Find the Latest Status about दवाइयों की from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, दवाइयों की.
सुसि ग़ाफ़िल
कितना बदल गया है कैलेंडर , जहां त्योहारों की जगह दवाइयों की तारीख आती है! कितना बदल गया है कैलेंडर , जहां त्योहारों की जगह दवाइयों की तारीख आती है!
Asif B. Pathan
कौन कहता है जिंदगी बिकती नहीं , मैंने दवाइयों की दुकानों पर कतारें देखी है..!!💞 कौन कहता है जिंदगी बिकती नहीं , मैंने दवाइयों की दुकानों पर कतारें देखी है..!!💞
Sandeep Kothar
कभी-कभी बंदिशें नहीं होती.. तो आज़ादी का जश्न भी नहीं होता.. ©Sandeep Manohar Kothar बंदिशें नहीं होती.. तो आज़ादी का जश्न भी नहीं होता.. दोस्तों, अक्सर हम अपने जीवन में कुछ रोक; प्रतिबंध; पाबंदी से परेशान रहते है, और हम सदै
Lokesh Mishra
मां बाप के सामने हंसता हुआ बच्चा, खेलता,कूदता,गाता हुआ बच्चा, उनके अधूरे ख्वाब को,पूरा करते हुए बच्चा, पढ़ता हुआ,शरारत करता हुआ बच्चा, पर ये जानकर जान है निकल जाती, कुछ दिन की बात है,आंख है भर आती, बच्चे को है डिस्ट्रोफी,जो सीधे पैर से होकर, दिल पर है आती, जीवन पर प्रश्न चिन्ह है,क्या करें मेरे साथी, सिफारिश,गुजारिश,कुछ काम नहीं आती, बस चंद दिन हैं और, चलते हुए बच्चा, फिर कुछ नही पता,पैर से संघर्ष करता हुआ बच्चा, मां बाप के जिगर का तारा है वो बच्चा, हर एक की खुशी का सहारा वो बच्चा, जिस उम्र में तोतली है उसकी बोली, उस उम्र में खा रहा वो दवाइयों की गोली, ऊपर वाले ने भी क्या दिन हैं दिखाए दिल भी ना पिघला,मासूम चेहरा देखकर उसका, अब नींद न आए..... आंसू जब निकलते हैं,अब रुक भी न पाएं, चमत्कार की आस में,वो लड़ता हुआ बच्चा, मां बाप की आंखों का तारा है वो बच्चा, ना किसी से कम,दुलारा है वो बच्चा, मां बाप के सामने हंसता हुआ बच्चा, खेलता,कूदता,गाता हुआ बच्चा, उनके अधूरे ख्वाब को,पूरा करते हुए बच्चा, पढ़ता हुआ,शरारत करता हुआ बच्चा, पर ये
Sachin Ken
वो छोटी सी एक कोठरी उसपर नज़र पड़ते ही कुछ धुंदली सी यादें ताज़ा हो गई अक्सर एक बूढ़ी अम्मा के खाँसने की आवाज आती रहती थी जिससे उसके पास जाने पर कुछ दवाइयों की गन्ध सी आने लगती थी कई बार शाम के टाइम खेलते खेलते उसमे जा छिपते थे हमें देखकर वो बूढ़ी अम्मा भी बड़ी खुश होती थी,कई बार किवाड़ के पीछे या अपनी खाट के नीचे छिप जाने का इशारा भी करती थी उस कोठरी में एक खाट कुछ कपड़े और अलमारी में कुछ दवाओं की बोतलें रखी रहती थीं कई बार स्कूल से लौटते वक्त बारिश से भी बचाया था उस कोठरी ने,आज बर्षों बाद जब नज़र पड़ी तो उसपर मोटा सा एक ताला लटका था,बाद में पता लगा कि अब उस कोठरी को लेकर तीन भाइयों में झगड़ा रहता है एक भाई कहता है,"माँ को में रोटी देता था इसलिए कोठरी का हकदार में हूँ" दूसरा भाई कहता है, "मैं माँ की दवाई लाता था इसलिए कोठरी तो मेरी है" तीसरा भाई कहता है,"माँ के अन्तिम संस्कार के लिए पैसे मैंने दिए थे तो कोठरी का असली हक़दार मैं हूँ" अब तीन भाइयों में झगड़े की जड़ बनी हुई है वो छोटी सी एक कोठरी वो छोटी सी एक कोठरी उसपर नज़र पड़ते ही कुछ धुंदली सी यादें ताज़ा हो गई अक्सर एक बूढ़ी अम्मा के खाँसने की आवाज आती रहती थी जिससे उसके पास जाने
