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Priya
Google आप हमसे जुड़े हमारी बातों की ध्यान दें जब आप मिल पे गेहूं या चावल पिसवाने के लिए जाते हो तो ध्यान देना 1 किलो वाला वजन 800 ग्राम रहता है 2 किलो वाला वजन 1800 ग्राम रहता है यहां तक की हर एक इंसान बेईमानी करता है मैं गया था एक किराना स्टोर पर वह मैंने काजू खारडा 100 ग्राम फिर दूसरे टारजू से नापा तो वह 90 का नाम निकला और नहीं मैंने एक जगह 2 किलो प्याज खारडा और दूसरे तर्जुमा से नापा तो 1700 ग्राम निकल यहां तक की हर एक जगह बीमारी किया जाता है क्या गरीबों को लूटा जाता है हमारी बातों से सहमत है तो हमें फॉलो करें ©Priya #हमसे ज्ञान ले जाओ जब भी जाओ कोई दुकान तो ध्यान दो उसके वजन पर
#हमसे ज्ञान ले जाओ जब भी जाओ कोई दुकान तो ध्यान दो उसके वजन पर
read moreMayuri Bhosale
❣️.......शायरी दिल की कहानी .......❣️ हर दिल मे छूपी है एक कहानी💌 पहले हमे लगती है ओ अपनी सहेली 👭 पर दिल के गहराई के समंदर तक जाकर 🌊🌊 देख लो ओ बन जाती है एक नई पहेली.....!!❓ ©Mayuri Bhosale दिल की कहानी की
दिल की कहानी की
read moreअनिल कसेर "उजाला"
White तबियत तन की कहूँ या मन की, ये दुनिया है यार मेरे भगवन की। कभी तेज़ तो कभी मध्यम होता, ये बात है 'उजाला' धड़कन की। ©अनिल कसेर "उजाला" धड़कन की
धड़कन की
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी दखल अब महँगाई का सरेआम सता रहा है सिकुड़ती कमाई आमजन की सूनापन बर्तनों और कपो में छा रहा है छूट गयी मेजबानी लोगो की ,चाय की राशन दूध गैस पर अधिकार आमजन खोता जा रहा है घर घर की दुर्दशा करके मंत्र बटोगे तो कटोगे का दिया जा रहा है डीजल पेट्रोल जाने किसके हवाले है इसके मद से किसका विकास किया जा रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #chai छूट गयी लोगो की मेजबानी चाय की
#chai छूट गयी लोगो की मेजबानी चाय की
read moreAnuj Ray
White कितनी "विचित्र दुकान " है मोहब्बत की भी, जो सिर्फ़ रात को खुलती है। दिलजले आशिकों की सजती है महफ़िल, और और दर्द के मारों को मोहब्बत की दवा मिलती है। ©Anuj Ray # विचित्र दुकान"
# विचित्र दुकान"
read moreAvinash Jha
White यह दुनिया एक विचित्र दुकान, जहां इंसान सजे सामना. कोई खुशी बेचता, कोई ग़म, कोई ज्ञान तो कोई भ्रम. कुछ सपनों का धंधा करते, कुछ उम्मीदों को भरते. इच्छाओं की बोली लगती, हर किसी की किस्मत सजती. यहां कोई विज्ञान को संभाले, कोई अध्यात्म से ढांके. कोई मन की तरंग में डूबे, कोई यंत्रों की भंगिमा में झूमे. मशीनों में रची-बसी है सोच, संवेदनाओं की है अलग ही खोज. हर व्यक्ति एक विचार का व्यापारी, अपने हिस्से का अनुभव सवारे, निराला व्यापारी हो. क्या वैज्ञानिक, क्या संत, सभी का मकसद एक ही है, सार्थकता की ओर बढ़ते, जीवन का पेच सुलझा रहे हैं. इस विचित्र दुकान के हर हिस्से में, जीवन की कीमतें नाप रहे हैं. ©Avinash Jha #sad_dp #विचित्र #दुकान #दुनिया