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Kajalife....

जीवन.... ग्रीष्म ऋतु के समान... है 🌱🍂🌱 #Life

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'जीवन' 
ग्रीष्म ऋतु के समान है
जिसमें सुबह और शाम सुखद परंतु
मध्य अर्थात् दोपहर का समय पीड़ादायक होता है

©Kajalife.... जीवन.... ग्रीष्म ऋतु के समान... है 🌱🍂🌱

दशरथ सिंह भुवाल

पावस ऋतु पर कविता

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Ashish Bhawsar

एसी में बैठकर कांक्रीट के जंगल बनाने वालो,
तुम्हैं ग्रीष्म की तपन का "पता"क्या है ।

काश के हर पेड़ कटने से पहले ये पूछ पाता,
बता मेरी ""खता""क्या है। #ग्रीष्म#

KrishnaSharma

कविता का शीर्षक बसंत ऋतु का आगमन #Morning #poem

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कविता का शीर्षक:- बसंत ऋतु का आगमन
लेखक:- कृष्णा शर्मा
 स्वरचित

पेड़ों पर कलियाँ फूट पड़ी मन सरसों सा लहराया है

 मेरे जीवन में एक बार फिर से बसंत यह आया है

 फूलों में रंग लगा भरने कोयल की कूक सुनाई दे

वह पवन बसंती है देखो मनवा को जो पुरवाई दे

 हरियाली खेतों में है आमों पर बौर लगा आने

देखो पलाश के फूलों को आकर्षित हैं करने वाले

मन बना बसंती झूम रहा क्या मस्त बहारें लाया है

 मेरे जीवन में एक बार फिर से बसंत ये आया है

हो गर बसंत जीवन में तो हर मौसम में खुशहाली हो

पतझड़ चाहे जीवन हो पर अंतर्मन में हरियाली हो

भंवरा बन कर के फूलों पर जीवन को यूं महका  जाऊं

फिर बना बसंती खुद को मैं सारे जग को बहका जाऊं

 एक बसंती पवन ने ही मेरे मन को महकाया है

 मेरे जीवन में एक बार फिर से बसंत यह आया है

इस फगवा और बसंती का जग में है मेल निराला सा

मदमस्त सभी को करता है मुझको कर दिया शिवाला सा

 सबके मन को ही भाता है देखो बसंत जब आता है

जीवन को रंग बिरंगा कर यह नई बहारें लाता है

इस एक अनोखी ऋतु ने ही सारे जग को महकाया है

 मेरे जीवन में एक बार फिर से बसंत यह आया है

 जय शारदे मां

©KrishnaSharma कविता का शीर्षक बसंत ऋतु का आगमन

#Morning

Kavita jayesh Panot

#हाइकु # ग्रीष्म

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हाइकु 

ग्रीष्म का आना,
गाँवो की यादें लाया,
आँखों में आँसू।। 

मित्रों का साथ,
सुकूँ का एहसास,
वो दिन भी थे खास ।। 

फलों के वृक्ष,
फूलों की सुन्दरता,
धरा की शोभा।। 

बर्फ के गोले,
कुल्फियों की चुस्कियाँ,
मौज मस्तियाँ ।। 

किस्से कहानी,
कुछ यादें पुरानी,
आँखों में पानी।। 

ग्रीष्म का आना ,
आँखों में पतझड़,
यादों का घेरा।। 

कविता जयेश पनोत 
Insta id -- kavita panot

©Kavita jayesh Panot #हाइकु # ग्रीष्म

Sangeeta Pal

बसंत ऋतु के आगमन में एक छोटी सी कविता कविता poem spring basantritu

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अविरल अनुभूति

ताप ग्रीष्म विशेष

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Penman

#ऋतु

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teri mohabat

#ऋतु #poem

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तरस जाएंगी आंखें आपकी
एक तन्हाई सी रह जाएगी
थोड़ी तन्हाई थी,
थोड़ी तन्हाई है
थोड़ी तन्हाई सी रह जाएगी
हो जाती अगर किसी से यारी 
हो जाती अगर किसी से यारी ...
तो यादों में गहराई सी रह जाएगी
मांगी ना खुदाई किसी से
मांगा ना कुछ भी,
रहेगा कुछ भी नहीं इस  ,
दिल में रुसवाई सी रह जाएगी
आयेंगे कई मौसम,
पर ज़िन्दगी में तन्हाई सी रह जाएगी 
सिख गई हैं बेगैरत आंखें मेरी
के शरमाई सी रह जाएंगी 
तरस जाएंगी आंखें आपकी
एक तन्हाई सी रह जाएगी
☝😓#RiTu# #ऋतु

Shivam Choudhary

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