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Stories related to gulam sabri ki gazal

अरविन्द (Scolgy....)

#love_shayari IshQपरस्त gaTTubaba Sn Choudhary Anupriya Raj Sabri Extraterrestrial life

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White किसी से बहुत ज्यादा उम्मीद रख लेना 
दुख का कारण बनता है ।
खुद को संयम में बांधकर रखो 
वास्तविकता का पता खुद ब खुद पता चल जाएगी ।।

©अरविन्द (Scolgy....) #love_shayari  IshQपरस्त  gaTTubaba  Sn Choudhary  Anupriya  Raj Sabri  Extraterrestrial life

Shreyansh Gaurav

#gazal #Thinking

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कोई ख़्वाव आँखो में नहीं,मेरी नींद भी गुम है कहीं 
क्या हुआ, कुछ तो हुआ है, पता करों वो कहाँ गये..!

सफ़र साथ में शुरू किये थे, हम दोनों ने मिलकर 
आज मैं अकेला हीं चल रहा, देखो वो किधर गये..!

मुहब्बत का तमाशा देखने में देखो कौन शामिल है 
बहुत मासूम है महबूब मेरा, कहीं वो राह भटक गये..!

यें किस्सा ए दिल,उसके शिवाय कोई नहीं जानता 
उसमें जां बसती है मेरी,देखो कहाँ लापता हो गये..!

उसे पता है मेरे बारे में,उसके बगैर जी नहीं पाऊँगा 
लगता है मेरी मुहब्बत का ज़ाईज़ा लें रहें, कहाँ गये..!

मेरे सफ़र का साथी था, हमसफ़र बनाना था उसे ही 
बीच राह में बिछड़ गया है, पता करों वो कहाँ गये..!!

©Shreyansh Gaurav #gazal 
#Thinking

Shreyansh Gaurav

मेरे माथे पे तिरा दिया बोसा, बहुत सुकून था उसमें 
तुम अब नहीं हो एहसास है मुझे, तुम्हें याद नहीं है..!

मिरे मुफलिसी में भी, अमीरी का एहसास जैसे रहा 
दिले बेज़ार मरहम था,मुझे ख़बर है तुम्हें याद नहीं है.!

मेरे मुस्तक़बिल में इतना ही लिखा था साथ तिरा भी 
गुरबत में अमीरी का एहसास रहा,तुम्हें याद नहीं है.!

मिरे सपनों,ख़्वाहिशों की उड़ान थीं तुमसे,जानती हो 
सुकून अब नहीं साथ याद है मुझे, तुम्हें याद नहीं है.!

©Shreyansh Gaurav #gazal 
#बोसा

SZUBAIR KHAN KHAN

gazal

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White 221 212 2 221 2122
थी  आरज़ू  कभी  कू  -ए-  यार के  निदा की
इस शहर जादे के सर-खुश यार के मक़ा की

 अब  जो   है  वो  नहीं  अब तो तर्क रहते होंगे
 बा -खूब  जानते  हैं  वो  यार  के  समा  की

 ख्वाहिश   कभी  नहीं  कि मंसूब  की अता हो
 कुछ   तो  खबर  रही  होगी  यार  के वफ़ा की

पूछा बहाल -ए- खिल का हाले नालां का भी
 मारोज़ -ए-  बयां  क्या  है  यार के नज़ा की

निस्बत उन्हें ना थी जो हम शौक़ रखते  उनका
वो  ख्वाब  नज़रो  में  ना थे  यार के निहा की

क्या है "जुबैर"दो पल का शौक़-ए-नज़ारा
ये  बात  उनको  कहना  ये यार के सज़ा की

लेखक - ज़ुबैर खान.......✍️

©SZUBAIR KHAN KHAN gazal

Abarar Shaikh

Chand Ki Chandani...✨🌝 #Moon Love Shayari #gazal #Trending #ishq Poetry

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White निगाह उठी दीदार के लिए,
तो जुल्फे बीच में आ गई। 
 किसी चांद की चांदनी की तरह,
वो मेरे दिल पे छा गई।

©Abarar Shaikh Chand Ki Chandani...✨🌝

#Moon #Love #Shayari #gazal #Trending #ishq #Poetry

अरविन्द (Scolgy....)

