज नहीं. ©Singh Manpreet भोज नहीं #LookingDeep
भोज नहीं #LookingDeep #शायरी
read morePoonam Pathak Badaun
न भोज कराना = दादा बूढ़े हो चुके थे कोरोना बढ़ गया था दादा को मनाही थी टेलीवीजन देखने की वह अखबार न पढ़ें पढ़ेंगे मौत के आंकड़े पर दादाजी क्या करें हर वक्त क्या माला जपें जब कुछ वह पूछते सब ठीक है सुनते अब कैसे टीवी खोला वह तो क्या क्या बोला सब गड़बड़ चल रहा है मानव सिलेंडर पर जी रहा है वे बड़े ही झल्लाये क्यों मुझे पाबन्दी थी टीवी से अखबार से क्या कोरोना हो जाएगा घर वालों को फिक्र उम्र की थी काया अब कमजोर हो चली थी सब छोड़ दादा बाहर आए कुर्सी पड़ी कुर्सी पर बैठे कुछ दूर नीम का पेड़ निहारा बस यही पेड़ बचा है बेचारा और पछता रहे थे वह अपने पुराने बाग पर भाई बेटों ने कटवा दिया अब कोई भी पेड़ न बचा नया बाग मुश्किल होगा पर कुछ तो करना होगा अब दादा ने परिवार बुलाया और सब को यह समझाया मेरे मरने पर न भोज कराना वादा करो एक बाग लगाना जो सबको ऑक्सीजन देगा तुमसे वह कुछ तो न लेगा ऑक्सीजन का यह हाल हुआ दो हजार इक्कीस बदनाम हुआ सुनो सुनो तुम भूल न जाना धरती को वृक्षों से सजाना मेरा बाग मेरा बाग इसके बाद न आई आवाज सभी रोने चिल्लाने लगे सबने बाग का प्रण किया अचानक चमत्कार हुआ क्यों रो रहे हो बोले दादा सभी चुप हो गए दादा को पानी दिया दादा अब ठीक थे अब सांस ले रहे थे अगले दिन खेत में पौधे लगाए गए दादा अब खुश थे जिंदगी के दिन बढ़े। कितना सुन्दर यह बाग होगा हमारा भारत खुशहाल होगा पूनम पाठक बदायूँ 16.05.21 इस्लामनगर बदायूँ उत्तर प्रदेश ©Poonam Pathak Badaun न भोज कराना #Rose