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Mayank Jain
White The successful man will profit from his mistakes and try again in a different way.. Jai Jinendra 🌹 ©Mayank Jain #Free
Dr Yatendra Gurjar
White कोई किसी को कुछ नहीं बताता पता नहीं क्या मिलता है छिपाने में दर्द बांटते फिरते हैं अपना सभी यहां कोई नहीं है जो बांटे खुशी जमाने में ©Dr Yatendra Gurjar #Free
Mr. Eram
White جب دوستی ہوتی ہے تو دوستی ہوتی ہے اور دوستی میں کوئی احسان نہیں ہوتا گلزار . ©Mr. Eram #Free.
Sheeba
White Fruit of darkness tastes sometimes good when it downpours on a barren land....... ©Sheeba #Cloud positive_quotes
#cloud positive_quotes #Motivational
read moreKrishnaa Harish
White हसरतें न ज्यादा पालो मुझसे कच्ची दीवार सा हूँ ढह जाऊँगा, तमाम उम्र सुनी हैं बातें सबकी मौका मिलेगा जब भी मुझको अपना भी तुमसे कुछ कह जाऊँगा, घाट और किनारे बेशक, नसीब हो न हो मुझको मेरा क्या, मैं तो पानी सा हूँ बह जाऊँगा, तुम्हें मुबारक मंजिल अपनी मुझे रास्तों का शौक है नदी, पहाड़, और खुला आसमाँ इनमें भी रहना पड़े,तो रह जाऊँगा। ©Krishnaa Harish #Free one life free life,,,,
Ram Shankar
वक्त पर बारिश हो तो यहां खेत गुलजार रहता है नहीं तो कौन यहां किसी के लिए तैयार रहता है मौसम जब भी बेवक्त करवटें बदले यहां मेहनत लाख करे किसान बेकार रहता है सुखी मिट्टी को है सदियों से बादल की तलब जैसे प्यार में कोई आशिक बेकरार रहता है चुनाव की हर किताब में यहां मौसम सुहाना है सपनों में उलझा हुआ कहीं बेरोजगार रहता है चुनाव की फसल बस कटने पर देखिए वादों पे कौन कितना यहां सरकार रहता है दिन का सूरज समझे या रात का तारा उसको एक सोच का फर्क है जो बनके दीवार रहता है ये वक्त का समंदर है राम हर हिसाब से गहरा कोई इस पार रहता है कोई उस पार रहता है *राणा रामशंकर सिंह* उर्फ बंजारा कवि 🖊️.... #cloud
ଶ୍ରଦ୍ଧାଶିଷ୍......
କେତେ ପର୍'କାରେ ଗରିବ୍ ଦେଖ୍'ବୁ ନାଇଁ କରି ହୁଏ ଠାବ୍, ମନର ଗରିବ୍, ବିଚାରେ ଗରିବ୍ ଆର୍ ଗରିବ୍ ଆଏ କାର୍ ସ୍ବଭାବ୍ । ଧନର୍ ଗରିବ୍ ,ଗରିବ୍ ନୁହେ ତାର୍ ଧନର୍ ଖାଲି ଅଭାବ୍, ବେଭାର୍ ଟିକ୍'କ ବନେ ବୋଲି କରି ସବୁଠାନେ ତାର୍ ଭାବ୍ । ମନର୍ ଗରିବ୍ ଦୁଇ ପେଚିଆ ଉପ୍'ରେ ଉପ୍'ରେ ବନେ, ଭିତର କେ ଆର୍ କିଏ ଦେଖୁଛେ ଅହଙ୍କାର୍ ଥିବା ଘନେ । ବିଚାରେ ଗରିବ୍ ଅବିଚାର୍ ଥି ଏକ୍ ନମର୍ ରଜା । ଅଡ଼ୁଆ ଭିତରେ ଲୁକ୍'କୁ ପକେଇ ଦେଖ୍'ବା ଖାଲି ମଜା । ବେଭାରେ ଗରିବ୍ ଦୁର୍'ବେଭାର୍ କେ ନିଜର୍ ବୋଲି ଭାବେ , ଆର୍ ନୁକୋ କଥା କେ ଛି ଥୁ କରି ରହେସି ନିଜର୍ ଲାଭେ । ଆର୍ କେତେ ଯେ ଗରିବ୍ ଥିବେ ନାଇଁ ମିଲେ ତାର୍ ଧାର୍ , ନିଜେ ବନେ ଥିଲେ ସବୁ ବନେ ଇନେ ଇ କଥା ଟା ସାର୍ । ମୁନୁଷ୍ ଜୀବନ୍ ବଡ଼ା ଦୁର୍ଲଭ୍ ପୁଇଁନ୍ କଲେ ମିଲେ , ଧନ୍ ଥାଇ କରି ଗରିବ୍ ହେଲେ ଘାଣ୍ଟି ହେବୁ ଅର୍କଲେ । ©ଶ୍ରଦ୍ଧା...... #cloud ଗରିବ୍