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Stories related to किरण न्यूज़ एजेंसी सरकारी नौकरी 2020

Diya

#GoodMorning #कभी भी यह #मत सोचना कि तुम्हें #याद नहीं करते हम, तुम सूरज की पहली #किरण, और रात का #आखिरी ख़्वाब हो तुम, तुम्हें देखें बगैर

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White कभी भी यह मत सोचना कि
तुम्हें याद नहीं करते हम,
तुम सूरज की पहली किरण,
और रात का आखिरी ख़्वाब 
हो तुम, तुम्हें देखें बगैर मेरा 
दिन नहीं गुजरता ,
मेरी आखिरी और पहले ख्वाहिश 
हो तुम।

©Diya #GoodMorning 
#कभी भी यह #मत सोचना कि
तुम्हें #याद नहीं करते हम,
तुम सूरज की पहली #किरण,
और रात का #आखिरी ख़्वाब 
हो तुम, तुम्हें देखें बगैर

Faruk

#Sad_Status 🏃📖मंज़िल की ओर बढ़ते रहो रुकना नहीं, थमना नहीं, जो चल पड़े, वो गिरता नहीं। अंधेरों में भी जो जलते रहे, सुबह की किरण से डरता नही

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White मंज़िल की ओर बढ़ते रहो

रुकना नहीं, थमना नहीं,
जो चल पड़े, वो गिरता नहीं।
अंधेरों में भी जो जलते रहे,
सुबह की किरण से डरता नहीं।

हर ठोकर इक सबक सिखाए,
हर मुश्किल हौसला बढ़ाए।
सपने उन्हीं के पूरे होते,
जो गिरकर फिर संभल जाए।

मंज़िल तुम्हें पुकार रही है,
हिम्मत से तुम काम लो।
हर मुश्किल झुक जाएगी,
बस एक और कदम बढ़ा लो!

©Faruk 
  #Sad_Status 🏃📖मंज़िल की ओर बढ़ते रहो

रुकना नहीं, थमना नहीं,
जो चल पड़े, वो गिरता नहीं।
अंधेरों में भी जो जलते रहे,
सुबह की किरण से डरता नही

Faruk

#Sad_Status 🏃📖मंज़िल की ओर बढ़ते रहो रुकना नहीं, थमना नहीं, जो चल पड़े, वो गिरता नहीं। अंधेरों में भी जो जलते रहे, सुबह की किरण से डरता नही

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White मंज़िल की ओर बढ़ते रहो

रुकना नहीं, थमना नहीं,
जो चल पड़े, वो गिरता नहीं।
अंधेरों में भी जो जलते रहे,
सुबह की किरण से डरता नहीं।

हर ठोकर इक सबक सिखाए,
हर मुश्किल हौसला बढ़ाए।
सपने उन्हीं के पूरे होते,
जो गिरकर फिर संभल जाए।

मंज़िल तुम्हें पुकार रही है,
हिम्मत से तुम काम लो।
हर मुश्किल झुक जाएगी,
बस एक और कदम बढ़ा लो!

©Faruk #Sad_Status 🏃📖मंज़िल की ओर बढ़ते रहो

रुकना नहीं, थमना नहीं,
जो चल पड़े, वो गिरता नहीं।
अंधेरों में भी जो जलते रहे,
सुबह की किरण से डरता नही

Sarfaraj idrishi

#VoteForIndia जब नौकरी देने में फेल, तो खेलो हिंदू मुस्लिम खेल दे नहीं सकते रोटी कपड़ा और मकान, तो करो हिंदुस्तान पाकिस्तान ! Islam Krisswri

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White जब नौकरी देने में फेलतो खेलो हिंदू मुस्लिम खेल
 दे नहीं सकते रोटी कपड़ा और मकान, 
तो करो हिंदुस्तान पाकिस्तान !

©Sarfaraj idrishi #VoteForIndia जब नौकरी देने में फेल, तो खेलो हिंदू मुस्लिम खेल दे नहीं सकते रोटी कपड़ा और मकान, तो करो हिंदुस्तान पाकिस्तान ! Islam Krisswri

CHOUDHARY HARDIN KUKNA

स्वामी विवेकानंद जयंती ******************** जागों-जागो उठो मेरे युवाओं आगे कदम मिलकर बढ़ाओ स्वामी जी के पद चिंन्हो फर जीवन अपना नेक बनाओं स

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White स्वामी विवेकानंद जयंती
********************
जागों-जागो उठो मेरे युवाओं
आगे कदम मिलकर बढ़ाओ
स्वामी जी के पद चिंन्हो फर
जीवन अपना नेक बनाओं

सेवा,समर्पण और लगन से
जीवन अपना ही सुधर जाए
स्वामी जी के मूल मंत्र को
जीवन में लाकर सफल बनाओ

स्वामी जी के ओजस्वी जीवन से
जीवन अपना स्वर्ग सा बना लो
नव ज्योति की किरण से अपना
सूरज का तेज मस्तिष्क सजाओ

एक ठोकर से तुम संभल जाओ
चरित्र अपना तुम हीरे सा बनाओ
सत्य कि डगर साहस से  बढ़ाओं
आजीवन सुख से समय बिताओ

कर्म से अपने तेजस्वी बन जाओ
माता-पिता का सम्मान बढ़ाओं
देश के खातिर मजबूत बनाओ
देशभक्ति के लिए फौलाद बनाओं

जो मार्ग से गिर जाते उसे उठाओ
गले लगाकर जीवन उसका बनाओं
विपदाओं के वक्त साहस दिखाओं
आजीवन  विजेयता सब कहलाओं

"उर" से संकल्पित हो जाओ युवाओं
मां भारतीय पुकारती है तुम सबको
विघा ज्योति जगाकर भविष्य बनाओं
सपनों को साकार कर पहचान बनाओं

परसेवा परहित से स्वयं जीवन बनाओं
निर्मल मन से ही पहचान तुम बनाओं
शिखरों कि चोंटी को तुमको है छूना
स्वामी जी की वाणी से जीवन सुधारों
#स्वामी विवेकानंद

©CHOUDHARY HARDIN KUKNA स्वामी विवेकानंद जयंती
********************
जागों-जागो उठो मेरे युवाओं
आगे कदम मिलकर बढ़ाओ
स्वामी जी के पद चिंन्हो फर
जीवन अपना नेक बनाओं

स

Stƴɭɩsʜ Tɩŋkʋ

मोहब्बत और नौकरी #advice&Motivation #subichar

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White मोहब्बत और नौकरी में कोई फर्क नहीं ! इंसान करता रहेगा, रोता रहेगा पर छोड़ेगा नहीं !!

©Stƴɭɩsʜ Tɩŋkʋ मोहब्बत और नौकरी 
#Advice&Motivation #subichar

अभिव्यक्ति और अहसास -राहुल आरेज

नौकरी बजानी होती है सहाब

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White नौकरी बजानी होती है सहाब,
झोला उठाकर निकल जाता हूं 
लौट आता निस्तेज 
मै क्या करूं,
पेट बडा हो गया है मेरा 
सब डकार जाता है 
रद्दी हो या बेकार,
नौकरी बजानी होती है सहाब
पकने लगे है अब बाल मेरे ,
सब पता है फिर भी चलायमान तन मन,
रूकता कहां है थमता कहां है 
हा ठिकाना भी जानता हूं 
साठ के बाद का 
वही पिछले का पुराना पलंग ,
गंदी तकिया  और वो अंतिम पथ का प्रथम कोना।
हास्यपद है फिर भी 
नौकरी बजानी पडती है सहाब।

©अभिव्यक्ति और अहसास -राहुल आरेज नौकरी बजानी होती है सहाब
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