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Stories related to कानिफनाथ जन्म कथा

प्रितफुल (प्रित)

#feelingblessed आयुष्याच्या वाटेवर - माझा पहिला कथा संग्रह

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White 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

सर्वांना सविनय प्रणाम..

*प्रितफुल प्रित..साभिमान सादर करीत आहे..*
*एक, जरा हटके वाचनानुभव*

*जगण्याच्या प्रवासाचा अनुभव आणि स्त्री ची मनोभूमिका मांडणारा एक आगळावेगळा कथा संग्रह*

_*"आयुष्याच्या वाटेवर"*_
*लेखिका - प्रितफुल प्रित*
       *(प्रितम गाडगीळ)*

प्रकाशक - ज्ञानसिंधू प्रकाशन, नाशिक
(मूल्य - ₹ २००/- + पोस्टेज)

*वाचकांच्या आग्रहाखातर पुढील काही दिवस सवलतीच्या दरात हा कथासंग्रह उपलब्ध करून देण्यात येत आहे..*

*सवलतीचा दर - ₹ १२५/-  + पोस्टेज*

सवलतीच्या दरासाठी खालील क्रमांकावर संपर्क साधावा..

*संपर्क : ९८९२६१८२७८*

गणपती बाप्पा मोरया..

🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

©प्रितफुल (प्रित) #FeelingBlessed आयुष्याच्या वाटेवर - माझा पहिला कथा संग्रह

Indian Kanoon In Hindi

जन्म के द्वारा नागरिकता का क़ानून :-

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White जन्म के द्वारा नागरिकता का क़ानून :- 

* 26 जनवरी 1950 के बाद परन्तु 1 जुलाई 1987 से पहले भारत में जन्मा कोई भी व्यक्ति जन्म के द्वारा भारत का नागरिक है।

* 1 जुलाई 1987 को या इसके बाद भारत में जन्मा कोई भी व्यक्ति भारत का नागरिक है यदि उसके जन्म के समय उसका कोई एक अभिभावक भारत का नागरिक था।

* 3 दिसम्बर 2004 के बाद भारत में पैदा हुआ वह कोई भी व्यक्ति भारत का नागरिक माना जाता है, यदि उसके दोनों अभिभावक भारत के नागरिक हों अथवा यदि एक अभिभावक भारतीय हो और दूसरा अभिभावक उसके जन्म के समय पर गैर कानूनी अप्रवासी न हो, तो वह नागरिक भारतीय या विदेशी हो सकता है।

©Indian Kanoon In Hindi जन्म के द्वारा नागरिकता का क़ानून :-

Ashok Verma "Hamdard"

जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएं

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White *सांविका के जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएं ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️*

*छोटी सी परी, नटखट, प्यारी,*
*सांविका, तुम हो सबसे न्यारी।*
*चमके जैसे सूरज की किरण,*
*तुमसे सजे हर सपनों का गगन।*

*तुम्हारी हंसी में संगीत बसा,*
*हर ग़म को तुमने पल में हँसा।*
*प्यारे से नटखट खेल तुम्हारे,*
*घर आंगन को करते उजियारे।*

*आज का दिन है खास तुम्हारा,*
*जन्मदिन पर सजे यह नज़ारा।*
*फूलों की महक, चांद की चांदनी*,
*तुम हो घर की सबसे प्यारी रानी।*

*भगवान तुम्हें दें ढेरों खुशियां,*
*हर कदम पर मिलें नई दुनियां।*
*सांविका, तुम हो जीवन का गहना,*
*तुमसे ही हर दिन सुंदर और सुहाना।*
*तुम्हारे नाना जी - अशोक वर्मा "हमदर्द "*

©Ashok Verma "Hamdard" जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएं

Ghanshyam Ratre

युवा दिवस स्वामी विवेकानंद जी जन्म दिवस

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युवा शक्ति के प्रेरणा स्त्रोत युवा दिवस स्वामी विवेकानंद जी को शत् शत् नमन!
सभी भारतवासियों को युवा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं,!

©Ghanshyam Ratre युवा दिवस स्वामी विवेकानंद जी जन्म दिवस

निर्भय चौहान

#SunSet Vandan sharma katha(कथा) mahi singh करम गोरखपुरिया

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a-person-standing-on-a-beach-at-sunset ये अजनबी से रास्ते अब अपने लगते हैं।
ये देवदार तने हुए हैं जैसे प्रहरी हो प्रेम के।
बर्फीली हवाओं में सिमटा जिस्म तेरे ख्वाब देख कर,
कश्मीरी सिगरी की गर्माहट पा रहा है।
ऐसे में तुमसे गुजारिश है कि न मत कहना।
वरना डल झील के शिकारों पर मोहब्बत तनहा कैसे बैठेगी।
या कौन पियेगा कहवा ।
चांदनी रात में श्वेत निर्मल पहाड़ पे चांद क्यों देखेगा कोई।
जब तुम न होगी साथ उसे चिढ़ाने को।
एक बेदाग हुस्न लिए धड़कनों का गीत हो जाना
तुमने सीखा है कहां से पत्थर को मोम बनाना।
कोई जादू है, तो हो मगर अच्छा लगता है।
तुम,तुम्हारा साथ,और ये एहसास बस सच्चा लगता है।
ऐसा लगता है कि अब फिर से सुबह हो रही है।
ऐसा लगता है कि फिर से शाम सुकून लाई है।
सहमी सहमी सी उम्मीदों को हौंसला मिल रहा है।
जैसे नन्हे परिंदे को नया घोंसला मिल रहा है।
सुबह शबनम की बूंद में जैसे तारे समाए हों,
सुदूर अंधेरे सागर में किसी कश्ती पे बैठे मछुआरे ने दिया जलाया हो,
अपनी तनहाई को बांटने के लिए।
जैसे ऑफिस की एक चाय बांट लेती है ,
तुम्हारे साथ मेरी खुशी।
मैं भी बांटना चाहता हूँ तुमसे जिंदगी अपनी।
घर की दहलीज पे दिखता है मुझसे शुभ्र कलश।
और तेरे पांव में महावर भी।
खनकते कंगनों की बीच तेरे पायलों का गीत है,
और तेरी छोटी सी नाक नहीं आती बीच में,
जब अधर एकसार हो रहे होते है।
मेरी आंखों पे तेरा चेहरा और
मेरे घर के खुले दरवाजे पे परदा झूल गया है।।

