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Vinod Mishra
"मित्रता दीर्घकालिक इत्र है." ©Vinod Mishra "मित्रता दीर्घकालिक इत्र है."
"मित्रता दीर्घकालिक इत्र है."
read moreMahesh Patel
सहेली..... हम दोनों का मिलन.. अपनी खुशियां बर्दाश्त नहीं हो रही.. उनका क्या करें.. लाला...... ©Mahesh Patel सहेली... मिलन... लाला...
सहेली... मिलन... लाला...
read moreNischhal Raghuwanshi
सुनो! जिसके दीदार कर लेने मात्र से, तुम्हारे जीवन की गहन से गहन पीड़ा पल में छू हो जाती हो, उसे कभी किसी के भी दबाव में अपने से दूर नहीं जाने देना। उसके जाते ही तुम अपना जीवन भी खो दोगे और जीने की वजह भी.... उसे पास रखना एक फूल के तरह संजो कर, भले उसे तोड़ना मत न अपना बनाने की चेष्टा करना.... पर रखना हमेशा साथ, ताकि मुस्कुराता रहे सदा जीवन भी तुम्हारा उसी फूल के तरह! @indian_निश्छल ©Nischhal Raghuwanshi सुनो! #मित्रता #जीवन #अनुभव #भाव
N S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} व्यक्ति को किसी और का नही, केवल अपनी खुद की मित्रता पर ज्यादा विस्वास करना चाहिए। ©N S Yadav GoldMine #GoodMorning {Bolo Ji Radhey Radhey} व्यक्ति को किसी और का नही, केवल अपनी खुद की मित्रता पर ज्यादा विस्वास करना चाहिए।
#GoodMorning {Bolo Ji Radhey Radhey} व्यक्ति को किसी और का नही, केवल अपनी खुद की मित्रता पर ज्यादा विस्वास करना चाहिए।
read moreParasram Arora
White इस मिलन का दर्द क्या समझेगा वो बिछड़ने वाला आँख मे समंदर. लहराता हैँ और अधरो पर हंसी की वर्णमाला हैँ ©Parasram Arora मिलन का दर्द
मिलन का दर्द
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
White रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कहीं बारिश तो ओले गिराए। कहीं मिलन के फूल खिलाए, रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कभी चारों तरफ़ बहारें छाईं, कभी जुदाई से भरी पतझड़ आई। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी रुस्वाई से भरी रातें थीं, तो कहीं जुदाई के आँसू बहाए। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कभी उम्मीदों का सूरज उग जाए, कभी बगैर चाँद आसमान सुना हो जाए। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी सपनों को बहार मिली, कभी उम्मीदों पर सितारे गिरे। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी पलकों पे मुस्कानें बिखरीं, कभी दिलों पे ग़मों के छाए। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी खुशियों का झरना बहा, कभी ख़ामोशियाँ गूंजीं यहाँ। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। कभी सर्द हवाओं में आग जली, कभी गर्मी में बर्फ़ पिघली। रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या। ©theABHAYSINGH_BIPIN #love_shayari रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कहीं बारिश तो ओले गिराए। कहीं मिलन के फूल खिलाए, रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कभी चारों तरफ़ बहा
#love_shayari रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कहीं बारिश तो ओले गिराए। कहीं मिलन के फूल खिलाए, रंग-मौसम ने दिखाए क्या-क्या, कभी चारों तरफ़ बहा
read moreनवनीत ठाकुर
इक उमर की चाहत थी, इक लम्हे की दस्तक, दरवाज़ा खुला तो ख्वाबों का सफर निकला। जो दिन था मुक़द्दर का, वो भी कुछ यूँ बीता, जैसे काग़ज़ पर गिरा, पानी का असर निकला। अरमान सजे थे जिनसे रोशन मेरी दुनिया, वो चिराग़ जला लेकिन हवा का असर निकला। मिलन की घड़ी आई तो जुदाई के साए थे, जिसे चाहा था अपना, वो भी बेख़बर निकला। ख़्वाबों की हक़ीक़त में जो देखा था कभी हमने, आईना दिखाया तो हर शक्ल बदल निकला। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर इक उमर की चाहत थी, इक लम्हे की दस्तक, दरवाज़ा खुला तो ख्वाबों का सफर निकला। जो दिन था मुक़द्दर का, वो भी कुछ यूँ बीता, जैसे का
#नवनीतठाकुर इक उमर की चाहत थी, इक लम्हे की दस्तक, दरवाज़ा खुला तो ख्वाबों का सफर निकला। जो दिन था मुक़द्दर का, वो भी कुछ यूँ बीता, जैसे का
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