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Mantri Sharma
Radhe Radhe ©Mantri Sharma लेखक प्रकाश शर्मा #GaneshChaturthi
satyarth vani
भूल बैठा सुध बुध सारी आंखों में तेरा नशा छाया रहा © satyarth vani सत्यार्थ वाणी
Unknown
जिसे हम तिरंगा कहते हैं वो तो चौरंगा है वास्तव में इतना बडा़ झूठ कहा किसने हमको यूं बरगलाया किसने ७५ सालों से गलत पढाया किसने इतिहास को विकृत बनाया जिसने केसरिया सफेद हरा रंग है तिरंगे का पर बीच में चक्र का रंग तो नीला है कुल चार रंगों का राष्ट्र ध्वज है अपना फिर तिरंगा कहना तो ठीक नहीं है या हम सब कलर ब्लाइंड हो गये हैं राष्ट्र ध्वज हमारी आन बान शान है उसके सारे रंग हम सबकी पहचान हैं फिर नीले रंग को हम क्यों भूल गये हैं अशोक चक्र का रंग क्यों याद नहीं है वस्तृत: राष्ट्र ध्वज के कुल चार रंग हैं जो केसरिया सफेद हरा संग नीला हैं यही यथार्थ है और यही पूर्ण सत्यार्थ है इन्ही चार रंगों में बसा भारत का भावार्थ है राष्ट्रध्वज का सत्यार्थ
SATYA PRAKASH VERMA
रोटी बिहार का रोटी नहीं रोजगार चाहिए, पैसा नहीं व्यापार चाहिए हम सब हैं हुनर वाले , मौका हमें एक बार चाहिए ! अरे अब तो संभालिए साहेब 70 साल की कहानी कभी कोलकाता ,तो कभी दिल्ली, तो कभी गुजरात में भटक रहा है यह जिंदगानी! निकल पड़ते हैं रुपैया को खोजने ! एक बोतल पानी और एगो बैग के साथ ,25 बोगी वाला रेलगाड़ी में मात्र चार को सामान्य बोगी होता है !जैसे ही रेलगाड़ी आता है प्लेटफार्म पर वैसे ही बैग वा को फेंक देते हैं रेलगाड़ी के बोगी मैं! खचाखच भीड़ में पायदान पकड़कर पैर जमाने का कोशिश करते हैं, जैसे ही शरीर बोगी के अंदर जाता है तो एक सुकून का एहसास होता है ! अरे अब तो संभालिए साहेब ,कब तक चंद्र मिनटों का एहसास करते रहेंगे !अरे जो काम दिल्ली कोलकाता मुंबई गुजरात में हो सकता है बिहार में काहे नहीं अरे अब तो संभालिए साहेब , अरे अब तो संभालिए साहेब ! लेखक सत्य प्रकाश वर्मा रोटी बिहार का लेखक सत्य प्रकाश वर्मा #Art
Shiv Narayan Saxena
सुप्रभात! कर्म के सूरज के प्रकाश ©Shiv Narayan Saxena कर्म के सूरज का प्रकाश
Gyanu Sagar
मुकद्दर में हर चीज भगवान नहीं लिखता कभी-कभी हम इंसान भी लिखते हैं ©Gyanu Sagar मुकद्दर के लेखक
Amit Sir KUMAR
ज्ञान के प्रकाश से अंधकार के तिमीर को दुर भगाओ ज्ञान के रूई से अपने आत्म दीपक को जलाओ पढ लिखकर खुब करो ज्ञान अर्जन अपने साथ अपने देश का भी मान बढाओ पढ़ो और पढ़ाओ तोड़ दो जंजीरे परतंत्रता कि एक स्वच्छ और सबल नया समाज बनाओ। ©Amit Sir KUMAR #educationday ज्ञान के प्रकाश से अज्ञान के अंधियारे को .....
zarri farha
काश मेरी इबादत वो मुकाम लाये,,,, जिंदगी तेरी बांहों मे गुज़रे, और जान तेरे कदमों में ही जाये। बेशक फना करदे तू अपनी मुहब्बत, लेकिन लौटकर वापस तू मेरे ही दर पर आये। भूल जाये सारे शिकवा गिले जिंदगी के, और फिर एक बार मेरी मुहब्बत पर ऐतबार लाये।। जिंदगी के कुछ पल..... अरुणेन्द्र प्रकाश गौतम