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Pooja Sharma
दुनिया बड़ी भु्लक्कड़ है, केवल उतना ही याद रखती है, जितने से उस का स्वार्थ सधता है, बाकी को फेंककर वह आगे बड़ जाती है! ©Pooja Sharma भुलक्कड़ दुनिया
Sunita Shanoo
भुलक्कड़ कहीं की तुम्हें याद करती हूँ मगर कहना भूल जाती हूँ कि मेरे तुम्हारे दरमियान नाज़ुक सा कुछ है जो मुझसे लिपटकर सिमटकर रहता है मुझमें सदैव तुम्हारे लिए शायद वही नाज़ुक सा कुछ तुम्हें भी घेर लेता होगा समेट लेता होगा मेरे लिए... और तुम भी मेरी तरह हो न भुलक्कड़ कहीं के। भुलक्कड़ कहीं के
डॉ.अजय कुमार मिश्र
तन निरोग हो,मन प्रसन्न हो,ना राग,ना द्वेष हो। सम्पूर्ण जीव-जगत में कुटुम्बकम का भाव हो। प्रकृति से हो रही ऋतुओं की मधुमास हो। सभी प्राणियों में आपसी सद्भाव हो। प्रसन्नता का मूल!
अजय_यादव
सफलता जिन्दगी में हार और जीत तो हमारी सोच पर निर्भर है! जो मान लेता है वो हार जाता है; और जो ठान लेता है वो जीत जाता है।। ~सफलता का मूल मंत्र सफलता का मूल मंत्र
Dr. Bhagwan Sahay Meena
दोहा चूल्हा चौका छोड़ कर, चली कमाने नार। पड़ा सड़क पर देखिए, पी दारू भरतार। डॉ. भगवान सहाय मीना बाड़ा पदमपुरा जयपुर राजस्थान। ©Dr. Bhagwan Sahay Rajasthani #नशा नाश का मूल
Parasram Arora
मेरे दुखो का मेरी पीड़ाओं का मूल स्त्रोत ये मेरा मन ही हैँ क्योंकि इसके केंद्र पर अहंकार का तत्व हैँ और परिद्धी पर वासनासो का जाल हैँ दुख सृजित करने केलिएइस मन को बड़े आयोजन करने पड़ते हैँ दैत्याकार मंसूबो के पहाड़ो पर चढ़ना पड़ता हैँ वासना की अँधेरी गलियों से होकर गुजरना पड़ता हैँ क्रोध और प्रलोभनो की कर्कश ध्वनियो को आत्मसात करना पड़ता हैँ i दुखो का मूल स्त्रोत........