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anandi
गुरु ही सभी को ज्ञान देता है. गुरु ही अज्ञान रूपी अंधकार को ज्ञान रूपी प्रकाश के द्वारा दूर करता है. साथ उनकी कृपा और आशीर्वाद से व्यक्ति इस भवसागर को पार करता है. ग्रन्थों में गुरु का स्थान ईश्वर से ऊपर बताया गया है. गुरु ही व्यक्ति को जीवन का सच्चा मार्ग दिखाता हैं. ©anandi #गुरु गोविंद दोनों खड़े, काके लागूं पाँय । बलिहारी गुरु आपनो, गोविंद दियो मिलाय
saurabh swami
गुरु गोविंद दोउ खड़े, काके लागूं पांय बलिहारी गुरु आपनो, गोविंद दियो बताय। अर्थ: संत कबीरदास जी कहते हैं कि गुरु और गोविंद जब एक साथ खड़े हों तो उन दोनों में से आपको सबसे पहले किसे प्रणाम करना चाहिए। कबीरदास जी के अनुसार सबसे पहले हमें अपने गुरु को प्रणाम करना चाहिए, क्योंकि उन्होंने ही गोविंद के पास जानें का मार्ग बताया है। ©saurabh swami गुरु गोविंद जी की वाणी
Vikramaditya
राजादेश की रक्षा खातिर प्रजा की बलि नहीं देता है। आवश्यकता पड़ने पर अपने बच्चों को भी देता है। ऐसा ही त्याग किया था गुरु गोविंद से त्यागी ने। अपने नन्हे बच्चों को भी युद्ध भूमि में भेज दिया। बच्चे तो सचमुच बच्चे थे झुकना नहीं जानते थे। देश की खातिर मरना कोई मौत नहीं मानते थे। वीरगति पाकर भी वे इतिहास अमर कर डाले थे। और दुश्मन की सेना को देश प्रेम से सिखलाये थे। ©Vikramaditya गुरु गोविंद सिंह का त्याग
Priyanka muzalda Official
भक्ति की लगन में, ऐसी लगन लागी , मोहे ऐसी लगन लागी । दुनिया की जंजीर तोड़ के, गुरुदेव के शरण में भागी ।। मैं हूं सत्य नाम उपाशी ,मैं हूं सत्य नाम उपाशी ©Priyanka muzalda Official गुरु गोविंद दोनों खड़े, काके लागू पाय। बलिहारी गुरु आपने, जिन्हे गोविंद दियो मिलाय।। #humanrights
jaydip baraiya 777
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 ©jaydip baraiya 777 गुरु गोविंद सिंह जी 🙏🙏🙏
Ankita Shukla
गुरु से बढ़ के सत्य न कोई तू काहे मन बलाए गुरु खड़े गोविंद के सामने गोविंद भी गुरु को सत्य बताए।। ©Ankita Shukla गुरु से बढ़ के सत्य न कोई तू काहे मन बलाए गुरु खड़े गोविंद के सामने गोविंद भी गुरु को सत्य बताए।। #guru_ji #nojotahindi
Menariya
कहानी एक छोटी सी जब से पढ़ी है, आखो में आंसूओ की धारा बही है। जीवनी बन्दा सिंह बहादुर की, गुरु गोविन्द सिंह और चार साहब जादे की।। अत्याचार पढ़ा जब वजीर खान का, खून खोल उठा मेरे खुद मन का। कैद कर रखा बच्चों को वहाँ जहाँ ठंडी हवाए चलती रहती थी, फिर चुनवा दिया दीवार में दो लाल जहाँ सांस भी आती न थी।। जो धर्म पर अटल रहे न धर्म परिवर्तन किया, कोटि कोटि नमन है उन्हें जिन्होंने अपने चार पुत्र धर्म पर वार दिया।। ©बलवन्त नमन श्री गुरु गोविंद सिंह चार साहबजादे #Lights