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usFAUJI
White आज-कल समाज में भाई-भाई आपस में लड़ते रहते हैं जिससे उन्हें सिर्फ समाज शर्मिंदगी मिलती हैं लड़ना ही हैं तों वतन के लिए लड़ो मर भी गये तों तिरंगा 🇮🇳 मिलेगा कफ़न के लिए 🇮🇳 जय हिंद जय भारत 🇮🇳 ©usFAUJI ना लड़ो भाई , लड़ना है लड़ो वतन के लिए #परिवार #वतन #usfauji #Nojoto
संगीत कुमार
(प्राणप्रिया) चंचल मन तू चंचला प्रिया। पुष्प-रूपी तू पुष्प लता।। दिव्यस्वरुपनी तू दिव्या प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। रमा-रूपी तू कांता प्रिया। हरिप्रिया तू प्राण प्रिया।। श्रृंगार -रूपी तू दारा प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया। अपूर्व (तनय) की तू जननी प्रिया। घर की तु पद्मा प्रिया।। उपवन की तू कुसुम प्रिया चंचल मन तू चंचला प्रिया।। आलय की तू वामा प्रिया । सुख-दुख की तू छवि प्रिया।। आँगन की तू आह्लाद प्रिया । चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। आकांक्षा की तू मयूख प्रिया। समृद्धि की तू लक्ष्मी प्रिया।। घरनी तू घरवाली प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया।। बाग की तू गुल प्रिया। आँगन की तू शोभा प्रिया।। परिवार की तू ऐश्वर्य प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया।। ©संगीत कुमार #BirthDay (प्राणप्रिया) चंचल मन तू चंचला प्रिया। पुष्प-रूपी तू पुष्प लता।। दिव्यस्वरुपनी तू दिव्या प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। रमा-
#BirthDay (प्राणप्रिया) चंचल मन तू चंचला प्रिया। पुष्प-रूपी तू पुष्प लता।। दिव्यस्वरुपनी तू दिव्या प्रिया। चंचल मन तू चंचला प्रिया ।। रमा-
read moreमिहिर
White ये क्या पूछा ये बिंदी कैसी लगती ये साड़ी कैसी दिखती है ये काजल ठीक तो लगते है ना ! जो सच पूछो तो ये जचना खिलना मत पूछो तुम बिंदी पर जँचती हो तुम साड़ी पर खिलती हो तुम काजल से तीखी हो तुम सोने से ज्यादा चमकती हो तेरे होने से इनका होना है तू हंसती है तो ये सोना है तेरे आगे इनका क्या मोल अरे ओ बावली तू क्या जाने तू अनमोल !! ©मिहिर #तू क्या जाने
#तू क्या जाने
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White गहराइयाँ मेरे इश्क की समन्दर से भी गहरी हैं, हर लम्हा तेरी खुशबू से महकता है मेरा मन जो तू है सब कुछ हासिल है मुझे तेरे बिना जिंदगी का तसव्वुर भी अधूरा है ©हिमांशु Kulshreshtha जो तू नहीं...
जो तू नहीं...
read moreAdv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
तेरा चिंतन मनन, अब पूछता कौन है अच्छे बुरे व्यसन,अब पूछता कौन है बेईमानी के धंधों में इजाफा बहुत है ईमानों का पतन अब पूछता कौन है.. दर्द देने की आदत शुमार है जमाना दर्द का कारण क्या अब पूछता कौन है जुल्मो सितम से आसमाँ फटा जाता है फूलों से कोमल मन अब पूछता कौन है दिलों में शहादत की लौ ही बुझ गई शहीदों को नमन अब कौन पूछता है.. ये जमीं बँट गई आसमां लुट गया फिर किसके हिस्से वतन, अब पूछता कौन है राहे वतन पे बिछना तेरी शान थी गुल बिखरा किस बदन अब पूछता कौन है... जाने कहाँ मशगूल हो रहीं जिंदगियाँ अपना ही घर आँगन अब पूछता कौन है.. जब आँखों की शर्मो हया ही मर गई मुँह ताकता दर्पण अब पूछता कौन है... ©अज्ञात #किसके हिस्से वतन
#किसके हिस्से वतन
read moreRameshkumar Mehra Mehra
दोनों ही मजबूर रहे........... आपने आपने दायरें में........! एक इश्क ना कर सकी.......!! और एक इश्क भूला ना सका......💞 ©Rameshkumar Mehra Mehra # दोनों ही मजबूर रहे,अपने अपने दायरे में,एक इश्क ना कर सकी,और एक इश्क भूला ना सका...💞
# दोनों ही मजबूर रहे,अपने अपने दायरे में,एक इश्क ना कर सकी,और एक इश्क भूला ना सका...💞
read moreGoluBabu
#देहदानमहादान ऐसे शुभ कार्य संत रामपाल जी महाराज अपने ज्ञान द्वारा अपने अनुयायियों से करवा रहे हैं।
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