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Indian Kanoon In Hindi
Mukesh Yadav
White प्रभु श्री राम जी के अनन्य भक्त, सेवक और हमारे आराध्य श्री हनुमान जी के जन्मोत्सव की सभी सनातनी साथियों को मंगलमय शुभकामनाएं और बधाई श्री हनुमान जी का आशीर्वाद आप पर बना रहे जय श्री राम जय बजरंग बली🙏🏻🎂🎂🚩🚩 ©Mukesh Yadav #हनुमानजन्मोत्सव *प्रभु श्री राम जी के अनन्य भक्त, सेवक और हमारे आराध्य श्री हनुमान जी के जन्मोत्सव की सभी सनातनी साथियों को मंगलमय शुभकामना
K R SHAYER
White तुम ही हर सांस हर ख्याल, हर विचारों में ! कभी ढूंढता हूं तुम्हे लहरों में, तो कभी किनारों में ! समझ नहीं पाता, सोच नही पाता, केसे बताऊं तुम्हें में,, तुम ही एक थी और तुम ही एक हो मेरे लिए हजारों में॥ ©K R SHAYER #Romantic तुम ही एक हो और ही एक हो हजारों मे muskan Kumari Harshita Joshi @BeingAdilKhan Urmeela Raikwar (parihar) Devrajsolanki
DILEEP RAJ AHIRWAR
White That person was like the moon, he was in front of the eyes and far away like the moon वो शख्स चाँद के जैसा था था तो नज़रों के सामने और दूर था जैसे चाँद हो ©DILEEP RAJ AHIRWAR #Romantic वो शख्स चाँद के जैसा था था तो नज़रों के सामने और दूर था जैसे चाँद हो
Mukesh Yadav
Anubha "Aashna"
कुछ रिश्ते नामों के मोहताज नहीं होते, परे होते हैं बंधनों के, जो परे होते हैं समय की हर कसौटी के, रिश्ते जिन्हें निभाया नहीं जाता, निभाया जा ही नहीं सकता.. ऐसे रिश्ते जिन्हें जिया जाता है, रिश्ते जो आज़ाद होते हैं मन की तरह.. और साथ रहते हैं धड़कन बनकर आखरी साँस तक.. रिश्ते जो जिए जाते हैं साथ रहकर, दूर होकर, यादें संजो कर.. रिश्ते जो चले आते है लबों पर मुस्कान की तरह खुशी की निशानी बनकर.. रिश्ते जो बसते हैं रूह में.. ऐसा ही रूहानी रिश्ता देने के लिए शुक्रिया.. ©Anubha "Aashna" आपके दिल से निकलने वाली हर दुआ कुबूल हो, उसकी नेमतें इतनी हो की अल्फाज़ शुक्रिया अता न कर सकें। जन्मदिन मुबारक साहिब..❤️
Mohit Kumar Goyal
Sandeep Sagar
White आधा चांद आधा सूरज आधा मैं बंजारों सा आधी आधी दुनिया फिर भी पूरी तुम इन तारों सा।। ©Sandeep Sagar #Moon सागर की डायरी से
Sandeep Sagar
White गिरे आँखों से आँसू तो लगे बहने लगी नदियाँ कि जैसे बिन तुम्हारे कट गयी मेरी पूरी सदियाँ वो मेरी भूल थी जो तुमको मैंने प्यार था समझा नहीं तो यूँ गुजर जाती थी एक तूफ़ाँ भरी रतियाँ। मुझे अब ख़्वाब भी वो लगने लगे है यूँ परायों से की जैसे तितलियाँ उड़ने लगी है इन सरायों से तुम्हे मैं दूँ बना एक आदमी वो भी मुन्तशिर सा मगर ना दूँ तुम्हें वो दिल जो तुम भरते थे किरायों से। मुझे अब एक नदी सी घाट घाट दरिया में जानी है पहाड़ों,पेड़ पर जाना खुद ही पंछी सी ठानी है वो एक पर्वत के पीछे एक बड़ी सी शांत घाटी है वही जीना वही मरना यही बस जिंदगानी है।। ©Sandeep Sagar #Road सागर की डायरी से
Altifa