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Poet Kuldeep Singh Ruhela
White पापा दो शब्दो से मिलकर बना हैं पापा की परिभाषा जीवन में कोई भी व्यक्ति नही बता सकता पापा को एक दिन विशेष में नही बांध सकते है पापा जीवन का आधार है और पापा के बिना जीवन निराधार हैं पापा की तुलना किसी से नही हो सकती पापा खिलाता है पापा सुलाता है पापा ही हमारी जिंदगी को संवारने के लिए दिन रात जागता है ना खाता है ना पीता है समय पर पापा के लिए तो शब्द भी कम पड़ जाते है बस यही बाते तो हमको समझनी है के भविष्य में हम भी पापा की तरह कभी बन पाएंगे क्युकी ये नई पीढ़ी नही समझ पाएगी पुराने पापा को कभी ये सच है ये सच है! गुमनाम शायर ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #fathers_day पापा दो शब्दो से मिलकर बना हैं पापा की परिभाषा जीवन में कोई भी व्यक्ति नही बता सकता पापा को एक दिन विशेष में नही बांध सकते
#fathers_day पापा दो शब्दो से मिलकर बना हैं पापा की परिभाषा जीवन में कोई भी व्यक्ति नही बता सकता पापा को एक दिन विशेष में नही बांध सकते #मोटिवेशनल
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White जिंदगी के स्टेशन पर जब उसे विदा करने गए उसने कहां कुछ महीने तुम्हारे संग इक पल में बीत गए तुम नहीं रोकोगे क्या मैं खुदको रोक लूं ? आइना बनकर आंखों में तुम्हारे जिंदगीभर देख लूं ? पहले से बंधा हुआ मैं उसको कैसे बांध लूं ? पैर दलदल में फंसे हुए उसको कैसे हाथ दूं ? रिहाई की उम्मीद नहीं उसको कैसे मनाऊं ? सबकुछ जानकर भी कैसे अपना बनाऊं ? फिर पत्थर ने पत्थर बनकर कहां देख तेरी गाड़ी तुझे मंजिल पर ले जाएगी हमेशा की तरह रात मेरी स्टेशन पर बीत जाएगी...! ©gaTTubaba #good_night_images जिंदगी के स्टेशन पर जब उसे विदा करने गए उसने कहां कुछ महीने तुम्हारे संग इक पल में बीत गए
#good_night_images जिंदगी के स्टेशन पर जब उसे विदा करने गए उसने कहां कुछ महीने तुम्हारे संग इक पल में बीत गए #शायरी
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White मांगने से नहीं मिलता सबकुछ कुछ हासिल करने के लिए कीमत चुकानी पड़ती हैं झूठ से मुस्कुराएगी सारी दुनिया लेकिन सच बोलने की कीमत चुकानी पड़ती हैं किसी के हां में हां मिलाओ तो ठीक हैं लेकिन अपने उसूलों पर चलने की कीमत चुकानी पड़ती हैं अगर पानी आ जाए अपनी औकात पर तो उस बांध की क्या मजाल ? जो उसे रोक ले किसी के भलाई के लिए शांत रहकर उसे भी कीमत चुकानी पड़ती हैं...... और ये कभी मत सोचो बुरा क्यों होता हैं तुम्हारे साथ ? अच्छाई अंदर रखने की भी एक न एक दिन कीमत चुकानी पड़ती हैं.... ©gaTTubaba #safar मांगने से नहीं मिलता सबकुछ कुछ हासिल करने के लिए कीमत चुकानी पड़ती हैं झूठ से मुस्कुराएगी सारी दुनिया लेकिन सच बोलने की
Ankur tiwari
तुमको लाया हूं ब्याह कर मैं ना मोल में तुझे खरीदा हैं तुम हो लक्ष्मी मेरे आंगन की तुमसे ही घर की मर्यादा हैं तो बात गांठ यह बांध लो तुम सबको संग लेकर चलना हैं थोड़ा सा मैं ढल जाऊंगा थोड़ा तुमको भी ढलना हैं हर बात पर गुस्सा मत करना ना पहुंचाना तुम ठेस प्रिये अक्सर मत कंपेयर करना मेरा घर और परिवेश प्रियें मेरे घर को दोष तुम मत देना चाहें कोई भी कमी रहे थोड़ी बातों को भी सह लेना गर कोई रुड़ली बिहैब करे माना नाजों से पली हो तुम पर