©निर्भय चौहान #SunSet  Vandan sharma  katha(कथा)  mahi singh  करम गोरखपुरिया

Pyare ji

#Sad_Status Writer katha(कथा) Ana pandey R Ojha Ashutosh Mishra

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White सुनो न,
मैं ढूंढता रहता हूं बहाने, तुम्हारे साथ रहने को।
बहाने भी ऐसे, जैसे बच्चे मां के सामने बनाते हैं,
और मां झट से पकड़ लेती है।
तुम भी तो मां की तरह हो,
वैसे ही डांट लगाती हो,
और मां के बाद तुमने ही तो
सबसे ज्यादा खयाल रखा मेरा।
ये कहने में मुझे डर लगता है,
कि लोगों को ये न लगे
कि मैं मां की तुलना तुमसे कर रहा हूं।
लेकिन, लोगों का छोड़ाे—
उनका तो काम ही है कहना।
हम यहां सिर्फ अपनी बात करेंगे,
क्योंकि हमें पता है,
तुमने अपना सर्वस्व मुझ पर लुटा दिया,
जैसे पेड़ लुटा देते हैं छांव
उस पथिक पर,
जो उनके पास आकर बैठता है।
बस, मैं चाहता हूं
वो पथिक बन जाना
जो अब चाहता है
एक लंबा विश्राम।
जो थक चुका है
जिंदगी की रेस में भागते-भागते।
इसीलिए,
मैं ढूंढता रहता हूं तुम्हें,
तुम्हारे साथ, तुम्हारे पास रहने को।
तुम्हारे पास रहकर ही
चैन मिलता है मुझे।
मेरे लिए सुकून की पराकाष्ठा हो तुम।

©Pyare ji #Sad_Status  Writer  katha(कथा)  Ana pandey  R Ojha  Ashutosh Mishra

Pyare ji

#GreenLeaves Writer अdiति katha(कथा) R Ojha Ana pandey

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green-leaves मैं  तुम्हारे साथ रहने को कई बहाने ढूंढता हूं बहाने भी ऐसे जैसे बच्चे बहाना बनाता हो मां के सामने और मां झट से पकड़ लेती है,तुम भी तो बिल्कुल मां जैसी ही हो मां के बाद तुम्ही तो हो जो मां की तरह खयाल रखती  हो लेकिन ये कहने में भी डर लग रहा मुझे की कहीं लोग ये न कहने लगे की मैं मां से तुम्हारी तुलना कर रहा हूं लेकिन लोगो का तो काम है कहना कहने दो उन्हे ,मैं जानता हूं ना तुम अपना सर्वस्व मुझ पर लूटा दी हो जैसे किसान लूटा देते हैं अपने फसलों पर ।तुम साथ रहती हो न  तो मैं बेवजह भी खुश रहता हूं और नही रहती तो वजह होने पर भी चेहरे पर उदासी टिकी रहती है इसलिए मैं ढूंढते रहता हूं बहाने तुम्हारे साथ रहने को ।

©Pyare ji
  #GreenLeaves  Writer  अdiति  katha(कथा)  R Ojha  Ana pandey

Parasram Arora

कविता का जन्म

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White प्रसफुटन होता हैँ 
ज़ब चुनिंदा छंदो का
जिन्हे बाद मे एक 
लड मे पिरो दिया 
जाता हैँ
और ज़ब उन श्रंगारित  
छंदो को भावना 
और संवेदनाओं की 
भाफ से थोड़ी गर्मी 
दीं जाती है

तब कही एक
अच्छी कविता
 का जन्म हो पाता हैँ

©Parasram Arora  कविता का जन्म

Reetu

#SunSet ना मिलेगे किसी जन्म

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Indian Kanoon In Hindi

जन्म के द्वारा नागरिकता का क़ानून

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जन्म के द्वारा नागरिकता का क़ानून :- 

* 26 जनवरी 1950 के बाद परन्तु 1 जुलाई 1987 से पहले भारत में जन्मा कोई भी व्यक्ति जन्म के द्वारा भारत का नागरिक है।

* 1 जुलाई 1987 को या इसके बाद भारत में जन्मा कोई भी व्यक्ति भारत का नागरिक है यदि उसके जन्म के समय उसका कोई एक अभिभावक भारत का नागरिक था।

* 3 दिसम्बर 2004 के बाद भारत में पैदा हुआ वह कोई भी व्यक्ति भारत का नागरिक माना जाता है, यदि उसके दोनों अभिभावक भारत के नागरिक हों अथवा यदि एक अभिभावक भारतीय हो और दूसरा अभिभावक उसके जन्म के समय पर गैर कानूनी अप्रवासी न हो, तो वह नागरिक भारतीय या विदेशी हो सकता है।

©Indian Kanoon In Hindi जन्म के द्वारा नागरिकता का क़ानून
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