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Sanjeev gupta
मैं रहूं ना रहूं मेरा बताया हर रास्ता तुम्हे मंजिल तक ले जाने में मील का पत्थर साबित होगा मील का पत्थर
Manoj Chauhan
मील का पत्थर हां मैं हूँ मील का पत्थर दिख जाता हूँ तुम्हें किसी राजमार्ग या सुदूर इलाके की किसी सड़क पर मत बिगाड़ो भाई मुझपर लिखी लिखावट । सफर करती सवारियों के लिए आज भी करता हूँ मार्गदर्शन बताता हूँ उनको अमुक जगह का नाम भले ही आज चिढ़ाते हों मुझे गूगल मैप और जीपीएस की आधुनिक तकनीक । नौकरी पर जाते हुए सफर करते शख्स के फ़ोन पर सुनाई देता है जब स्वर उसके परिजनों का कि 'कहाँ पहुंचे' तो झांकता है वह आँख मलते हुए बस या ट्रेन की खिड़की से बाहर उसकी आंखें खोजती हैं मुझे ही ताकि बता सकें वह उस स्थान के बारे में । मैंने देखे हैं सड़क निर्माण के दौरान मजदूरों के दुःख-तकलीफें मुंशी और इंजीनियर बाबू की डांट हर मौसम में काम करते मेहनतकश लोग । मुझपर लिख रखे किलोमीटर के आंकड़े को नापा होगा किसी ने कभी अपने कदमों से हालांकि उपहास मात्र के लिए बदल देते हो तुम किसी जगह के नाम को कुछ मात्राओं के हेर-फेर से । वर्षा, बर्फबारी या जेठ की तपती दोपहरी में मैं खड़ा हूँ अडिग अपनी जगह पर मुझे खोजती है पथिक की आस भारी आंखे और उनमें लौट आती है चमक इस अनुभूति के साथ कि मंजिल दूर नहीं ! मील का पत्थर
Dev Bhati
मील के पत्थर भी राही की राहें आसान करते हैं। यह हम नहीं राहगीरों के हाव-भाव बताते हैं।। मील का पत्थर::::
ved Kabeera
उस अनजान रास्ते पर जिसे जीवन तो नहीं कहा जाता लेकिन जीवन में कई बार उस और वैसे अनजान रास्तों पर हम चलते जरूर हैं कई बार अपनी मर्जी से और कई बार किसी मजबूरी में लेकिन हर बार जब भी हमें कोई अनजान रास्ता मिले यदि हम उसे समझ कर उसे जानकर उसे अपना बना ले तो शायद उस पर सफलता की मील का पत्थर लगा सकते हैं जिससे कि हमारे पीछे आने वालों को तकलीफ ना हो और वह भी आगे चलकर कुछ और मील के पत्थर जोड़ सकें जिससे पीछे आने वालों को उस में निरंतर सफलता मिलती रहे वंदे साहसम वंदे निरंतरता वेद कबीरा ©ved Kabeera मील का पत्थर
Shashi Bhushan Mishra
मील का पत्थर, काँपता थर-थर, वेदना असीम, हो रहा असर, लगी चिन्गारी, जले कितने घर, गँवाया सबकुछ, हो गए बेघर, सियासत ख़ामोश, कैसे हो ख़बर, चली थी आँधी, गिर गया शज़र, घोर तन्हाई, कोई न रहगुज़र, सूखती सरिता, जमीं है बंजर, हर तरफ तांडव, बोल अब हर-हर, बचे सब 'गुंजन', उठा अब खंज़र, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई ©Shashi Bhushan Mishra #मील का पत्थर#
Ramkumar
रख होंसला बुलंद तो ये मंजर भी आएगा । प्यासे के पास चलकर समंदर भी आएगा।। थक हार के न बैठ ए मंजिल के मुसाफिर। मंजिल भी मिलेगी और मील का पत्थर भी आएगा।। मील का पत्थर।