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New poem on nature in hindi for class 5 Quotes, Status, Photo, Video

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kisi ki mrs.

I wrote this poem when I was in class 5 #Quotes

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सकल जन बने दानी 
कोई नहीं दीन
और बन जाए कुमुदिनी
बिना बने बबुल
जो बङे देते बच्चों को सीख 
उसी पर खुद करें अमल
तो जग बने स्वर्ग 
भु नहीं अपितु मानव 
जीवन क्षणभंगुर
अबतो उपकारी में बन जाये नीम 
जायक में लगे कङे
उस खजूर से क्या फायदा 
जिसमें पङ जाय कीङे

©kisi ki mrs. I wrote this poem when I was in class 5

Mani teja Sripada

new generation in on class #Memes

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Yakshita Jain

my 8 class poem on dowry #कविता

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बढ़  रही  है  दहेज़  की  प्रथा
रूढ़िवादी  सोच  की  है  ये  कथा
जलाया  जा  रहा है  लड़कियों  को
ऐसे  लोगो  को  ज़रा  पकड़िये  तो
कंगाल  हो  गए  लड़की  के  माँ -बाप
फिर  भी  खत्म  नहीं  हुई  दहेज़  की  आग
रुपये ,गहने ,गाड़ियां  देकर
क्या  पाये  लड़की  के  माँ-बाप
उन्होंने  भेज दी  लड़की  की  लाश
जीवन से  हो  गए  हताश
बढ़ता  जा  रहा  है  दहेज़  का  लोभ
एक  से  नहीं मिला ,तो  दूसरे  से  ले रहे  भोग
डालो  ऐसे  लोगो  को  जेल  मे
जो रहे  दहेज़  के  महल  मे
तभी कहलायेगा  भारत  सोने  की  चिड़ियाँ
जिसमे  बसती  थी  खुशिया  ही  खुशिया my 8 class poem on dowry

Nilesh Parpachi

Dan's Hindi class work on the #कॉमेडी

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RaJ

poem on tree 5

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एक उड़कर बीज आया

धरती पे ऐसे ही बिखर गया।

वर्षा ऋतु आई जब

उसपे पानी बरस गया।

पानी पाकर अंकुरित हुआ,

धीरे धीरे जड़ें बढ़ाई

धीरे धीरे चढ़ी ऊंचाई.

फिर  नन्हा हरा पौधा

बनके धरती पे उभर गया।

एक उड़कर बीज आया

धरती पे ऐसे ही बिखर गया।


वायुमंडल से हवाएं सोखकर,

मिट्टी से थोड़ी नमी चुराकर।

धीरे धीरे बढ़ता रहा

अपना पोषण करता रहा।

कभी आई तेज हवाएं

उसके उसको बहुत झकझोरा,

उसके आसमान छूने की उम्मीदों को

आंधी पानी ने भी रोका।

मौसम का मार सहता गया,

और  मजबूत बनता गया।

कभी अनचाहे में इंसानों ने भी क्षति किया

कभी मवेशी उसके पत्ते खाते रहें।

सब कुछ झेलकर वो एक दिन 

एक विशाल पेड़ बन गया।

एक उड़कर बीज आया

धरती पे ऐसे ही बिखर गया।


आज वह इंसानों को लकड़ियां और फल देता है,

आज वह मवेशियों को छाया और चिड़ियों को घर देता है।

आज वह इस वातावरण का हिस्सा बन गया है,

आज वह सबके लिए अच्छा बन गया है।

कठिनाइयों में डटे रहने से जीवन 

        उसका संवर गया।

एक उड़कर बीज आया

धरती पे ऐसे ही बिखर गया।


सुनो भाईयो!

सहते रहना,डटे रहना और आगे बढ़ते रहना 

सफलता का मंत्र यही है और ऊंचे चढ़ते रहना।

आज तुम छोटे हो तो नजर नहीं आते हो,

कल जब बड़े हो जाओगे,हर कोई नजर उठा के देखेगा,

जब काम आने लगेगा दूसरों के

तब तुम्हारी पूछ बढ़ेगी ,हर कोई सर आंखों पे रखेगा।










जब  एक अवचेतन बीज अस्तित्व पा सकता है,

तुम्हारे पास तो चेतना है,सोचो तुम क्या कर सकते हो,

अगर तुम्हे इंतजार है  कोई मसीहा आएगा,

जो तुम्हारे अंदर बैठा है,क्यों उसे 

तुम बाहर ढूंढ़ते हो?

