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Poonam Suyal
जहाँ बीता था बचपन याद करते हैं हम उनको निस दिन वो निष्फिक्र दिन, जब ना थी कोई चिंता खुशियों से भरा होता था हर दिन अब भी खो जाते हैं अक्सर, हम उन यादों में चाहते हैं हम, फिर से लौट आएँ वो दिन ♥️ Challenge-728 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।
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read moreAnita Saini
कच्ची उम्र के कच्चे ख़्वाब लेकर आई कच्ची पौध बनी तुलसी तेरे आँगन की! ज़िंदगी की जद्दोजहद की थकन में एक राहत की साँस यादें बचपन के आँगन की! शान ओ शौक़त से बसर होती ज़िंदगी के खालीपन को भरती यादें ममता के आँचल की! जुटा लिया हर ऐशोआराम फिर भी असल सुकून देती केवल यादें गाँव के अँचल की! खेत-खलिहानों में हिरणी की भाँति कूदते मिट्टी सने ओस में भीगे यादें कोमल बचपन की! पकी उम्र की बानगी में भी मुरझाई नहीं हरी ही रही सदा यादें बाबुल के आँगन की! कच्ची उम्र के कच्चे ख़्वाब लेकर आई कच्ची पौध बनी तुलसी तेरे आँगन की! ज़िंदगी की जद्दोजहद की थकन में एक राहत की साँस यादें बचपन के आँगन की! शान ओ शौक़त से बसर होती ज़िंदगी के खालीपन को भरती यादें ममता के आँचल की!
कच्ची उम्र के कच्चे ख़्वाब लेकर आई कच्ची पौध बनी तुलसी तेरे आँगन की! ज़िंदगी की जद्दोजहद की थकन में एक राहत की साँस यादें बचपन के आँगन की! शान ओ शौक़त से बसर होती ज़िंदगी के खालीपन को भरती यादें ममता के आँचल की!
read moreNeha Pathak
यादें आँगन की सँग लेकर आई हूँ! पिया मिलन ख़ातिर, मायका छोड़ आई हूँ। मैं चिड़िया बगिया की सुनी कर आई हूँ! फुदकते थे जो क़दम, वह मोड़ छोड़ आई हूँ। माँ की पल्लू अश्रु से भिगोकर आई! बाबा के दिल पर पत्थर रखकर आई हूँ। सजी आँखों को नम किया है मैंने, सूखे बंजर में जैस बरसात छोड़ आई हूँ। भूलकर सपनें सभी,पिया के ख्वाब सजाई हूँ। आजीवन साथ निभाने के लिए साजन... अपने बाबुल का दामन छोड़ कर आई हूँ! दोनों रिश्ते बने रहे हर विकल्प अपनाई हूँ। बाबा का प्यार, माँ के संस्कार आँचल में बाँध लाई हूँ! बहन की परछाई भाई की लाड निशानी साथ लाई हूँ! पुराने रिश्तों के संग-संग नए रिश्ते जोड़ने आई हूँ.. अपनी मुस्कुराहट के छाप हर कोने छोड़ आई हूँ! यादें आँगन की सँग लेकर आई हूँ!। पिया मिलन ख़ातिर, मायका छोड़ आई हूँ!। ♥️ Challenge-728 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।
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read moreDivyanshu Pathak
खट्टी मीठी यादें आँगन की अपने ज़हन में लेकर आई हूँ ताकि ख़ुशनुमा करदूँ तेरी दुनिया जो बिखर कर रह गई अलगाव में सूख चुकी झीलों के उड़ते रेत की लाल पीली काली आँधियों में जो ज़ज़्बात उड़ रहे हैं तिनके से मैं उनके लिए बरसात लेकर आई हूँ बड़े नाज़ों से पाला मुझको बड़े ठाठ से विदाई दी गई है मैं अपने बाबुल के सपनों का एक समंदर बनकर आई हूँ साजन का घर एक किनारा दूसरा मेरे सपनों का है मैं बीच में लहराती आई हूँ। खट्टी मीठी यादें आँगन की अपने ज़हन में लेकर आई हूँ ताकि ख़ुशनुमा करदूँ तेरी दुनिया जो बिखर कर रह गई अलगाव में सूख चुकी झीलों के उड़ते रेत की लाल पीली काली आँधियों में जो ज़ज़्बात उड़ रहे हैं तिनके से
खट्टी मीठी यादें आँगन की अपने ज़हन में लेकर आई हूँ ताकि ख़ुशनुमा करदूँ तेरी दुनिया जो बिखर कर रह गई अलगाव में सूख चुकी झीलों के उड़ते रेत की लाल पीली काली आँधियों में जो ज़ज़्बात उड़ रहे हैं तिनके से
read moreShravan Goud
हंसते खेलते रहती है। ♥️ Challenge-728 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।
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read moreDR. SANJU TRIPATHI
बाबुल यादें तेरे आँगन की हमको आज भी सताती है, रह-रहकर याद आती रहती है हमको पास बुलाती है। कोई पल ना ऐसा जाता है जब याद तेरी ना आती हो, यादें तेरी आ-आ करके कभी हँसाती कभी रुलाती हैं। तेरा वो बात बात पर समझाना फटकारना याद आता है, रूठते थे हम तुझसे तो तेरी मनाने वाली बातें याद आती है। बाबुल तेरे आँगन में मचाते थे धमाचौकड़ी शाम-ओ-पहर, होली दिवाली के रंगों और दीयों की खुशबू याद आती है। तेरा आँगन छोड़ कर हमको एक नया सा आँगन मिल गया, बाबुल यादें तेरे आँगन की आज भी मेरा जीवन महकाती है। ♥️ Challenge-728 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।
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