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Santosh 'Raman' Pathak
हम हैं भारत के नौनिहाल हम एक हैं मत भरमाओ जी तुलसी रहीम की आत्म मित्रता हममें फिर जनमाओ जी हम हैं भारत के नौनिहाल...... हम बच्चे हैं अपने स्वभाव निश्चिंत भाव से जीते हैं हम क्षण क्षण जीवन जीते हैं हर भेद भाव से रीते हैं निर्दोष प्रेम पथगामी हम मत घृणा गर्त खुदवाओ जी.. हम हैं भारत के नौनिहाल...... ऐ धर्म के ठेकेदारों शिक्षा जीवन मूल्य परक अच्छी और जीवन मूल्याधृत शिक्षा 'सब एक मनुज तरु पशु पक्षी' जीवन पूजो पूजवाओ, मत मंदिर मस्जिद लड़वाओ जी... हम हैं भारत के नौनिहाल...... हम कृष्ण की बंसी राम चाप हम बुद्ध प्रबुद्ध मोहम्मद हैं हम ईसा प्रेम और महावीर जरथुस्त्र विवेक विशारद हैं अब तथाकथित ये धर्म भेद कृपया न हमें समझाओ जी.. हम हैं भारत के नौनिहाल....... विद्यालय मदरस और स्कूल में शब्द भेद ही रहने दो शिक्षालय जीवन मन्दिर हैं जीवन ही इनमें बहने दो जीवन विनम्र बहते जल से कट्टर पत्थर तोड़वाओ जी... हम हैं भारत के नौनिहाल....... ©Santosh Pathak हम हैं भारत के नौनिहाल #alone
SURAJ आफताबी
है फरियाद फ़िदाई फ़ुवाद की न बिठाओ नफरत के पासबाँ तख्त-अ-हुस्न की दहलीज पर नौनिहाल सा इश्क कहीं नासबूरी में ही दम न तोड़ दे जो हर पलक साँस ले रहा तेरे वस्ल की उम्मीद पर..!! फिदाई- प्रेमी पासबाँ- पहरेदार नौनिहाल- freshly start ,किशोर नासबूरी- व्याकुलता #love #shayari #life #mohabbat #yqdidi #yqbhaijan #lovequotes
SURAJ आफताबी
पेश कर हुस्न की नजीरें नौनिहाल सी मेरी जान-अ-तमन्ना ऐसे ना हमें तस्वीर करो स्याही सा बिखर गया तुम पर..अब तो मुझे शब्दों में तहरीर करो ! कबसे कह रहा तेरे होंठों का काला तिल..अब तो कर दो ये संबंध मुकम्मिल बुलाओ कोई काजी और निकाह की कोई तो तदबीर करो वसन सा बिछ गया तुम पर..अब तो कोई मीठी सी तकरीर करो ! नजीर-मिसाल नौनिहाल- किशोर पुष्प तहरीर - लिखावट तदबीर- युक्ति, उपाय वसन- कपड़ा तकरीर- बात, संवाद #love #lovequotes #shayari #surajaaftabi #moh
Maha Kaleshwar Nath Dubey
Ravendra
manoj solanki boddhy
#डॉ_बाबासाहेब_भीमराव_अंबेडकर जी के जीवन संघर्ष पर आधारित आज के प्रश्न, प्रश्न 11:- बाबासाहेब के पिता रामजी मालोजी अपने परिवार के साथ कितने बड़े मकान में रहते थे? उत्तर:- 10 फीट लंबे और 10 फीट चौड़े एक कमरे में रहते थे जिसमें उनकी एक बकरी भी रहती थी। प्रश्न 12:- बाबासाहेब भीमराव सकपाल नाम से भीमराव अंबेडकर कैसे बने? उत्तर:- मैट्रिक की पढ़ाई से पहले उनके एक ब्राह्मण गुरु अंबेडकर ने अपना उपनाम भीमराव को दिया। तब से वे भीमराव सकपाल के बजाए भीमराव अंबेडकर नाम से प्रसिद्ध हुए। लेकिन इस पर भी काफी विवाद है कि उनका उपनाम किसी ब्राह्मण ने नहीं दिया था इस पर राजरत्न अंबेडकर जी के कई मतभेद हैं। प्रश्न 13:- बाबासाहेब ने मैट्रिक की परीक्षा कब उत्तीर्ण की? उत्तर:- 1907 में प्रश्न 14:- बाबासाहेब को भगवान बुद्ध का जीवन चरित्र पुस्तक किस अध्यापक ने भेंट की? उत्तर:- बाबासाहेब को सन 1907 में मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण करने पर अर्जुन कैलुस्कर नाम के अध्यापक ने भगवान बुद्ध का जीवन चरित्र पुस्तक भेंट की थी। प्रश्न 15:- बाबा साहेब का विवाह किस स्थान पर संपन्न हुआ? उत्तर:- बाबा साहेब का विवाह माता रमाबाई के साथ भाईकला के पास मुंबई के मछली मार्केट में बाजार बंद होने के बाद संपन्न हुआ। प्रश्न 16:- बाबासाहेब ने बीए की परीक्षा कब उत्तीर्ण की थी? उत्तर:- सन 1911 प्रश्न 17:- पुत्र यशवंत राव का जन्म कब हुआ? उत्तर:- बाबासाहेब के पुत्र यसवंत राव का जन्म दिनांक 12 