एक एक सेकंड,एक एक मिनट कर के

कितना साल गुजर गया।

एक उड़कर बीज आया

धरती पे ऐसे ही बिखर गया।

www.aapkisafalta.com poem on tree #5

RaJ

poem on daughter 5

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घर के  आंगन की तुलसी सी

कुम्हार के मिट्टी की कलशी सी

जो बनती है,पकती है कहीं और,

और‌ किसी और को सौंपी जाती हैं.

धान के नाजुक छोटे छोटे पौधों सी

जो जमती है,खिलती है कहीं और

और कहीं और को रोपी जाती है.

वो एक बेटी है जो एक जन्म में

            दो जन्म को जी जाती है,

वो एक बेटी है जो  "ठीक हूं" कह के

        एक एक आंसू को पी जाती हैं.


बचपन में चव्वनियों में खुश रहने वाली,

सिंपल ड्रेस में भी परियों सी दिखने वाली

रस्मों को निबाह कर दूर चली जाती है

खुद तो रोती ही है,हमें भी रुलाती है.

वो एक बेटी है जो हर रुप में,हर किरदार                   में पूरी तरह ढल जाती हैं.

वो एक बेटी है जो एक जन्म में

            दो जन्म को जी जाती है,

वो एक बेटी है जो  "ठीक हूं" कह के

        एक एक आंसू को पी जाती हैं.


एक बेटी के जन्मने से एक पिता  जन्मता है,

बेटी के लिए पिता का स्नेह और मां की ममता है.

कुदरत से मिलने वाली उपहार है बेटियां,

संसार इनसे है,खुद में संसार है बेटियां.

वो एक बेटी है जो अपने दुआओं में

         दो परिवारों की खुशी चाहती है.

वो एक बेटी है जो एक जन्म में

            दो जन्म को जी जाती है,

वो एक बेटी है जो  "ठीक हूं" कह के

        एक एक आंसू को पी जाती हैं.


उड़ती तितलियों के रंग-बिरंगी पंखों सी,

पवित्र ध्वनि जैसे किसी यज्ञ के शंखों की.

बेटी होती है जैसी वैसा कोई नहीं,

बेटियों के जैसे यहां बेटा कोई नहीं.

वो एक बेटी है जो अपने साथ पूरा 

‌‌               बागवान महकाती है.


वो एक बेटी है जो एक जन्म में

            दो जन्म को जी जाती है,

वो एक बेटी है जो  "ठीक हूं" कह के

        एक एक आंसू को पी जाती हैं.


जिसके पसंद की चीजें मेज पे लगी है,

जिसके सामानों से आलमारी भरी पड़ी है

बाप की बूढ़ी आंखों का सहारा अब बेटी है,

मां बाप के जीवन का उजियारा अब बेटी है,
www.aapkisafalta.com










वो एक बेटी है जो बेटों से ज्यादा सुख                 ख में साथ निभाती है.









वो एक बेटी है जो एक जन्म में

            दो जन्म को जी जाती है,

वो एक बेटी है जो  "ठीक हूं" कह के

        एक एक आंसू को पी जाती हैं. poem on daughter #5

Nojoto Hindi (नोजोटो हिंदी)

Hindi Poetry on Father at Delhi Poetry Festival Season 5 IIT Delhi, 2018 | Poem on Papa in Hindi #nojotovideo #hindipoetry #nojotohindi Hin #FatherPoetry

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Harekrishna

Nojoto Hindi (नोजोटो हिंदी)

Father Poem in Hindi at CGC| Emotional Poem on Papa in Hindi- Heart Touching Hindi Poem #nojotovideo #Nojoto #nojotohindi

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Ñimra writes

#Nature #English poem for kids "Nature" #علم

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"Nature"
Nature is might
Nature is strong
Nature is beauty
Natire is moody
Nature is smart
Nature is blue
Nature is green
Nature is true
Nature is you
Nature is me
Nature will for ever be free

©Nimra writes #Nature #English poem for kids "Nature"
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