#newyearresolutions SEJAL Internet Jockey Anupriya IshQपरस्त Raj Sabri लाइफ कोट्स

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New Year Resolutions जिंदगी में सिर्फ एक और कोई 
नहीं
बशर्तें इजाज़त उसकी हो।।

©अरविन्द (Scolgy....) #newyearresolutions  SEJAL  Internet Jockey  Anupriya  IshQपरस्त  Raj Sabri  लाइफ कोट्स

aditi the writer

#Newyear2025 Kumar Shaurya Raj Sabri Raman आगाज़

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New Year 2025 नव वर्ष में नया दिन
ओर नया वक्त नई खुशियां लाया है
बस पकड़ो हाथ में 
ओर जाने न दो।
बना के अफसाना आज सब बटोर लाना है।।

©aditi the writer #Newyear2025  Kumar Shaurya  Raj Sabri  Raman  आगाज़

aditi the writer

#मैथिली शरण गुप्त Kumar Shaurya Raj Sabri vineetapanchal @it's_ficklymoonlight

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Unsplash 
न हो सिद्धि, साधन तो है
बुद्धि नहीं, न सही, पर मैंने पाया अपना मन तो है

यही बहुत जो इसे सँजोऊ
अधिक-हेतु क्यों रोऊँ-धोऊँ
सखा, सूत वा दूत न होऊँ

पर यह जन प्रभु-जन तो है
न हो सिद्धि, साधन तो है!

माना मुक्त नहीं हो पाया,
खींच मुझे यह बंधन लाया
तब भी मेरी ममता-माया

मिला मुझे नर-तन तो है
न हो सिद्धि, साधन तो है!

बाहर भी क्या आज खड़ा मैं
काले कोसों दूर पड़ा मैं
देख रहा हूँ किंतु बड़ा मैं

तेरा खुला भवन तो है
न हो सिद्धि, साधन तो है!

©aditi the writer
  #मैथिली शरण गुप्त Kumar Shaurya  Raj Sabri  vineetapanchal  @it's_ficklymoonlight

aditi the writer

#मैथिली शरण गुप्त Kumar Shaurya Raj Sabri vineetapanchal @it's_ficklymoonlight

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Unsplash 
न हो सिद्धि, साधन तो है
बुद्धि नहीं, न सही, पर मैंने पाया अपना मन तो है

यही बहुत जो इसे सँजोऊ
अधिक-हेतु क्यों रोऊँ-धोऊँ
सखा, सूत वा दूत न होऊँ

पर यह जन प्रभु-जन तो है
न हो सिद्धि, साधन तो है!

माना मुक्त नहीं हो पाया,
खींच मुझे यह बंधन लाया
तब भी मेरी ममता-माया

मिला मुझे नर-तन तो है
न हो सिद्धि, साधन तो है!

बाहर भी क्या आज खड़ा मैं
काले कोसों दूर पड़ा मैं
देख रहा हूँ किंतु बड़ा मैं

तेरा खुला भवन तो है
न हो सिद्धि, साधन तो है!

©aditi the writer #मैथिली शरण गुप्त Kumar Shaurya  Raj Sabri  vineetapanchal  @it's_ficklymoonlight

aditi the writer

#मैथिली शरण गुप्त Kumar Shaurya Raj Sabri vineetapanchal @it's_ficklymoonlight

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Unsplash 
न हो सिद्धि, साधन तो है
बुद्धि नहीं, न सही, पर मैंने पाया अपना मन तो है

यही बहुत जो इसे सँजोऊ
अधिक-हेतु क्यों रोऊँ-धोऊँ
सखा, सूत वा दूत न होऊँ

पर यह जन प्रभु-जन तो है
न हो सिद्धि, साधन तो है!

माना मुक्त नहीं हो पाया,
खींच मुझे यह बंधन लाया
तब भी मेरी ममता-माया

मिला मुझे नर-तन तो है
न हो सिद्धि, साधन तो है!

बाहर भी क्या आज खड़ा मैं
काले कोसों दूर पड़ा मैं
देख रहा हूँ किंतु बड़ा मैं

तेरा खुला भवन तो है
न हो सिद्धि, साधन तो है!

©aditi the writer
  #मैथिली शरण गुप्त Kumar Shaurya  Raj Sabri  vineetapanchal  @it's_ficklymoonlight
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