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Pranjal Srivastava
Unsplash big boss in hindi at the bride of water and your family 3 days ke liye sorry Bua ke liye sorry Bua ke liye sorry Bua ke liye sorry Bua ke liye sorry ©Pranjal Srivastava #leafbook भूत वाली फिल्म बॉलीवुड फिल्म
#leafbook भूत वाली फिल्म बॉलीवुड फिल्म
read moreVs Nagerkoti
Red sands and spectacular sandstone rock formations किस तरह आपको मिला हुआ वरदान भी आपके लिए श्राप साबित हो जाता है । जब आपका लोगों को आसानी से पढ़ लेना ही आपको बेहद तकलीफ देता है । जब आपको महशुश होता है की जिन्हे आप सबसे ज्यादा पसंद करते है वही आपसे सबसे ज्यादा नफरत करते है ।सोचो कैसा लगता होगा उस वक्त । मन की क्या दशा होती होगी । वो इंसान रोज आपके सामने एक ही नाटक करता है।और आपको पता भी होता है। फिर भी आप कुछ नहीं कहते । ©Vs Nagerkoti #Sands यहां लोगों को समझना आपका एक वरदान है । जिससे आपको महसूस होता है कि यहां कोई अपना नहीं है । बल्कि अपने होने का जर्बदस्त नाटक कर रहे
#Sands यहां लोगों को समझना आपका एक वरदान है । जिससे आपको महसूस होता है कि यहां कोई अपना नहीं है । बल्कि अपने होने का जर्बदस्त नाटक कर रहे
read moreMayuri Bhosale
नाटक.... जीवन आहे एक न संपणार नाटक, सगळे लोक असतात याचे पात्र आणि घटक. नाटक असते एक रंगभूमी, पण कलाकारांची असते ती कर्मभूमी. इथे सादर करतात अनेक कला, प्रश्न व उत्तर यांची मोजली जाते मग तुला. कलाकार मंडळी करतात अनेक वेशभूषा, सादरीकरण असे जणू की न संपणाऱ्या वेड्या आशा. पडद्यामागच्या लोकांची इथे गोष्ट असते वेगळी, पडदा उघडताच समोर येतात रोज नव्या खेळी. नाटक आहे सुंदर आयुष्याचे गीत, शेवटी लोक पाहतात यामध्ये सत्याचीच जीत. असे हे नाटक कधीही न उलगडणारी कथा, सगळ्यांच्याच आयुष्याची असते ही व्यथा. ©Mayuri Bhosale नाटक
नाटक
read moreMayuri Bhosale
नाटक.... जीवन आहे एक न संपणार नाटक, सगळे लोक असतात याचे पात्र आणि घटक. नाटक असते एक रंगभूमी, पण कलाकारांची असते ती कर्मभूमी. इथे सादर करतात अनेक कला, प्रश्न व उत्तर यांची मोजली जाते मग तुला. कलाकार मंडळी करतात अनेक वेशभूषा, सादरीकरण असे जणू की न संपणाऱ्या वेड्या आशा. पडद्यामागच्या लोकांची इथे गोष्ट असते वेगळी, पडदा उघडताच समोर येतात रोज नव्या खेळी. नाटक आहे सुंदर आयुष्याचे गीत, शेवटी लोक पाहतात यामध्ये सत्याचीच जीत. असे हे नाटक कधीही न उलगडणारी कथा, सगळ्यांच्याच आयुष्याची असते ही व्यथा. ©Mayuri Bhosale नाटक
नाटक
read moreseema patidar
White तुम्हें क्या हुआ? कुछ नही! ये कुछ नहीं कितना छोटा वाक्य है पर ये बहुत विशाल है किसी का कुछ नही विशाल है तो सिर्फ एक सुनने, समझने वाले व्यक्ति के लिए किसी का कुछ नहीं विशाल है तो सिर्फ एक परम मित्र के लिए ये कुछ नहीं तो आसान जरिया है पुनः अपने दुख को न कुरेदने का इस कुछ नही को समझने का पूर्ण हक है तो सिर्फ एक परम मित्र का जो मरहम है इस कुछ नहीं का । ©seema patidar क्या सच में कोई समझ पाता है किसी का ...... कुछ नहीं .......
क्या सच में कोई समझ पाता है किसी का ...... कुछ नहीं .......
read moreनवनीत ठाकुर
Red sands and spectacular sandstone rock formations जो दूर होकर भी पास सा लगे, ऐसा ख्याल हर हाल अच्छा है। दर्द भी जब मुस्कुरा के मिलता हो, उस दर्द का सवाल अच्छा है। सच्चाई का वजूद खामोश है, फरेब का ये कमाल अच्छा है। तोड़ कर हर भरम को फिर जी लिया, बिखरने का भी मजाल अच्छा है। दिल की दुनिया को चुप ही रहने दो, सन्नाटे का ये हाल अच्छा है। शोर में कहीं खो जाती हैं बातें, खामोशी का मलाल अच्छा है। ©नवनीत ठाकुर दिल रखने को ख्याल अच्छा है, झूठी उम्मीदों का जाल अच्छा है। सच तो अक्सर रुला ही देता है, फिर झूठी बातों का हाल अच्छा है।
दिल रखने को ख्याल अच्छा है, झूठी उम्मीदों का जाल अच्छा है। सच तो अक्सर रुला ही देता है, फिर झूठी बातों का हाल अच्छा है।
read moreRakesh frnds4ever
White कोई नहीं था ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, कोई नहीं है जीवन में भी उत्कर्ष नहीं है कोई तुमको क्या बतलाए कोई तुमको क्या जतलाए भोग रहा है कोई क्या क्या ,,,,,,,,,,,,,,,,,, कोई तुमको कैसे/ क्या दिखलाए कोई कितना टूट चुका है कोई कितना लुट चुका है डूब चुका है कोई कितना ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, तुमको कोई क्या दिखलाए कोई रोता है कोई हंसता है कोई पाता है कोई खोता है धन दौलत की बात नहीं है मनुष्य की हर जात बुरी है कोई नहीं है अपना नहीं है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, यहां नहीं है कहीं नहीं है ,,,,,,,,,,,, २ ,,,,,,,,,,, ©Rakesh frnds4ever #कोई_क्या_जाने #कोई नहीं था ,,,कोई नहीं है #जीवन में भी उत्कर्ष नहीं है कोई तुमको क्या बतलाए कोई तुमको क्या जतलाए #भोग रहा है कोई क्या क्
#कोई_क्या_जाने #कोई नहीं था ,,,कोई नहीं है #जीवन में भी उत्कर्ष नहीं है कोई तुमको क्या बतलाए कोई तुमको क्या जतलाए #भोग रहा है कोई क्या क्
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