Vikas Sharma Shivaaya'
✒️📇जीवन की पाठशाला 🖋️ मेरे द्वारा स्वरचित मेरी आठवीं कविता विषय - पुत्रवधु कृपया मेरे You Tube Channel (यू ट्यूब चैनल) को like( लाइक) करें पसंद आने पर subscribe (सब्सक्राइब) करें और अपनी comments (स्पष्ट टिपण्णी) देकर मार्गदर्शन करें ,नित प्रतिदिन इतिहास -वर्तमान नई रोचक जानकारियां -सकारात्मक क्वोट्स पढें ..., अगर आप भी कोई रोचक जानकारी ,सच्ची घटना या कुछ और मेरे यू ट्यूब चैनल के माध्यम से देना चाहें तो संपर्क करें : आज फिर एक पुत्रवधु को जलाया गया आज फिर एक पुत्रवधु को घर से निकाला गया आज फिर एक पिता समान ससुर द्वारा पुत्रवधु को नोंचा गया आज फिर एक भाई समान जेठ /देवर द्वारा पुत्रवधु को रौंदा गया-1 क्या पुत्रवधु एक कबाड़ है जिसे जलाया जाता है क्या पुत्रवधु बैंक खाता है जिसके खाली होने पर घर से निकाला जाता है क्या ससुर को पिता तुल्य मानना अपराध है जो उसे नोंचा जाता है क्या जेठ /देवर को मात्र राखी नहीं बाँधने से उसे रौंदा जाता है -2 इतिहास गवाह है की सास पुत्रवधु की सबसे बड़ी दुश्मन इतिहास गवाह है की नन्द और जेठानी सास के दो बाजु क्यों एक पुरानी पुत्रवधु नई पुत्रवधु की दुश्मन अभी तक बना हुआ है पहेली ये प्रश्न -3 पुत्रवधु की एक गलती भी अस्वीकार पुत्र की अनगिनत गलती भी स्वीकार पुत्री 10 बजे भी सोकर उठे तो स्वीकार पुत्रवधु को थोड़ी भी देर हो जाए तो अस्वीकार -4 पुत्र की गलती पर अभी बच्चा है का पर्दा है पुत्रवधु की गलती पर संस्कार गलत का गर्दा है पुत्र निकम्मा नाकाबिल तो भी थक जाता है पुत्रवधु घर ऑफिस सम्हाल कर भी रोबोट है -5 हम क्यों नहीं समझते इन चापलूसों की भाषा की हम बहु नहीं बेटी ले जा रहे हैं की बेटी की आड़ में बेटा पैदा करने की मशीन ले जा रहे हैं की बेटी की आड़ में नौकरानी मुफ्त की ले जा रहे हैं -6 पुत्र बीमार तो डॉक्टर के चक्कर और दवाइयों की भरमार पुत्रवधु बीमार तो देशी घरेलु नुस्खों की बहार पुत्र शारीरिक कमजोर तो भी पुत्रवधु दोषी कब तक होती रहेगी पुत्रवधु की पेशी -7 कब हम समझेंगे की वो भी है किसी बगिया का फूल कब हम समझेंगे की वो भी है किसी माँ बाप की नाजुक कली कब हम समझेंगे की वो भी है छोटी की सहेली कब हम उसको एक इंसान समझेंगे -कब आखिर कब -8 बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा 🙏सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरुरी ...! 🌹सुप्रभात🙏 स्वरचित एवं स्वमौलिक "🔱विकास शर्मा'शिवाया '"🔱 जयपुर-राजस्थान https://youtu.be/5LZe_TAGr7I ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📇जीवन की पाठशाला 🖋️ मेरे द्वारा स्वरचित मेरी आठवीं कविता विषय - पुत्रवधु
Agrawal Vinay Vinayak
संक्रमण काल कोरोना हारेगा, हम जीतेंगे ...... [Read Captain👇👇 ] #संक्रमण काल :- बहुत सारे वें लोग जो कोरोना से पीड़ित है और उनके परिजन तो परेशान है ही, इसके अलावा वें लोग जो घर पर हैं या कोई काम करते है उ