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Prakashatvam
अगर इन्सान अपनी जीभ और जीभ के स्वाद पर काबू रख सकता है तो फिर वह अपने मन व अपनी हर इन्द्रिय को काबू में रख सकता है। ©Prakashatvam #मन_की_बात #इन्द्रियाँ #संयम #मन
somnath gawade
साडेसाती पाठी लागली की, नौ-दो-ग्यारह होता आले पाहिजे. 😂🤣 #नौ- दो-ग्यारह
Pankaj R
एक और एक ग्यारह एक और एक ग्यारह एक बार की बात हैं कि बनगिरी के घने जंगल में एक उन्मुत्त हाथी ने भारी उत्पात मचा रखा था। वह अपनी ताकत के नशे में चूर होने के कारण किसी को कुछ नेहीं समझता था। बनगिरी में ही एक पेड पर एक चिडिया व चिडे का छोटा-सा सुखी संसार था। चिडिया अंडो पर बैठी नन्हें-नन्हें प्यारे बच्चों के निकलने के सुनहरे सपने देखती रहती। एक दिन क्रूर हाथी गरजता, चिंघाडता पेडों को तोडता-मरोडता उसी ओर आया। देखते ही देखते उसने चिडिया के घोंसले वाला पेड भी तोड डाला। घोंसला नीचे आ गिरा। अंडे टूट गए और ऊपर से हाथी का पैर उस पर पडा। चिडिया और चिडा चीखने चिल्लाने के सिवा और कुछ न कर सके। हाथी के जाने के बाद चिडिया छाती पीट-पीटकर रोने लगी। तभी वहां कठफोठवी आई। वह चिडिया की अच्छी मित्र थी। कठफोडवी ने उनके रोने का कारण पूछा तो चिडिया ने अपनी सारी कहानी कह डाली। कठफोडवी बोली “इस प्रकार गम में डूबे रहने से कुछ नहीं होगा। उस हाथी को सबक सिखाने के लिए हमे कुछ करना होगा।” चिडिया ने निराशा दिखाई “हमें छोटे-मोटे जीव उस बलशाली हाथी से कैसे टक्कर ले सकते हैं?” कठफोडवी ने समझाया “एक और एक मिलकर ग्यारह बनते हैं। हम अपनी शक्तियां जोडेंगे।” “कैसे?” चिडिया ने पूछा। “मेरा एक मित्र वींआख नामक भंवरा हैं। हमें उससे सलाह लेना चाहिए।” चिडिया और कठफोडवी भंवरे से मिली। भंवरा गुनगुनाया “यह तो बहुत बुरा हुआ। मेरा एक मेंढक मित्र हैं आओ, उससे सहायता मांगे।” अब तीनों उस सरोवर के किनारे पहुंचे, जहां वह मेढक रहता था। भंवरे ने सारी समस्या बताई। मेंढक भर्राये स्वर में बोला “आप लोग धैर्य से जरा यहीं मेरी प्रतीक्षा करें। मैं गहरे पाने में बैठकर सोचता हूं।” ऐसा कहकर मेंढक जल में कूद गया। आधे घंटे बाद वह पानी से बाहर आया तो उसकी आंखे चमक रही थी। वह बोला “दोस्तो! उस हत्यारे हाथी को नष्ट करने की मेरे दिमाग में एक बडी अच्छी योजना आई हैं। उसमें सभी का योगदान होगा।” मेंढक ने जैसे ही अपनी योजना बताई,सब खुशी से उछल पडे। योजना सचमुच ही अदभुत थी। मेंढक ने दोबारा बारी-बारी सबको अपना-अपना रोल समझाया। कुछ ही दूर वह उन्मत्त हाथी तोडफोड मचाकर व पेट भरकर कोंपलों वाली शाखाएं खाकर मस्ती में खडा झूम रहा था। पहला काम भंवरे का था। वह हाथी के कानों के पास जाकर मधुर राग गुंजाने लगा। राग सुनकर हाथी मस्त होकर आंखें बंद करके झूमने लगा। तभी कठफोडवी ने अपना काम कर दिखाया। वह् आई और अपनी सुई जैसी नुकीली चोंच से उसने तेजी से हाथी की दोनों आंखें बींध डाली। हाथी की आंखे फूट गईं। वह तडपता हुआ अंधा होकर इधर-उधर भागने लगा। जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा था, हाथी का क्रोध बढता जा रहा था। आंखों से