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*🌹निर्जला एकादशी 2023: निर्जला एकादशी के जल संबंधी 11 नियम🌹* 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐 *⭕ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी और भीमसेनी एकादशी कहते हैं। इस दिन जल का सेवन नहीं करते हैं। इस एकादशी के व्रत को रखने से सभी एकादशियों का फल प्राप्त होता है। इस दिन जल का खास महत्व माना गया है। आओ जानते हैं कि इस एकादशी के दिन जल संबंधी 11 नियम क्या है।* 1. इस एकादशी के दिन बिना जल के व्रत करें। ऐसा करने से जहां वर्ष की सभी एकादशियों का फल मिलता है, वहीं पूरे वर्ष शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। 2. शास्त्रों के अनुसार निर्जला एकादशी व्रत में सूर्योदय से लेकर दूसरे दिन के सूर्योदय तक जल का त्याग कर देना चाहिए और अगले दिन सूर्योदय के बाद पूजा करके पारण के समय जल ग्रहण करना चाहिए। 3. शास्त्रों में यह भी उल्लेख मिलता है कि संध्योपासना के लिए आचमन में जो जल लिया जाता है, उसे ग्रहण करने की अनुमति है। 4. जो लोग गौ दान नहीं कर पाते हैं वे इस समय जलपान जरूर कराते हैं। ज्येष्ठ माह वैसे भी तपता है तो भी जगह-जगह प्याऊ लगाना और लोगों को पानी पिलाना पुण्य का कार्य है। इस दिन जल में वास करने वाले भगवान श्रीमन्नारायण विष्णु की पूजा के उपरांत दान-पुण्य के कार्य कर समाज सेवा की जाती है। ऐसा करने से पितृदोष दूर होने के साथ ही चंद्रदोष भी दूर होता है। 5. इस दिन गंगा जल से स्नान करने का महत्व है। शुद्ध जल में थोड़ा सा गंगा जल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं। 6. इस दिन जल देवता वरुणदेव की पूजा का भी महत्व रहता है। इस दिन श्रीहरि विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा करें। एकादशी तिथि के देवता हैं विश्वदेवगण हैं। उनकी पूजा भी करना चाहिए। इस दिन श्रीकृष्ण की पूजा भी करना चाहिए। विष्णु, कृष्ण, वरुण, विश्वदेवगण और माता लक्ष्मी। सभी का जलाभिषेक करें। 7. यदि आप उपरोक्त उपाय नहीं कर सकते हैं तो इस दिन पीपल के पेड़ में जल अर्पित करके उसकी विधिवत पूजा करें। ऐसा करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है। 8. एकादशी के दिन तुलसी के पौधे में जल अर्पित नहीं करना चाहिए क्योंकि तुलसी का भी व्रत रहता है। 9. जहां पर जल का अपव्यय हो रहा हो वहां इसे रोकें और जल का संवरक्षण करें। 10. अपनी सामर्थ के अनुसार अन्न, वस्त्र, जल, जूता, छाता, फल आदि का दान करें। यह नहीं कर सकते हैं तो कम से कम इस दिन जल कलश में जल भरकर उसे सफेद वस्त्र से ढंककर चीनी और दक्षिणा के साथ किसी ब्राह्मण को दान जरूर करें जिससे साल भर की सभी एकादशियों का फल प्राप्त होता है। 11. इस दिन पौधा रोपण कर उन्हें जल से संचित करने का भी महत्व है। कहीं पर भी पीपल, बरगद, नीम, कैथ आदि का पौधा लगाए ©Abhishek Tripathi music club #Aurora #yekadashivrath Nirjala ekadashi vrat ka varnan
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ho khup god god hastos tu ho khup god god hastos tu mhanun tar majhya mana vr raaj kartos tu.... mhanun tar roz majhya swapnat yetos tu .. mala vel lavtos tu .. kharach khup god hastos tu ho khup god hastos tu mhanunch tar mazh swapn aahes tu chaha peksha god aahes tu mazhya hrudyachi dhad dhad aahes .. kharach khup god aahes tu... kharach khup god hastos tu ......... naina #some thing in marathi .
#Some thing in marathi .
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बिनु पद चलइ सुनइ बिनु काना। कर बिनु करम करइ बिधि नाना॥ आनन रहित सकल रस भोगी। बिनु बानी बकता बड़ जोगी॥ अर्थ : जो (परमात्मा) बिना पैरों के चलता है, बिना कानों के सुनता है बिना हाथों के नाना प्रकार के कर्म करता है मुख के बिना ही जगत के सारे रसों का आनंद लेता है, और बिना वाणी के सबसे सर्वश्रेष्ठ वक्ता है। हे पार्वती जिनका नाम लेकर मरते हुए प्राणी भी मोक्ष प्राप्त कर लेते हैं, वह प्रभु रघुश्रेष्ठ और चराचर जगत के स्वामी श्री राम सभी के हृदय की बात जानने वाले हैं। ©Music club #2023Recap #esvar ka swaroop kaisa hai uska varnan
2023Recap esvar ka swaroop kaisa hai uska varnan
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