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Arora PR
तुम्हारी ये लम्बी चुप्पी मौन सन्देश दें रही कि तुम्हे मेरी बात मान लेने मे कोई एतराज़ नहीं हैँ फिर भी मै चाहुँगा कि तुम्हारे इस मौन का भावार्थ समझने की चेष्टा अवश्य करके देखु कि कही तुम इस धैर्य धारण के कवच से अपने ह्रदय को आहत तो नहीं कर रहे हो? ©Arora PR मौन का भावार्थ
Parasram Arora
मेरे मौन शब्दों का अर्थ जानना निरर्थक सिद्ध हो सकता है यधपि उनका भावार्थ समझा जा सकता है.... क्योंकि भाव की कोई भाषा नहीं होती वहा तो केवल अनुभूति का अस्तित्व होता है वो तो वैसा ही है जैसे चन्द्रमा की मौन चांदनी की स्निग्धता का सुखद अहसास जैसे वक्ष की ऊँची शाखाओं पर हवाओं क़ि हलचल से उपजि..हुई खड़खड़ाहट और सरसराहट पत्तों की ©Parasram Arora मौन शब्दों का भावार्थ.......
Ruchi Jaiswal
Kajalife....
प्रेम एक स्वतंत्र भाव है इसको बांधा नहीं जा सकता जो बांधा गया तो फिर यह भाव ही खत्म हो जाएगा ©Kajalife.... प्रेम का भाव स्वतंत्रता में है #Kajalife....
आलोक कुमार
हमलोग को आजादी किन-किन चीजों से मिली थी और क्या हमलोग आज भी उन सभी चीजों से आजाद हुए हैं. अरे सबसे बड़ी और कीमती आजादी तो आपसी समान विचारधारा की आजादी होती है, जो आजतक सम्भव नहीं हो पायी है. इसके पीछे सबसे बड़ा और प्रभावी कारण है "जाति आधारित आरक्षण". इससे जिस दिन देश को मुक्ति मिल जाएगी, तब ही यह समझना उचित होगा कि अब हमलोग को आज़ादी प्राप्त हो गयी है. आजादी का सही और सटीक भावार्थ...
Manmohan Dheer
ऐ सशक्त लेखन के धनी, एक गान लिख रुदन लिख क्रंदन कह बेध सके जो ह्रदय व्योम का आकाश का तू वंदन लिख ऐसा कोई स्पंदन लिख ऐ कवि..... . ऐ मधुर कंठ के स्वामी तू मार्ग दे इस व्यथा को चीर दे सुरों से अपने स्वर के दर्द को अन्दर तक अपने अधरों से तू पीड़ा गा ऐ मधुर कंठ के स्वामी .... . ऐ विस्तार के पर्याय आकाश सुन रहे हो तो सुन लो ये गान तुम्हें विवश करेगा व्याकुल कर देगा ऋतू मर्यादा तोड़ तू अहंकार सूर्य का छोड़ तू दे निमंत्रण श्यामवर्णी मेघों को तप्त अधरों को तृप्त कर दे . ये वसुंधरा पुकारती....... . धीर वसुंधरा पुकारती