नजर न आने के कारण ठोकरों और टक्करों से शरीर जख्मी होता जा रहा था। जख्म उसे और चिल्लाने पर मजबूर कर रहे थे। चिडिया कॄतज्ञ स्वर में मेढक से बोली “बहिया, मैं आजीवन तुम्हारी आभारी रहूंगी। तुमने मेरी इतनी सहायता कर दी।” मेढक ने कहा “आभार मानने की जरुरत नहीं। मित्र ही मित्रों के काम आते हैं।” एक तो आंखों में जलन और ऊपर से चिल्लाते-चिंघाडते हाथी का गला सूख गया। उसे तेज प्यास लगने लगी। अब उसे एक ही चीज की तलाश थी, पानी। मेढक ने अपने बहुत से बंधु-बांधवों को इकट्ठा किया और उन्हें ले जाकर दूर बहुत बडे गड्ढे के किनारे बैठकर टर्राने के लिए कहा। सारे मेढक टर्राने लगे। मेढक की टर्राहट सुनकर हाथी के कान खडे हो गए। वह यह जानता ता कि मेढक जल स्त्रोत के निकट ही वास करते हैं। वह उसी दिशा में चल पडा। टर्राहट और तेज होती जा रही थी। प्यासा हाथी और तेज भागने लगा। जैसे ही हाथी गड्ढे के निकट पहुंचा, मेढकों ने पूरा जोर लगाकर टर्राना शुरु किया। हाथी आगे बढा और विशाल पत्थर की तरह गड्ढे में गिर पडा, जहां उसके प्राण पखेरु उडते देर न लगे इस प्रकार उस अहंकार में डूबे हाथी का अंत हुआ। सीखः 1.एकता में बल हैं। 2.अहंकारी का देर या सबेर अंत होता ही हैं। ©Pankaj R एक और एक ग्यारह
DR. LAVKESH GANDHI
एक थे हम और एक थे वो एक और एक मिल कर हो गये ग्यारह #ग्यारह# #ग्यारहवां_अवसर # #yqbaba #yqdada #
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी छोड़ी नही छीन ली गयी सुविधा सब्सिडियों की धुँआ देख कर दिल पिघल गया उस मरहम की कीमत अब ग्यारह सौ से ऊपर है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Likho उस मरहम की कीमत ग्यारह सौ से ऊपर है #nojotohindi
Funny Singh🐼
आज के ऑनलाइन वर्ल्ड में, लोग इतना मुँह से बोल नहीं पाते हैं! जितना दिन भर में, उँगलियों से टाइप कर देते हैं। इस हिसाब से अब अपनी उंगलियों की गिनती भी, इन्द्रियों में होनी चाहिए😜😂😂🤣🤣 इन्द्रियाँ= senses😝 Mujhe bhi jis kisi ne bhi ungliyon se poke kiya tha....unhe tahedil se shukriya😂😂😂 Name fursat se likhunga😂😂 #kidding #
Shreya Kanodia
Kalam तीन अक्षरों में समस्त संसार है बसा एक क़लम, एक मैं और हम जब साथ हो तब एक और एक ग्यारह #pen #paper #poetlife #writerslife #power
Nirdesh Affy
माँ ने दुआ पढ़ी, फूंका जब दम करके, नौ दो ग्यारह सारे ही शैतान हुए ! निर्देश #MothersDay माँ ने दुआ करी, फूंका जब दम करके, नौ दो ग्यारह सारे ही शैतान हुए ! निर्देश #urdupoetry #Poetry #Hindikavita
Rooh
मैं उजाले में देखूँगा तुम्हारें नयन पाँव के उभरें कोमल कोशिकाएँ हाथों के धमनियों में रक्त संचार गेसुओं का गर्दन से लिपटना बादामी बदन पर पहरा मे बैठे कुल ग्यारह काले तिल और अँधेरे में आँखे बंद कर महसूस करूँगा तुम्हारी साँसे सुनूगां हृदय का आरोह-अवरोह प्रेम में शब्दों की आवश्यकता नहीं लेकिन मैं प्रेम भोगते समय बोलूंगा एक दीर्घ सघन चुप्पी के बाद ग्यारह तिल 💙 This for the girl who hav mole on her neck. #yqbaba #yqdidi #yqquotes #love #erotica #poetry #aaina_rooh #yqhindi