दिसंबर 1912 में हुआ। प्रश्न 18:- महाराजा बड़ौदा सियाजी राव गायकवाड़ ने बाबा साहेब को कितने रुपए महीने की छात्रवृत्ति मंजूर की थी? उत्तर:- महाराजा बड़ौदा ने ₹25 महीने की छात्रवृत्ति सन 1913 में मंजूर की थी। बाबासाहेब उच्च शिक्षा के लिए बड़ौदा नरेश द्वारा छात्रवृत्ति मंजूर होने के बाद जुलाई 1913 में अमेरिका (न्यूयॉर्क) चले गए प्रश्न 19:- बाबासाहेब ने M.A. की परीक्षा कब उत्तीर्ण की? उत्तर:- बाबासाहेब ने सन 1915 में M.A. की परीक्षा उत्तीर्ण की तथा #प्राचीन_भारतीय_व्यापार नाम से पुस्तक लिखी। प्रश्न 20:- बाबासाहेब शिक्षा ग्रहण करने लंदन कब गए? उत्तर:- बाबासाहेब जुलाई 1915 में अमेरिका से लंदन गए तथा जून 1916 में #भारतीय_जाति_प्रथा पर एक लेख लिखा। 🌹🌹जय भीम नमो बुद्धाय🌹🌹 #Note:- लिखने के दौरान या जानकारी के अभाव में यदि कोई गलती हो जाए तो कृपया अवश्य अवगत कराएं मैं उसे अपडेट कर दूंगा 🙏 #डॉ_बाबासाहेब_भीमराव_अंबेडकर जी के जीवन संघर्ष पर आधारित आज के प्रश्न, प्रश्न 11:- बाबासाहेब के पिता रामजी मालोजी अपने परिवार के साथ कितने
Krish Vj
एक कतरा मोहब्बत ❤️ वक़्त का सितम और यह पेट की जलती आग 🔥 क्या कहूँ बेबस हूँ, अपनों ने ही किया छल, अब किसी से मैं क्या कहूँ अनजानी राहों में किसी ने दुत्कारा, किसी ने मारा क्या कहूँ इंसानियत होकर शर्मशार, करती सफ़र ज़िंदगी में क्या कहूँ कुछ दूर और चला मुसाफ़िर, भटकता भूखा-प्यासा क्या कहूँ देखी एक बुढ़ी माँ, फटे हाल, भूख से थी वो बेहाल क्या कहूँ इंसानियत की दुहाई दे कर माँगती भीख दर-ब-दर क्या कहूँ बैठ गया मैं भी उसके पास, ख़ामोश सी यह जुबान क्या कहूँ लौटते देखे कुछ नौनिहाल, 'प्रेम' से मुस्कराते चेहरे क्या कहूँ दूर रुक कर देखा, आकर प्रेम से पूछा क्या हुआ? क्या कहूँ समझते देर ना लगी, रूप थे ईश्वर का,भूखे है दोनों क्या कहूँ टटोली पोटली और रख दिए पकवान, इस प्रेम का मैं क्या कहूँ तुतलाती हुई ज़बान से हम रोज 😊 लाएंगे, अब मैं क्या कहूँ बंध गया हौंसले का जो बाँध, वक़्त का ऐसा मरहम क्या कहूँ कुछ काम किया करों बाबा, जीने के अरमान भर दिए क्या कहूँ इंसानियत के इन सुमन ने, भर दिया खुशबु से मुझे, क्या कहूँ #restzone #rzलेखकसमूह #rztask453 एक कतरा मोहब्बत :- एक कतरा मोहब्बत ❤️ वक़्त का सितम और यह पेट की जलती आग 🔥 क्या कहूँ बेबस हूँ, अपनों
Pnkj Dixit
वाकया...... हकीकत में पिरोकर कल्पना सजीव रुप साकार करूं दो दिन पहले बीते पलों को फिर से आंखों के समक्ष धरूं जून दोपहरी तारीख चौबीस दिन रविवार शुभ रहा गांव के तांगे वाले अड्डे पर दो नन्हें मुन्नों को मस्ती करते देखा अधनंगे बदन , रजकण से नहाएं हुए एक दूजे संग खेल रहे सब चिंताओं से दूर नौनिहाल हंसते खिलखिलाते , मिट्टी के ढेले उठाए गंदे नाले में फेंकते जाते उधर से गुजरते एक दो राहगीरों ने उनको देखा , रोका भी वो तो अपनी धुन के पक्के बचपन को बचपन जैसा जी रहे थे कुछ बच्चे जो पास खड़ी गाड़ी में बैठे उनको देख देख कर रीझ रहे चेहरे के भाव साफ़ दिखाई दे रहे थे ..... काश ! वहीं पास में बैठी उनकी मम्मी आंखों आंखों में ही डरा धमका रही थी एक जगह दो बचपन मैं देख रहा था मंद मंद मुस्कुरा कर बस यही सोच रहा था ... आखिर कौन सुखी है ? गरीबी का बचपन या अमीरी का ? इसी धुन में मस्त होकर गरीबी के आजाद चिंता रहित बचपन को अपने स्मृतिपटल पर अंकित कर गन्तव्य की ओर प्रस्थान किया इस खूबसूरत वाकया को याद करते हुए आनन्द से भर जाता हूं । २६/०६/२०१८ 🌷👰💓💝 ...✍ कमल शर्मा 'बेधड़क' वाकया...... हकीकत में पिरोकर कल्पना सजीव रुप साकार करूं दो दिन पहले बीते पलों को फिर से आंखों के समक्ष धरूं जून दोपहरी तारीख चौबीस दिन र