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#काव्यार्पण
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Til vali ladki !
Mau Jha
आइए हम सभी प्रेस पेशेवरों को अपना काम करने और दुनिया भर में नवीनतम घटनाओं से हमारी सेवा करने के लिए धन्यवाद देकर राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर का जश्न मनाएं। ©Mau Jha राष्ट्रीय प्रेस दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ🙏
Mau Jha
यदि किसी राष्ट्र में जिम्मेदार और कर्तव्यपरायण प्रेस नहीं है, तो राष्ट्र प्रगति और समृद्धि नहीं कर सकता है। आपको राष्ट्रीय प्रेस दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ। ©Mau Jha राष्ट्रीय प्रेस दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ🙏
Ashutosh Mishra
hanuman jayanti 2024 जै हनुमान ज्ञान गुण सागर जै कपीस तिहुं लोक उजागर।। राम दूत अतुलित बलधामा अंजनि पुत्र पवन सुत नामा।। श्री हनुमान जन्मदिवस की आप सभी Nojoto परिवार के सदस्यों को हादिक शुभकाना और बधाई🌹🌹🌹 अल्फ़ाज मेरे✍️🙏🙏 ©Ashutosh Mishra #hanumanjayanti24 आप सभी Nojoto परिवार के सदस्यों श्री हनुमान जन्म दिवस की हार्दिक बधाई 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐 #हनुमानजन्मोत्सव #हनुमानजयंती #हनुमान
Neeraj Mishra
White *पृथ्वी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं* 💐💐💐💐💐💐💐💐 दिनांक :- 22/04/2024 दिन :- सोमवार 🌎🌎🌎🌎🌎🌎🌎🌎 हे मात मेरी प्रिय वसुधा अफसोस कि तुझको कुछ दे ना सका। जिस अंचल के तले खेला कुंदा बड़ा हुआ उस अंचल का मोल कभी समझ न सका। अपनी जरूरत को पूरा करने तेरी कोख से जन्में पेड़ों को काटे पर्वत फोड़े पठार फोड़े और नदी झरनों का मुख मोड़ दिया बस अपना दर्द मुझे हा याद रहा पर तेरा दर्द मैं कभी समझ न सका । तूने मुझे सुखी बनाने को जल दिया , अन्ना दिया फल ,फूल और रहने को अपना तन दिया फिर भी अहमियत तेरी मैं समझ न सका। मां मेरी इन भूलों को क्षमा करना अपना ही बच्चा जान थोड़ी दया करना समझ गया तेरे बलिदान को मां पर क्या करू हे मात मेरी प्रिय वसुधा अफसोस कि तुझको कुछ दे ना सका। ©Neeraj Mishra पृथ्वी दिवस #Road #erthday #poatry
Metro Agency Online Holsel Shop
पटथवी दिवस ©Metro Agency Online Holsel Shop पटथवी दिवस कि हार्दिक शुभकामनाएं
निर्भय निरपुरिया
White हम मोहब्बत के सफर पर जा रहे। बोलिए किस वास्ते घबरा रहे।। बाग के सब फूल देखो खिल चुके बाग के सब फूल है मुरझा रहे। कल किसी ने दी हमें थी बददुआ आज महफिल में है गजलें गा रहे चांद के पहलू में सदियों से खड़ा इस जहां में आशिकी जिंदा रहे कागजों पर बह चली है स्याहियां वास्ते नस्लों के भी रस्ता रहे। बाद तेरे वह गली ही छोड़ दी ताजा कलियों पे नया भौंरा रहे। वह नदी मंदिर किनारा छोड़ कर शहर की गलियों में है पछता रहे। यह जहां तुमको मुबारक यार सुन क्या बदल जायेगा गर हम ना रहे। बिजली के तारों में उलझी है पतंग सर ता पा अब आशिकी लटका रहे कल कयामत होनी हो सो आज हो बाद उसके कौन जाने क्या रहे। निर्भय चौहान २१२२२१२२२१२ ©निर्भय चौहान #Road Vishalkumar "Vishal" Anshu writer Sudha Tripathi एक Mohabbati विधार्थी Snehi Uks