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- Arun Aarya
क्या सिर्फ़ वही ज़िंदगी है पहले तो नहीं थी , फिर मुझें क्यों ये बेचैनी है पहले तो नहीं थी ! अब उसके किस्से सुन रहा हूँ सबके साथ ,, यही मेरी दास्ताँ-ए-दुःखभरी है पहले तो नहीं थी..!! - अरुन आर्या ©- Arun Aarya #पहले तो नहीं थी
#पहले तो नहीं थी
read moreRamnik
White इच्छाएं और सपने तो बहुत है कुछ कर दिखाने के , इरादे क्यों कमजोर पड़ जाते है। पता है ये डर बेमायने है फिर भी क्यों हिम्मत के गले घोटे है। मन कर रहा उड़ने को, पर पांव क्यों जकड़े है। ए मन तू जानता है, ये हालत तेरी कबर है प्रयासों से क्यों नाते तोड़े है। तुझे मालूम है आगे अंधेरे के कितने उजाले है। क्यों करता तू बहाने है.... ©Ramnik #क्यों
Parasram Arora
White क्यों ठहरा है पानी सागर का और इसकी उछलने वाली वो लहर्रे कहा गई मेरे ख्याल से एक ककड पर्याप्त होगा इस सागर क़ी लहरों को जगाने के लिए नज़रे क्या बदली कि नजारे भी बदल गए लेकिन ये नजारे काफ़ी नहीं है मन को बहलाने के लिए ©Parasram Arora क्यों ठहरा है पानी
क्यों ठहरा है पानी
read moreLili Dey
White ख्वाबों में आता है आज कल क्यों तू इतना अब हम दोनों का रास्ता तो बदल चुका है, इश्क को मेरे तू कभी समझा ही नहीं तुझे पाने की तलब थी कितना मुझमें, तुझसे बहत ही दूर हूं अब मैं तो बता तू मेरे ख्वाबों में अब क्यों इतना आता है... ©Lili Dey #क्यों
jaiveer singh
White दूर के दीदार की वो बेबसी ही ठीक थी। यू बिछड़ने से भली तु अजनबी ही ठीक थी।।.... मिल तो सकते थे तुझे बाकी दुनिया की तरह।।.... अपनेपन के दर्द से बेगानी ठीक थी। आज बरसों बाद तेरे बसल में दिल को लगा.... इश्क सेहरा ठीक था वह तीसनगी ठीक थी। इम्तिहानो में घिरे हैं क्या मिला मरकर हमें जैसी कट रही थी जिंदगी ठीक थी।।... ©Jaiveer Singh #love_shayari ठीक थी
#love_shayari ठीक थी
read moregauranshi chauhan
White day - 450 मन दुखी तो सब दुखी , मन खुश तो सब जगह खुशी। ©gauranshi chauhan #good_night मन दुखी तो सब दुखी , मन खुश तो सब जगह खुशी। #Antima #Love #Feel #Nojoto #Ram
#good_night मन दुखी तो सब दुखी , मन खुश तो सब जगह खुशी। #Antima Love #Feel #Ram
read moreranjit Kumar rathour
जब मिलना ही नहीं तो मिले ही क्यों साथ चार कदम चलना नहीं तो सफर मे चले ही क्यों आजमाना भर था अगर तो थोड़ा रुकते न अपने पसंद नापसंद बताते तो मौका देख आजमाते न ऐसे कोई थोड़े छोड़ जता है राह मे अपनी ख्वाइश बताते तो ये क्या तरीका है निकल लेने का दो चार तोहमते झूठा ही सही लगाते तो अब देखो न तेरी समझ नहीं पाता तुझसे गिला करू या ख़्वाबों मे मिला करू जाते जाते कोई नुस्खा बताते तो चलो अच्छा है तू ख़ुश है मै भी खुश रह लूंगा तेरे बगैर था पहले भी दुबारा ये सोच कर जी लूंगा हां जी लूंगा ©ranjit Kumar rathour मिले ही क्यों
मिले ही क्यों
read moreParasram Arora
White चैत्र की चंचल पवन बह रहीं लेकिन फिर भी तुम इतने मौन क्यों? एक नींली झील मे चाँद खिला था कमल की तरह और रूप का ऐसा जादू दिख रहा. इसके बावजूद तुम इतना उदास क्यों? ©Parasram Arora इतना उदास क्यों
इतना उदास क्यों
read moreParasram Arora
New Year 2025 मेरे आंसू मेरी. खामोशी नजर नहीं आती किसी को क्यों? क्या गुजर रहीं हैँ मुझ पर कोई समझ नहीं रहा हैँ क्यों? ©Parasram Arora क्यों?
क्यों?
read moreGhumnam Gautam
"मैं फ़ानी हूँ, ये सच मैं जानता हूँ" मगर क्यों दुनिया फ़ानी लग रही है? सुना है पहले भी,पर तुमसे सुनकर कहानी-सी कहानी लग रही है ©Ghumnam Gautam #सच #दुनिया #क्यों #ghumnamgautam
#सच #दुनिया #क्यों #ghumnamgautam
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