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Anudeep
Unsplash एक खामोशी जब. गहरी अता हो... जिस्म मिटे... रूह खुदा हो... ये शोरत,नाम ,मुकाम सभी... मिट्टी, मिट्टी... या फिर धुआ, धुआ हो.. होगा हजुम आख़िरी वक़्त ख़ूब... ज़मीन पे तेरे होने पर... आखरी नींद तेरे सोने पर. ©Anudeep #library poetry in hindi love poetry in hindi hindi poetry hindi poetry
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read moreVijay Vidrohi
हरियाणा हरियाणवी संस्कृति की धरा पर, खेतों में है खड़े किसान, मेहनत से जुटे दिन और रात हरियाणा की ये पहचान। उनके हाथों में हल, उनके दिल में सपने, सबका पेट भरे हैं अन्न से समझ के अपने महिलाएं घाघरा चोली पहने, सिर पर पललू, बेटे को यह प्यार से कहती मेरा कल्लू खेतों में भी साथ कमावै बणकै ढेठी ओलंपिक में मेडल लावे हरियाणा की बेटी उनके हाथों में सुई, उनके दिल में प्यार, गिद्दा खडवा घोड़ी नृत्य गाव गीत मल्हार। हरियाणवी संस्कृति एक सुंदर सी कहानी है, जिसमें मेहनत, संतोष,प्यार और मीठी बाणी। गर्व से उस फौजी बेटे पै जो राखे देश का मान यही है हरियाणवी संस्कृति की असली पहचान। जो हमें गर्व और सम्मान से भर देती है। कृपया बताएं कविता कैसी लगी ©Vijay Vidrohi हरियाणा #हरियाणा #my #new #poem poetry on love love poetry in hindi hindi poetry punjabi poetry poetry lovers
Vijay Vidrohi
Google 1932 में लिया जन्म नाम रख दिया मनमोहन शांत स्वभाव के बड़े ईमानदार सच्चे अर्थों में पक्के सरदार रिजर्व बैंक के बने गवर्नर भारत देश के प्राइम मिनिस्टर आधुनिक इंडिया के इकोनॉमिस्ट उनके थॉट थे सोशलिस्ट कहते थे उनको पीएम साइलेंट पर सब में नहीं होता यह टैलेंट करते हैं आपको नमन हमेशा याद रहेंगे मनमोहन भावपूर्ण श्रद्धांजलि 🙏🙏🙏😭😭 ©Vijay Vidrohi #Manmohan_Singh_Dies #tributetomanmohan #my #new #Poetry #love #Life poetry poetry quotes hindi poetry on life poetry lovers
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read moreADITYA
White रण मे थका हुआ किन्तु प्रबल विद्रोही हूँ। मै उसी दिन शांत होऊंगा, जिस दिन धरती और आकाश कही भी उत्पीडित जनो का आर्तनाद सुनाई नहीं देगा। ©ADITYA #good_night #nojohindi #English #New #2025 #newyear poetry lovers hindi poetry on life hindi poetry poetry in hindi गुमनाम pramodini Mohap
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read moreBharat Bhushan pathak
खेल कबड्डी सर्दी यारों,बुलवाती हर्दी-गुर्दी। हाय ठिठुर कर रातें बीती,कैसी ये गुण्डागर्दी।। दिन की लघुता करे बेचैन ,ठण्ड फोड़ती रह-रह बम। रोज सवेरे भागादौड़ी,बजकर घड़ी निकाले दम।। सोने की जब भी हो इच्छा,लेती तब ठण्ड परीक्षा। रोज सवेरे उठकर हरदम,देनी होती है शिक्षा।। सोच यही मैं लौटूँ हरदम,न अभी जी रात हुई है। सो सकूँगा अभी जी भर कर, बस ये शुरुआत हुई है। ना जाने फिर क्या हो जाता,दिन ही छोटा हो जाता। दिन की लघुता करे बेचैन,मन ये बस कहता जाता।। ©Bharat Bhushan pathak hindi poetry on life hindi poetry poetry in hindi poetry love poetry in hindi
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read morePsycho Abhi
Unsplash “मेरे आंसू की हर बूंद, मेरे दुखों की कहानी है।” 🎭 ©Psycho Abhi #leafbook #New #Tranding #Travel #viral #Love #sad #sayari poetry lovers hindi poetry love poetry in hindi sad poetry
Bharat Bhushan pathak
विषय-वीर/ आल्हा छंद विधा-१६-१५ मात्रा प्रति चरण,चार चरण। दो-दो चरण समतुकांत।चरणांत गुरु लघु रखना है। छंदों का तुम भी कर जाना,केवल थोड़ा ही अभ्यास। नहीं कभी तुम ऐसे-वैसे,करना नहीं शब्द विन्यास।। ये विधा है बहुत ही प्यारी,सीखो इसका अभी विधान। अँधेरे में तीर ना छोड़ो,सोच-समझ करना संधान।। काव्य लगे बिना छंद सूना,सीखो थोड़ा इसको आज। स्वरविहीन ही गाना ये है,संगीत बिना ये है साज।। ©Bharat Bhushan pathak hindi poetry on life hindi poetry poetry in hindi poetry
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read moreShubham Mishra (Raj)
Unsplash यादें झकझोरती एक तस्वीर मिली कुछ सवाल मिले कुछ बेचैनी मिली।। ©Shubham Mishra (Raj) poetry in hindi hindi poetry sad poetry
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read moreVijay Vidrohi
White देश में अपराध ऐसे चल रहे हैं बेगुनाहो के यहां घर जल रहे हैं। अजी कैसे बचेगी बेटियां आबरु बलात्कारी कैद से निकल रहे हैं। और उनके भी स्वागत में यहां ढोल-बाजे फूल-माला डल रहे हैं। रो रही है रोज मांएं चीख-चीख उनके बेटे सीमाओं पर मर रहे हैं पूछता है मांग का सिंदूर यूं क्यों ये आतंकवादी हमला कर रहे हैं पेट भरना भी हुआ मुश्किल यहां प्याज मिर्ची 100 के पार चल रहे हैं मजदूर कैसे खाएगा बादाम शेक वस्तुओं के दाम यूं उछल रहे हैं। लूट लेते दिनदहाड़े राहगीर को हो रहे सरेआम कत्ल रहे हैं फस गया फिरदौस होकर बेगुनाह पुलिस वालों को भी हफ्ते मिल रहे हैं। ©Vijay Vidrohi देश_के_हालात #sad_quotes #my #new #poem #poetry #love #india #thinking #viral #shayri hindi poetry poetry lovers poetry in hindi p