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Stories related to गजल ए मेरे परवरदिगार

Mohan Sardarshahari

हाल-ए-दिल

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ये चहकती चिड़ियां
ये खिलखिलाते फूल
यह मासूम सी बच्ची 
चुन रही प्यारे-प्यारे फूल 
आड़ में इनकी तेरा
हाल-ए- दिल कबूल
मिल ना पाये तो क्या हुआ 
सब देख रहा रसूल ।।

©Mohan Sardarshahari हाल-ए-दिल

Mahesh Patel

सहेली... गजल... लाला....

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White सहेली......
आंखें उसकी सजल है..
बातें उनकी सरल है..
घूंघट में मिला हुआ चेहरा कमल है..
कैसे कहूं यारों..
वह गीत है वह मित भी है..
यह दर्द में डूबी हुई.. 
फिर कोई हमारी गजल है..
लाला..…..

©Mahesh Patel सहेली... गजल... लाला....

poet-Akash kumar

#गजल 7:30

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आधुनिक कवयित्री

ए _जिंदगी......

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Mohan Sardarshahari

# गजल

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Unsplash दोस्तों से मुश्किल है हकीकत छुपाना 
जैसे हवा से अलग रवानी को रखना। 

जिंदगी के अनुभव बेशक अलग-अलग होंगे 
मुश्किल नहीं मगर एक दूजे की कहानी समझना। 

इशारों में समझाना बहुत कर लिया 
चलो दोस्तों से करते हैं वही व्यवहार बचकाना। 

यदि कभी कुछ सुनाना पड़े दोस्तों को 
बस याद उनकी एक-एक शैतानी दिलाना। 

मिलकर यदि किसी दोस्त से छलक जाए आंसू 
शाम को उड़ा देना उनको तेरे नाम के पैमाना। 

देखी होंगी दशकों में कई नायाब इमारतें तूने 
होना हो रूबरू जवानी से, बार-२ तेरे कॉलेज जरूर जाना।।

©Mohan Sardarshahari # गजल

- Arun Aarya

#Krishna परवरदिगार मतलब भगवान

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मन  का  नाव अगर  डूब चुका है ,

तो  हिम्मत  का  पतवार  क्या  करें !

जब  ख़ुद पर से भरोशा टूट चुका हैं ,,

तो  भला  वो  परवरदिगार  क्या  करें..!!

- अरुन आर्या

©- Arun Aarya #Krishna परवरदिगार मतलब भगवान

Sayah~

#kahaaniyan #गजल #gazal Shayari Poetry

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Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

#हाल-ए-दिल

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White निकलकर उनके दिल से घूमने का मन है
कितना तो गिरे अब सम्भलने का मन है 
कह सकते हैं अब वो भी हमें मतलबी  
वो बदले तो अपना भी बदलने का मन है

©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #हाल-ए-दिल

Ashok Verma "Hamdard"

गजल

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White गजल

सहर के आँचल में चाँद सोया, फिज़ा में नर्मी नई नई है,
घरों में जलती हैं आरतियाँ, दुआ में गर्मी नई नई है।

सफर में साथी बने हैं तारे, ख़ुशी के क़िस्से कहें न थमते,
जो चाँदनी है ये चुपके चुपके, अभी वो राहत नई नई है।

लगे हैं बगिया में फूल महके, सुना है जुगनू मिले उजाले,
जो रुत है बदली हवाओं से, अभी तो रंगत नई नई है।

नज़र से छलका जो इश्क़ गहरा, वो बात लफ़्ज़ों से फिर न निकली,
जो हाल दिल का बयाँ हुआ है, अभी तो हालत नई नई है।

हुनर को पहचाना दुनिया ने, जमीं पे क़दमों का जादू छाया,
अभी जो रुतबा मिला है तुमको, ये सारी शोहरत नई नई है।

जहाँ में उठती हैं आज आँधियाँ, जलें हैं दीपक बने सहारे,
अभी जो सूरज चमक रहा है, उसकी ये हिम्मत नई नई है।

©Ashok Verma "Hamdard" गजल

हिमांशु Kulshreshtha

ए जिंदगी...

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White ए जिन्दगी कुछ
कदम तो और चल
मुझे 
 सुकून के चंद 
पलों का इंतजार है

©हिमांशु Kulshreshtha ए जिंदगी...
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