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DrLal Thadani

नमस्कार लेखकों🌸 आज के #rzdearcharacters में हम लेकर आये हैं #rzप्रियनम्रता । नम्रता की नरम मिट्टी में ही सम्मान का अंकुर फूटता है । Col #yqdidi #YourQuoteAndMine #yqrestzone #collabwithrestzone #अल्फ़ाज़_दिलसे

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क्यों इतनी उत्सुकता 
यह उतावलापन 
और बेसब्री 
तेरा गुण है विनम्रता

डॉ लाल थदानी
#अल्फ़ाज़_दिलसे  नमस्कार लेखकों🌸 

आज के #rzdearcharacters में हम लेकर आये हैं #rzप्रियनम्रता । 

नम्रता की नरम मिट्टी में ही सम्मान का अंकुर फूटता है ।

Col

Abhishek 'रैबारि' Gairola

हिंसा के इस उजाड़ शेहर में,  नफ़रत के उन अंधेरे खंडरो के मलबे से  सदियों बाद फिर एक पवित्र प्रकाश फूटता है। जो सारे आस्मां को रौशनी में स #Poetry #poem #प्यार #कविता #लव #nojohindi #Blankvoicebangalore

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vishnu prabhakar singh

एक तल पे उंगलियां वीणा के साथ एकात्म हो चुकी होंगी । द्वितीय तल पर मृदंग पर लयबद्ध हो मूर्त हो रहा होगा निनाद । #YourQuoteAndMine #औघड़

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संगीत के स्वर
अभ्यास के
धर्म के स्वर
विश्वास के
देश का स्वर
सहयोग के
कवि का स्वर
योग के!
 एक तल पे 
उंगलियां वीणा के साथ
एकात्म हो चुकी होंगी ।

द्वितीय तल पर 
मृदंग पर लयबद्ध हो
मूर्त हो रहा होगा निनाद ।

Anchal Pandey

... तुम्हारे आगमन का आनंद ऐसा, जैसे वसुधा पर सूरज की बेटियां हैं पधारी.. और हर आंगन में है प्रकाशित आभामंडित उनकी हास्यज्योति। #yqdidi #yqpoem #septemberpoem #yqaestheticthoughts #aatmaparichya

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तुम्हारे आगमन का आनंद ऐसा,
  जैसे वसुधा पर सूरज की बेटियां
    हैं पधारी..
और हर आंगन में है प्रकाशित
 आभामंडित उनकी हास्यज्योति।
       ठहरी हुई शांत चित्त में
 सुस्ता रही हो ओस जैसे,
   चुपचाप दूब पर पड़ी..
 वैसा मेरा विश्राम हो तुम।
   स्वर तुम्हारा फूटता है..
 जैसे रंग फूटे कोपलों में।
   पल्लव - पवन के संग से
 उभरा हुआ संगीत हो तुम।
      अनिश्चित कालखंड में जब,
 कुछ कहीं निश्चित नहीं है..
   मेरे हाथों में शाश्वत सहर्ष अंकित
 तुम हो मेरी हस्तरेखा।
       स्मृति में बसी हो,
 बदली में मानो नीर हो।
  श्वासों की चेतना - सा
 पवित्र - निर्मल योग हो तुम।
  आभास जिसका पुलकित कर दे,
 वह प्रेममय स्पर्श हो तुम।
      बंद करके नैनपट प्रार्थना में...
 है जैसे जुड़ जाता हृदय,
  यूं ही मेरी तुमसे..
 है भेंट जैसे आत्मपरिचय! ...
तुम्हारे आगमन का आनंद ऐसा,
  जैसे वसुधा पर सूरज की बेटियां
    हैं पधारी..
और हर आंगन में है प्रकाशित
 आभामंडित उनकी हास्यज्योति।

Amar Anand

ऐसा नही कि जब मन किया कुछ लिख दिया जब मन किया कुछ रच दिया कविता शिल्प से मुक्त है अपने आप में उन्मुक्त है जहां बंधन हैं वहां कविता नही ह

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कविता शिल्प से मुक्त है
शेष नीचे कैप्शन में... ऐसा नही कि जब मन किया 
कुछ लिख दिया
जब मन किया कुछ रच दिया
कविता शिल्प से मुक्त है 
अपने आप में उन्मुक्त है 
जहां बंधन हैं 
वहां कविता नही ह

Jaya Mishra JD

रात गए मन की कलियों से गुस्सा फूटता है, आंखें तमाशबीन क्यों हैं बनी आखिर, लोग गम दिए जाते हैं तोहफ़े में, जिंदगी इतनी शांत क्यों हैं आखिर, क् #nojotohindi #jd

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तीसरी आँख...
read in caption #NojotoQuote रात गए मन की कलियों से गुस्सा फूटता है,
आंखें तमाशबीन क्यों हैं बनी आखिर,
लोग गम दिए जाते हैं तोहफ़े में,
जिंदगी इतनी शांत क्यों हैं आखिर,
क्

Technocrat Sanam

# बड़प्पन और बचपन # .................................. बड़प्पन.. बचपन की एक ऐसी ख़्वाहिश जो अब पूरी हुयी तो इक ग़लती लगती है जब नींद से जा

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            बड़प्पन.. 
बचपन की एक ऐसी ख़्वाहिश.., 
जो पूरी होने पर अब इक ग़लती लगती है, 
इक ऐसी गलती जिसे शायद, कभी सुधारा नहीं जा सकता..
-read full poetry in the caption 👉👇 # बड़प्पन और बचपन #
.................................. 
बड़प्पन.. बचपन की एक ऐसी ख़्वाहिश
जो अब पूरी हुयी तो इक ग़लती लगती है 
जब नींद से जा

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 10 ।।श्री हरिः।। 19 - हारे को हरिनाम नदी घड़ियालों से भरी थी, आकाश मच्छरों से, तटीय प्रदेश लम्बी घास

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 10

।।श्री हरिः।।
19 - हारे को हरिनाम

नदी घड़ियालों से भरी थी, आकाश मच्छरों से, तटीय प्रदेश लम्बी घास

मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *

माँ क्या है? माँ नूर है,हूर है माँ बेटे का गुरूर है। माँ दीप है,रूप है,धूप है। माँ नदी है,रती है सती है। माँ मन है,धून है, जूनून है। माँ द

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Maa  MY FIRST poetry on MOM
HOPE YOU LIKE 

माँ क्या है?

माँ नूर है,हूर है 
माँ बेटे का गुरूर है।
माँ दीप है,रूप है,धूप है।
माँ नदी है,रती है सती है।
माँ मन है,धून है, जूनून है।
माँ दूर है,पास है,एहसास है।
माँ अस्ल है,नस्ल है,वस्ल है।
माँ प्यार है,व्यवहार है,संसार है।
माँ सागर है,साहिल है,सैलाब है।
माँ मंजिल है,रास्ता है,वास्ता है।
माँ दौलत है,हसरत है,इनायत है।
माँ चाहत है,आदत है,मोहब्बत है।
माँ इबादत है,इज्ज़त है,इजाजत है।
माँ सजदा है,मेहताब है,आफताब है।
माँ अभेद्य है,अखंड है,प्रचंड है।
माँ शब्द का अंत नही, माँ तो अनंत है।
                ~अंकुर (Dear Comrade) माँ क्या है?

माँ नूर है,हूर है 
माँ बेटे का गुरूर है।
माँ दीप है,रूप है,धूप है।
माँ नदी है,रती है सती है।
माँ मन है,धून है, जूनून है।
माँ द

Oye Hoy Chandan

है है है🤣🤣 #Comedy

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