Nojoto: Largest Storytelling Platform

Best किसके Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best किसके Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutजमीन किसके नाम है, वीटो पावर किसके पास है, रणबीर कपूर की शादी किसके साथ हुई, सरहिंद का युद्ध किसके बीच हुआ, किसके meaning in english,

  • 124 Followers
  • 563 Stories

neelu

#sad_quotes फिर #किसके लिए #कहां होगा

read more
White मेरी नानी कहती थी 
जानकर अंजान बनने वालों को 
तो
 बेवकूफ भी नहीं कह सकते है..

यह मेरे लिए तो नहीं कहा होगा ना..
फिर किसके लिए कहा होगा

©neelu #sad_quotes फिर #किसके लिए #कहां होगा

Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

#किसके हिस्से वतन

read more
तेरा चिंतन मनन, अब पूछता कौन है 
अच्छे बुरे व्यसन,अब पूछता कौन है 

बेईमानी के धंधों में इजाफा बहुत है 
ईमानों का पतन अब पूछता कौन है..

दर्द देने की आदत शुमार है जमाना 
दर्द का कारण क्या अब पूछता कौन है 

जुल्मो सितम से आसमाँ फटा जाता है 
फूलों से कोमल मन अब पूछता कौन है 

दिलों में शहादत की लौ ही बुझ गई  
शहीदों को नमन अब कौन पूछता है..

ये जमीं बँट गई आसमां लुट गया फिर 
किसके हिस्से वतन, अब पूछता कौन है 

राहे वतन पे बिछना तेरी शान थी गुल 
बिखरा किस बदन अब पूछता कौन है...

जाने कहाँ मशगूल हो रहीं जिंदगियाँ 
अपना ही घर आँगन अब पूछता कौन है..

जब आँखों की शर्मो हया ही मर गई 
मुँह ताकता दर्पण अब पूछता कौन है...

©अज्ञात #किसके हिस्से वतन

Sonu Sharma

read more

Anil

#किसके दोस्त हैं ऐसे😂😂

read more

amar gupta

#किसके लिये इतना सज सवर के क्यू आयी थी.. #Rose

read more
बाल खुले आंखो मे लाईनर होठो 
पर लाली थी ...
इतना सज सवर के तू किसके लिये 
 आयी थी..
पागल ये हमारी नही , मेरी बहन
की सगाई थी ...😀

©amar gupta #किसके लिये इतना सज सवर के क्यू आयी थी..

#Rose

Jyoti(Rubby ru...

#किसके लिए जीये और मरे?

read more
अपनों के लिए जीते हैं, तो भी दर्द होता है।
 अपनों के लिए मरते हैं, तो भी दर्द होता है। 
किसके लिए जीये और किसके लिए मरे ?...

©Rubby ru.. #किसके लिए जीये और मरे?

कुन्दन ( کندن )

@कुन्दन_प्रीत

read more
अपने-पराये पहचान ही नहीं हो पाती की कौन है यहां  अपने-पराये !!
किसके साथ स्नेह  करें  और  किसके साथ उम्र बिताये !!

ये  सत्य  है  और हमेशा ही सत्यार्थ को ही प्रदर्शित करेगी
सांसों का बोझ है जब तक,तब तक तो रिश्ते को निभाये !!

इस बात को समझने में जितनी देरी होगी कष्ट उतना ज्यादा
ज़िन्दगी एक सराय ही है यहां देने पड़ते है सबको किराये !! @कुन्दन_प्रीत

गौरव गोरखपुरी

#MeraShehar 2 पैसों से ही नहीं होता शहर में सहर, शाम को दर पर दिया भी तो जले मेरे शहर में सिर्फ पैसे से , अब कोई ख़ुश- हाल नहीं रहा किसके इज्जत पर आंच आईं , किसके गिरेबान पर डांका पड़ा मेरे शहर में ऐसा पड़ोसी , अब कोई ऐसा कोतवाल भी नहीं रहा देख कर मुंह फेर लेते है , वक़्त से जूझ रहे मेरे रिश्तेदार शहरी

read more
पैसों से ही नहीं होता शहर में सहर, शाम को दर पर दिया भी तो जले
मेरे शहर में सिर्फ पैसे से , अब कोई ख़ुश- हाल भी नहीं रहा
किसके इज्जत पर आंच आईं , किसके गिरेबान पर डांका पड़ा
मेरे शहर में ऐसा पड़ोसी , अब कोई ऐसा कोतवाल भी नहीं रहा

देख कर मुंह फेर लेते है , वक़्त से जूझ रहे मेरे रिश्तेदार शहरी
मसला अजीब सा है शहर का , यहां गांव सा हालचाल भी नहीं रहा
दीवारें ऊंची हो रही हैं, घर के चार - दिवारी की हर रोज
बगल में कौन घूंट - घूंट के मर रहा है , मेरे शहर को ये ख्याल भी नहीं रहा

उलझे हुए है सब के सब , सोशल साइट्स की जाल में
अब चौराहे पर ठहाके सुनाई नहीं देते , अब कोई कोलाहल भी नहीं रहा
मुश्किल से देखने को मिलती है , माटी में खेलते बच्चे शहर में
बच्चो की कहानियों में , अब विक्रम - बैताल भी नहीं रहा

पुराने घर में ही पुराने , मां- बाप को छोड़ आए हैं
इस पाप का मेरे शहर को , अब मलाल भी नहीं रहा 
रिश्ता तोड़ देते है , चंद नोक - झोंक में
भावनाएं और वादे इस शहर में , अब कोई सम्हाल भी नहीं रहा

निकलते है नाश्ता कर के , खाने के वक़्त पर लौट आते है
गर्मी की छुट्टियों वाला , शहर में ननिहाल भी नहीं रहा
गांव को देहात कह हसने वाले , क्या यही तरक्की है मेरे शहर की
शहर वालो को शहरी कहने का , अब बचा कोई मिसाल भी नहीं रहा

पेशा मोहब्बत था, शौक नहीं मेरा , ऐसे पेशवाई से लाचार
मेरे सिवा मेरे शहर में,  अब कोई बदहाल भी नहीं रहा
 #poeticPandey #GAURAVpandeyPoet #MeraShehar 2
 पैसों से ही नहीं होता शहर में सहर, शाम को दर पर दिया भी तो जले
 मेरे शहर में सिर्फ पैसे से , अब कोई ख़ुश- हाल नहीं रहा

किसके इज्जत पर आंच आईं , किसके गिरेबान पर डांका पड़ा
मेरे शहर में ऐसा पड़ोसी , अब कोई ऐसा कोतवाल भी नहीं रहा

देख कर मुंह फेर लेते है , वक़्त से जूझ रहे मेरे रिश्तेदार शहरी

MamtaYadav

read more
जीत किसके लिए, हार किसके लिए
      ज़िंदगी भर ये तकरार किसके लिए..
जो भी आया है वो जायेगा एक दिन
      फिर ये इतना अहंकार किसके लिए..... ?
                think about it...

MamtaYadav

read more
जीत किसके लिए, हार किसके लिए
      ज़िंदगी भर ये तकरार किसके लिए..
जो भी आया है वो जायेगा एक दिन
      फिर ये इतना अहंकार किसके लिए..... ?
                think about it...
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile