Nojoto: Largest Storytelling Platform

New बेहिसाब Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about बेहिसाब from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बेहिसाब.

dilkibaatwithamit

बड़े दिन बाद, कोई ज़बाब आया ये शुक्र है, उसे मेरा ख्याल आया क्यूं ना निकलें, नींद में आंसू मेरे बहुत दिन बाद तेरा,ख़्वाब आया हर एक बूंद मे

read more
White बड़े दिन बाद, कोई ज़बाब आया
ये शुक्र है, उसे मेरा ख्याल आया

क्यूं ना निकलें, नींद में आंसू मेरे
बहुत दिन बाद तेरा,ख़्वाब आया

हर एक बूंद में है, एक घर रोशन
मेरे हिस्से में चांद का दाग आया

तुम से नफ़रत भी, लाज़वाब थी
तुम पे इश्क़ भी, बेहिसाब आया ..

©dilkibaatwithamit बड़े दिन बाद, कोई ज़बाब आया
ये शुक्र है, उसे मेरा ख्याल आया

क्यूं ना निकलें, नींद में आंसू मेरे
बहुत दिन बाद तेरा,ख़्वाब आया

हर एक बूंद मे

Anjali Singhal

#HappyRoseDay "दिल से दिल का तूने भेजा है प्रस्ताव, आहट सी हो रही जब से मुझमें बेहिसाब। खिलने लगे मन के आँगन में चाहत के गुलाब, ख़्वाब है

read more
"दिल से दिल का तूने भेजा है प्रस्ताव,
आहट सी हो रही जब से मुझमें बेहिसाब।

खिलने लगे मन के आँगन में चाहत के गुलाब,
ख़्वाब है ये लेकिन ये है ख़्बाब कितना लाजवाब।।"

🌹🌹
#Happy_Rose_Day🌹
#rose🌹

©Anjali Singhal #HappyRoseDay 

"दिल से दिल का तूने भेजा है प्रस्ताव,
आहट सी हो रही जब से मुझमें बेहिसाब।

खिलने लगे मन के आँगन में चाहत के गुलाब,
ख़्वाब है

VIKHYAT REKWAR

#love_shayari (मजेदार फनी शायरी): · 1. रात को चुकंदर खाए थे बेहिसाब, सुबह उठे तो हो गया पेट खराब · 2. लड़के का पेट और घर का गेट हमेशा बड़ा ह

read more
White (मजेदार फनी शायरी): · 1. रात को चुकंदर खाए थे बेहिसाब, सुबह उठे तो हो गया पेट खराब · 2. लड़के का पेट और घर का गेट हमेशा बड़ा होना चाहिए · 3. नहीं बनना .

©VIKHYAT REKWAR #love_shayari (मजेदार फनी शायरी): · 1. रात को चुकंदर खाए थे बेहिसाब, सुबह उठे तो हो गया पेट खराब · 2. लड़के का पेट और घर का गेट हमेशा बड़ा ह

Anjali Singhal

#LookingDeep "लगाकर हम पर यादों की पहरेदारी, परवाह उनकी बेहिसाब रही।" #AnjaliSinghal #Shayari #shayaristatus #status nojoto

read more
"लगाकर हम पर यादों की पहरेदारी,
परवाह उनकी बेहिसाब रही।"

©Anjali Singhal #LookingDeep 

"लगाकर हम पर यादों की पहरेदारी,
परवाह उनकी बेहिसाब रही।"

#AnjaliSinghal #shayari #shayaristatus #status #nojoto

theABHAYSINGH_BIPIN

दुखों का घड़ा सिर पर रख कब तक घूमोगे, जज़्बातों से भरा है दिल तेरा, कब बोलोगे। खुद की बंदिशों में दम अब घुट रहा है मेरा, पड़ी ज़ंजीरों से ख़

read more
दुखों का घड़ा सिर पर रख कब तक घूमोगे,
जज़्बातों से भरा है दिल तेरा, कब बोलोगे।
खुद की बंदिशों में दम अब घुट रहा है मेरा,
पड़ी ज़ंजीरों से ख़ुद को कब तक बाँधोगे।

वक़्त के साथ बेहिसाब ग़लतियाँ की हैं तुमने,
सलाखों के पीछे ख़ुद को कब तक छुपाओगे?
जो कभी साथ छांव सा था, वह अब छूट गया,
आख़िर खुद से ये जंग कब तक लड़ोगे।

लोग माफ़ी देते हैं एक-दूसरे को अक्सर,
आख़िर तुम खुद को कब तक सताओगे।
रिहाई जुर्म से नहीं मिलती, यह तो मालूम है,
आख़िर ग़लतियों पर कब तक पछताओगे।

प्रकृति में सूखी डालें भी बहार में पनपती हैं,
खुद को सहलाने का वक़्त कब तक टालोगे।
वक्त हर नासूर बने ज़ख्मों को भी भरता है,
आख़िर ज़ख्मों को भरने से कब तक डरोगे।

©theABHAYSINGH_BIPIN दुखों का घड़ा सिर पर रख कब तक घूमोगे,
जज़्बातों से भरा है दिल तेरा, कब बोलोगे।
खुद की बंदिशों में दम अब घुट रहा है मेरा,
पड़ी ज़ंजीरों से ख़

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर हर बात में छुपा वो इशारा अजब सा था, जुमला तो उनका तीर, मगर असर ग़ज़ब सा था। खामोशियाँ भी जैसे फ़ासलों का हिसाब थीं, हँसी में ज

read more
हर बात में छुपा वो इशारा अजब सा था,
जुमला तो उनका तीर, मगर असर ग़ज़ब सा था।

खामोशियाँ भी जैसे फ़ासलों का हिसाब थीं,
हँसी में जो छुपाई गई, वो दर्द की किताब थीं।

लफ़्ज़ों के परदे में छुपा था जो राज़ उनका,
वो कहानी अधूरी थी, मगर बेहिसाब थीं।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
हर बात में छुपा वो इशारा अजब सा था,
जुमला तो उनका तीर, मगर असर ग़ज़ब सा था।

खामोशियाँ भी जैसे फ़ासलों का हिसाब थीं,
हँसी में ज

नवनीत ठाकुर

#हर लफ़्ज़ थमा है दर्द के नीचे, जुबां को फलक भर नहीं आती। सन्नाटे चीखते हैं दिल के अंदर, पर दुनिया को सहर नहीं आती। दिल की गुंजाईश है बेहिस

read more
White हर लफ़्ज़ थमा है दर्द के नीचे,
जुबां को फलक भर नहीं आती।
सन्नाटे चीखते हैं दिल के अंदर,
पर दुनिया को सहर नहीं आती।

दिल की गुंजाईश है बेहिसाब,
पर फिज़ा तक असर नहीं जाती।
ख्वाब जलते हैं रात की आग में,
सुबह उनकी खबर नहीं आती।

खुद से भी गुमशुदा हैं ऐसे,
जैसे राह कोई नजर नहीं आती।
आईने भी सवाल करते हैं अब,
पर उनकी सूरत उभर नहीं आती।

©नवनीत ठाकुर #हर लफ़्ज़ थमा है दर्द के नीचे,
जुबां को फलक भर नहीं आती।
सन्नाटे चीखते हैं दिल के अंदर,
पर दुनिया को सहर नहीं आती।

दिल की गुंजाईश है बेहिस
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile