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Vikul Kumar
कितने सपने देखती रही वो नई दुनिया मे आयी थी कितने ख्वाब सजाए थे वो दुल्हन बनकर आयी थी ,, छोड़ आयी थी वो घर अपना किसी दूसरे का घर बसाने को पिता के घर की रोशनी समेट पति का घर जगमगाने को ,, हैसियत से भी ज्यादा दिया था उस मजबूर लाचार बाप ने भर जाए घर बेटी का दिया बेच अपना घर बाप ने ,, उन दहेज के लालची दरिंदो ने कितना मारा पीटा उस बेटी को आया ना रहम उस मासूम पर मार दिया जलाकर उस बेटी को जलती है जिसकी बेटी वो माँ किल किल कर है रोती काश ना होती ये दहेज की रीत तो आज वो बिटिया जीवित होती -----विकुल कुमार जंधेडी ©Vikul Kumar दहेज की आग 😭😭😭😭
Prachi Bhavya
सरे आम जलकर वो राख हो गई भिखारी को भीख शायद मिली नहीं थी ढंग से आग #भीख#दहेज#स्त्री
Ghanshyam
*SORRY नाम की यह फिल्म - सिर्फ 4 मिनट 17 सेकंड की फिल्म है और इसे 30 मिनट में बनाया गया था।* *लेकिन इसे ऑस्कर अवार्ड मिला* *इसे देखने के लिए समय निकालें। परिवार की एकता तब तक बनी रहती है जब तक हम साथ रहते हैं इसलिए परिवार हो या समाज हो हम सबको मिलकर रहना चाहिए* 👌🏻👌🏻🙏🏻🙏🏻 ©Ghanshyam #scienceday *SORRY नाम की यह फिल्म - सिर्फ 4 मिनट 17 सेकंड की फिल्म है
vineet kumar yadav
एक गरीब पिता की बेटियां उससे कहती है कि- चाहे सिंदुरा न भराई अपनी मांगियन मा जइबे जइबे न दहेज वाली गलियन मा अपने बिरन केरे लरिका खेलाइ लेबै अंसुवा न लइबै एको अंखियन मा जइबे जइबे न दहेज वाली..........1 मेहनत मंजूरी बाबुल साथ साथ करि लेबे दिल न दुखाइबै कबहुँ सपनेंने मा जइबे जइबे न दहेज वाली........2 जौन कुछ रूखी सुखी मिलहै तो खाई लेबै जाइ नहिं कहिबे कबहूँ सखियन मा जइबे जइबे न दहेज वाली..........3 जौन देहरी पैदा भयो वे ही देहरी मरि जइबे दाग नाही आवे देबे अपने कुल मा जइबे जइबे न दहेज वाली........4 ----वि nee त 67cfa69d7b28b811fa067db/ Best App to Write & Record Stories 👇👇👇 👉 Join Nojoto: http://bit.ly/Nojoto_Download एक दहेज पीड़ित लड़की की व्यथा
Neelam Modanwal
दहेज प्रतिशोध अधिनियम,1961 शादी से संबंधित जो भी उपहार दबाव या जबरदस्ती के कारण दूल्हे या दुल्हन को दिये जाते हैं, उसे दहेज कहते है। उपहार जो मांग कर लिया गया हो उसे भी दहेज कहते हैं। -दहेज लेना या देना या लेने देने में सहायता करना अपराध है। शादी हुई हो या नहीं इससे फर्क नहीं पड़ता है। इसकी सजा है पाँच साल तक की कैद, पन्द्रह हजार रूञ्.जुर्माना या अगर दहेज की रकम पन्द्रह हजार रूञ्पये से ज्यादा हो तो उस रकम के बराबर जुर्माना। - दहेज मांगना अपराध है और इसकी सजा है कम से कम छःमहीनों की कैद या जुर्माना। -दहेज का विज्ञापन देना भी एक अपराध है और इसकी सजा है कम से कम छः महीनों की कैद या पन्द्रह हजार रूञ्पये तक का जुर्माना। ©Neelam Kumari 🙏 दहेज की खिलाफ आवाज 🙏