Find the Latest Status about हिलोरें from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, हिलोरें.
ragini sharma
हृदय हिलोरें ले रहा,धड़कन उठते ज्वार । साँसे विरहन हो गयीं, पिय को रहीं पुकार ।
Bharat Bhushan pathak
तुम्हारे प्रेम के कारण,रूह यह चैन पाता है। हृदय आनंद सागर में,हिलोरें खूब खाता है।। ©Bharat Bhushan pathak #CrescentMoon तुम्हारे प्रेम के कारण,रूह यह चैन पाता है। हृदय आनंद सागर में,हिलोरें खूब खाता है।।
Ganesh Singh Jadaun
इस जीवन के महासिंधु में प्रतिपल आगे बढ़ना है दूर किनारा सागर का, फिर भी बढ़ते रहना है कभी हिलोरें मौजें देंगी, कभी ये तौलेंगी हिम्मत कश्ती पे भरोसा क्या करना, मांझी पे भरोसा करना है ____©®गणेश सिंह जादौन 25.12.18 इस जीवन के महासिंधु में प्रतिपल आगे बढ़ना है दूर किनारा सागर का, फिर भी बढ़ते रहना है कभी हिलोरें मौजें देंगी, कभी ये तौलेंगी हिम्मत #कश्त
Ashutosh Mishra
मन के सागर में भावनाएं हिलोरें लेती है,,,,,,,,,,,, जो ना कह पाया लफ़्ज़ों में वो लिखने को जी करता है। जब मैं आया इस परिवार में था मैं बिल्कुल अंजान, सब लोगों में घुलना-मिलना ना था मेरे लिए आसान। कभी लिखा नहीं था मैंने अपने अनकहे जज़्बात। शायद कभी मौका नहीं या खुद को जाना ही नहीं। या डरता था,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,लोग क्या कहेंगे, मां की ममता,,पिता का प्यार, बहना तुझसे पाया मैंने। बनी प्रेरणा तुम मेरी मुझमें विश्वास जगाया,,,,,,,। कर सकता हूं,,लिख सकता हूं, मै भी अपने जज्बात। फिर टूटे सपने, अधूरे किस्से और कान्हा का प्यार, एक एक कर लिखने लगा मैं अपने अनकहे अल्फ़ाज़। आज मुझे पता नहीं क्या लिखता हूं कैसा दिखता हूं, पर हां,,,जो भी लिखता हूं, मिलता है हर क्षण ढेरों प्यार। अल्फ़ाज़ मेरे ✍️🙏🙏 ©Ashutosh Mishra #अनकहेअल्फ़ाज़ म के सागर में भावनाएं हिलोरें लेती है। जो कह ना पाया लफ़्ज़ों में वो लिखने का मन करता है। #NojotoTrending #nojotopoetry #noj
||स्वयं लेखन||
मेरे भोले का प्यारा है, सावन जो ये आया है बहुत निराला है, जहां गगन एक ओर बिजली की तान छेड़ रहा है, होके मगन वहीं धरती भी हरे रंग की चूनर ओढ़े झूम रही है, कहीं कल - कल बहती नदियां हिलोरें लेती गीत कोई गा रही। मेरे भोले का प्यारा है, सावन जो ये आया है बहुत निराला है, जहां गगन एक ओर बिजली की तान छेड़ रहा है,
Divyanshu Pathak
प्रत्येक अभिव्यक्ति में शब्द होते हैं ध्वनि होती है। यहां तक कि यह ध्वनि लिखने में भी लेखक को सुनाई देती है। पढ़ने में पाठक को सुनाई देती है। चेहरे भी लिखने-पढ़ने वालों के एक-दूसरे को दिखाई पड़ते हैं। भले अनजान ही क्यों न हों। इसी को तो पश्यन्ति (देखना) कहते हैं। इसके बाद मध्यमा और वैखरी-शब्द और भाषा। जब लोग बोलने से पूर्व भी नहीं सोचते तब लिखने से पहले कैसे सोच लेंगे। और वह भी सूक्ष्म तरंगों को। आज तो ई-मेल का युग है। वहां पश्यन्ति होती ही नहीं। अनुभूत नहीं हो पाती। एक समय था जब हम एक-दूसरे को पत्र लिखा करते थे। पत्र को हाथ में लेते ही मन आनन्दित हो उठता था। उस लिखने वाले का चेहरा सामने आ जाता और अनुमान
Pnkj Dixit
🌷 इन दिनों 🌷 इन दिनों स्मृतियों के अवशेष हृदय के वीरान खंडहर में दीवारों से झांकती कोमल बेल की तरह हरा भरा होकर सागर की लहरों की तरह हिलोरें लेती है मगर बेल के निश्चित जीवन की तरह पानी रूपी प्रेम के बिना सूखकर हवा में घुल रही है । एक दिल सूखा दरख्त वाला जिस पर यादों की दुनिया छोटे-छोटे पौधों की तरह जम गई है और साथ ही काई रुपी नये रिश्तों की परत पनप रही है जीवन के रंगमंच पर स्मृतियों के विशाल खंडहर में इन दिनों ..... १४/०७/२०१९ 🌷👰💓💝 ...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' 🌷 इन दिनों 🌷 इन दिनों स्मृतियों के अवशेष हृदय के वीरान खंडहर में दीवारों से झांकती कोमल बेल की तरह हरा भरा होकर
Dr Upama Singh
“सावन की याद” अनुशीर्षक में जब भी आए घुमड़ काले बादल याद दिलाए सावन का मौसम कभी बचपन की कश्ती तो कभी जवानी की मस्ती। किसी का साथ और प्यार अक्सर उसी का एहसास रह रह कर आए याद दिल चाहे मिलने को बार बार। बना कर काग़ज़ की कश्ती दोस्तों के साथ पानी की मस्ती
i am Voiceofdehati
इरादा दिल में जो मैंने पाला है अंधेरा मिटा के लाना उजाला है यूं किस्मत भरोसे तकदीर नहीं बदलती बिना मेहनत किए तस्वीर नहीं बदलती भविष्य के लिए वर्तमान साध रहा भूत में क्या हुआ अब याद न रहा नाव भी अपनी,पतवार भी अपनी भंवरों की तटनी, मझधार में है तरणी हिलोरें नदी के थपेड़े हवा के लगातार आघात कर रहे मुझ पे फिर भी न मैं सहमा, डर न रहा मुझे मरने का पतवार थामें खड़ा मैं भूधर सा सब्र रख मैं प्रतीक्षारत उस मौके का हवा रुख बदले उस अनुकूल अवसर का मुझे तो है पाना मेरी मंजिलों को जो दिलाएंगी विश्व पटल पे पहचान मुझको वो मंजिल फैलाए बाहों को अपने गले लगाने को आतुर हैं मुझको खड़ी उस पार साहिल पे कब से इंतजार कर रही पहुंचने को मेरे।। इरादा दिल में जो मैंने पाला है अंधेरा मिटा के लाना उजाला है यूं किस्मत भरोसे तकदीर नहीं बदलती बिना मेहनत किए तस्वीर नहीं बदलती भविष्य के लिए