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Arun Sanadya
//एक याद ताजा ताजा // तुम नयन मीत या अर्थ मेरे तुम संजीवनी या जीवन गीत मेरे। तुम से जो उत्पलवित होता सुख सागर जीवन अमृत होता।। तुम नयन ज्योति कमल पुष्प और ह्रदय मेरा कुश्लित होता तुम नारायणी वैदेही रूप मन, घर नूपुर झंकृत करती तुम मात्र आत्मीय आकर्षण नही तुम सृष्टि की निर्मात्री हो तुम ब्रह्म देह पाषण बनी । नर नारायण के साथ रहीं दुःख असंख्य भोगे हैं धरती पर फिर भी तुम नर का वरदान बनी तुम नारी हो नारी ही रहीं विश्वास रखा अंतिम श्वांसों तक और तुम अरुण बिम्ब अमृत ''बिन्दु'' बनी। अरूण सनाढय ©Arun Sanadya याद #zindagikerang BK Mishra Nikhil Jha Anshu writer singer Pawan Raja 8928525719 कुमार "अँचल"
Arun Sanadya
यदि ऐसा हो की तुम्हें कोई प्रेम करे......... और तुम्हारा मान भी रखे तुम्हारा सम्मान भी करे तो यकीन मानना ..... तुम इस संसार की सबसे भाग्यशाली स्त्री हो क्योंकि इसके सिवाय प्रेम की दूसरी परिभाषा नही।। अरूण ...... कविता Nikhil Jha #HappyBawa singer Pawan Raja 8928525719 कुमार "अँचल" OM BHAKAT "MOHAN,(कलम मेवाड़ की)
Arun Sanadya
वो मुझसे जुदा हो के भी मुझसे मिलने की दुआ करता है... बड़ा ही ज़ालिम है वो की नख़रे हज़ार करता है खुद को पीरोमुर्शिद समझता है .... एक सजर का पत्ता भी नही बना वो की खुद को दरख़्त समझता है। वो मुझसे जुदा हो के भी मुझसे मिलने की दुआ करता है.... रेल की पटरी सा है वो पर नही मेरे साथ चलता है दुनियाँ का इल्म नही उसको पर स्वयं को वाइस कहता है खुद की तारीफ में मश्गूल रहता है अभी तैरना भी नही आया की दोस्ती दरिया से करता है वो मुझसे जुदा हो के भी मुझसे मिलने की दुआ करता है..... (पीरोमुर्शिद :- ईश्वर के जैसा, सजर :- पेड़ ,दरख़्त :- बड़ा पेड़ , वाइस :- विद्वान ,ज्ञाता, मश्गूल :- व्यस्तता) अरूण सनाढय ©Arun Sanadya आह #wetogether Nikhil Jha #HappyBawa singer Pawan Raja 8928525719 कुमार "अँचल" OM BHAKAT "MOHAN,(कलम मेवाड़ की)
अशेष_शून्य
मै लौटूंगा तेरे होठों की मुस्कान बनकर, मै लौटूंगा तेरे सपनों की उड़ान भर कर..! मै लौटूंगा तेरे सूखे गुलशन की कली बनकर, मै लौटूंगा गंगा अँचल तक जाती बनारस की गली बनकर...! मै लौटूंगा घूरती नज़रों के लिए कहर बनकर , मै लौटूंगा तेरे नम पलकों पर ज़गमगाता शहर बनकर ...! मै लौटूंगा तेरी मिट्टी का सुकून बनकर, मै लौटूंगा तेरे हौसलों का जुनून बनकर..! मै लौटूंगा तेरी बेरंग दुनिया में इश्क़ की फुहार बनकर , मै लौटूंगा तेरी यादों में दस्तक देता इंतज़ार बनकर ..! मै लौटूंगा ... ज़रूर लौटूंगा वादा रहा मै लौटूंगा ....और ज़रूर लौटूंगा ..!!-A.r Angel ❤️ #मै_लौटूंगा❤️....✍️ मै लौटूंगा तेरे होठों की मुस्कान बनकर, मै लौटूंगा तेरे सपनों की उड़ान भर कर..! मै लौटूंगा तेरे सूखे गुलशन की कली बनकर, म
अशेष_शून्य
मै लौटूंगा तेरे होठों की मुस्कान बनकर, मै लौटूंगा तेरे सपनों की उड़ान भर कर..! मै लौटूंगा तेरे सूखे गुलशन की कली बनकर, मै लौटूंगा गंगा अँचल तक जाती बनारस की गली बनकर...! मै लौटूंगा घूरती नज़रों के लिए कहर बनकर , मै लौटूंगा तेरे नम पलकों पर ज़गमगाता शहर बनकर ...! मै लौटूंगा तेरी मिट्टी का सुकून बनकर, मै लौटूंगा तेरे हौसलों का जुनून बनकर..! मै लौटूंगा तेरी बेरंग दुनिया में इश्क़ की फुहार बनकर , मै लौटूंगा तेरी यादों में दस्तक देता इंतज़ार बनकर ..! मै लौटूंगा ... ज़रूर लौटूंगा वादा रहा मै लौटूंगा ....और ज़रूर लौटूंगा ..!! - Anjali Rai मै लौटूंगा ....🦋✍️ मै लौटूंगा तेरे होठों की मुस्कान बनकर, मै लौटूंगा तेरे सपनों की उड़ान भर कर..! मै लौटूंगा तेरे सूखे गुलशन की कली बनकर,
Anita Saini
कच्ची उम्र के कच्चे ख़्वाब लेकर आई कच्ची पौध बनी तुलसी तेरे आँगन की! ज़िंदगी की जद्दोजहद की थकन में एक राहत की साँस यादें बचपन के आँगन की! शान ओ शौक़त से बसर होती ज़िंदगी के खालीपन को भरती यादें ममता के आँचल की! जुटा लिया हर ऐशोआराम फिर भी असल सुकून देती केवल यादें गाँव के अँचल की! खेत-खलिहानों में हिरणी की भाँति कूदते मिट्टी सने ओस में भीगे यादें कोमल बचपन की! पकी उम्र की बानगी में भी मुरझाई नहीं हरी ही रही सदा यादें बाबुल के आँगन की! कच्ची उम्र के कच्चे ख़्वाब लेकर आई कच्ची पौध बनी तुलसी तेरे आँगन की! ज़िंदगी की जद्दोजहद की थकन में एक राहत की साँस यादें बचपन के आँगन की!