बिटिया थी उनकी बहु नही तो वैसा ही सब यहां रहे यह सोच तुम्हारी सही नही बिटिया एक घर की मर्यादा हैं पर बहु से घर मान बढ़े जिम्मेदारी बढ़ जाती हैं जब पिता उसका कन्यादान करें तो उन बढ़ती जिम्मेदारियों का मान तुम्हें रखना होगा मायके और ससुराल का सम्मान तुम्हें रखना होगा मैं वादा करता हूं तुमसे तेरा दामन सारी खुशियां भर दूंगा गर दे दो जो तुम साथ मेरा हर मंजिल फतह मैं कर लूंगा एक बात हमारी तुम सुन लो सौ बात तुम्हारी सुन लूंगा तुम हिम्मत से बस धीर धरो हर सपना पूरा कर दूंगा मैं यकीं दिलाता हूं तुमको कभी बिगड़ेगा ये माहौल नही परिवार के संग जो पल गुजरते है उनका कोई मोल नहीं ©Ankur tiwari तुमको लाया हूं ब्याह कर मैं ना मोल में तुझे खरीदा हैं तुम हो लक्ष्मी मेरे आंगन तुमसे ही घर की मर्यादा हैं तो बात गांठ यह बांध लो तुम सबको
तुमको लाया हूं ब्याह कर मैं ना मोल में तुझे खरीदा हैं तुम हो लक्ष्मी मेरे आंगन तुमसे ही घर की मर्यादा हैं तो बात गांठ यह बांध लो तुम सबको #Poetry
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तुमको लाया हूं ब्याह कर मैं ना मोल में तुझे खरीदा हैं तुम हो लक्ष्मी मेरे आंगन तुमसे ही घर की मर्यादा हैं तो बात गांठ यह बांध लो तुम सबको संग लेकर चलना हैं थोड़ा सा मैं ढल जाऊंगा थोड़ा तुमको भी ढलना हैं हर बात पर गुस्सा मत करना ना पहुंचाना तुम ठेस प्रिये अक्सर मत कंपेयर करना मेरा घर और परिवेश प्रियें मेरे घर को दोष तुम मत देना चाहें कोई भी कमी रहे थोड़ी बातों को भी सह लेना गर कोई रुड़ली बिहैब करे माना नाजों से पली हो तुम पर बिटिया थी उनकी बहु नही तो वैसा ही सब यहां रहे यह सोच तुम्हारी सही नही बिटिया एक घर की मर्यादा हैं पर बहु से घर मान बढ़े जिम्मेदारी बढ़ जाती हैं जब पिता उसका कन्यादान करें तो उन बढ़ती जिम्मेदारियों का मान तुम्हें रखना होगा मायके और ससुराल का सम्मान तुम्हें रखना होगा मैं वादा करता हूं तुमसे तेरा दामन सारी खुशियां भर दूंगा गर दे दो जो तुम साथ मेरा हर मंजिल फतह मैं कर लूंगा एक बात हमारी तुम सुन लो सौ बात तुम्हारी सुन लूंगा तुम हिम्मत से बस धीर धरो हर सपना पूरा कर दूंगा मैं यकीं दिलाता हूं तुमको कभी बिगड़ेगा ये माहौल नही परिवार के संग जो पल गुजरते है उनका कोई मोल नहीं ©Ankur tiwari तुमको लाया हूं ब्याह कर मैं ना मोल में तुझे खरीदा हैं तुम हो लक्ष्मी मेरे आंगन तुमसे ही घर की मर्यादा हैं तो बात गांठ यह बांध लो तुम सबको
दीपा साहू "प्रकृति"
उलझन भरे मेरे नैनो ने तुमसे सहस्त्र प्रश्न किए। उत्तर जिनके खोज रही सम्मुख तुम्हारे यत्न किए। स्वार्थ भरी दुनिया व्याधि माया मोह जालिकाएँ, भोग-विलास की मन में खेले वो बाल-बालिकाएँ हे कृष्ण मोक्ष दो मुझे तुम्हीं,तम भरा उजाला भी। अंधकारमय है जीवन ,तुम्ही से मिले सहारा भी। उन्मुक्त मन की बांध गति,इंद्रियों को बांध दो, हे कृष्ण सुनो चरणों में मुझको भी अब स्थान दो। ©दीपा साहू "प्रकृति" #Prakriti_ #deepliner #krishna #love #poetry #poem #Nozoto उलझन भरे मेरे नैनो ने तुमसे सहस्त्र प्रश्न किए। उत्तर जिनके खोज रही सम्मुख तुम्
#Prakriti_ #deepliner #Krishna love #Poetry #poem #Nozoto उलझन भरे मेरे नैनो ने तुमसे सहस्त्र प्रश्न किए। उत्तर जिनके खोज रही सम्मुख तुम्
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