Find the Latest Status about मैं जाऊं from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, मैं जाऊं.
Sujata Kumari
हवाओं के रुख से गर मैं बदल जाऊं तो मैं वो नहीं जिसे ईश्वर ने बनाया है। मैं वो हूं जिसे बदलते हालातों ने बनाया है। life quotes in hindi #Quotes
read more"Meri baatein"
यूं तो साथ मेरे हर कोई खड़ा रहता है मगर मुश्किल वक्त में सिर्फ़ मैं ही मिलता हूं खुद से.... ©"Meri baatein" #मैं
रिपुदमन झा 'पिनाकी'
White दुनिया के मुताबिक मैं कभी भी ढल नहीं सकता। औरों के लिए खुद को मैं बदल नहीं सकता। अपनी हैं मंजिलें मेरी राहें अलग अपनी- दुनियां के रास्तों पर तो मैं चल नहीं सकता। रिपुदमन झा "पिनाकी" धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©रिपुदमन झा 'पिनाकी' #मैं
Khan Sahab
White तेरे ही हाथ की मैं वो लकीर बन जाऊं.. मैं ही तेरा मुकद्दर तेरी तक़दीर बन जाऊं.. इतना चाहूँ मैं तुम्हें कि तू हर रिश्ता भूल जाये.. और सिर्फ मैं ही तेरे हर रिश्ते की तस्वीर बन जाऊं..! ©Khan Sahab #तकदीर बन जाऊं
#तकदीर बन जाऊं
read more"Meri baatein"
White खुद की तलाश में हूं.... ना जाने खुद को कहाँ?? खो दिया हैं मैंने.... खुद की तलाश में हूं ©"Meri baatein" #मैं
दूध नाथ वरुण
White मै जाऊं तो कहां जाऊं, मुझे रस्ता कोई न सूझ रहा। मैं भटका राही जीवन का, ये बात कोई न बुझ रहा।। ©दूध नाथ वरुण #मैं #जाऊं #कहां
हिंदुस्तानी
White अजीब जुर्म करती हैं तेरी यादें, सोचू तो बिखर जाऊं, ना सोचूं तो किधर जाऊं…! ©सत्यमेव जयते किधर जाऊं…!
किधर जाऊं…! #Shayari
read moreAmit Choudhary
कुछ लोग किसी के लिए नहीं बने.... हाँ , मैं भी उन्हीं में से हूं...!!! ©Amit Choudhary मैं...
मैं... #विचार
read moreRabindra Kumar Ram
*** ग़ज़ल *** *** नुमाइश *** " क्यों ना तेरा तलबगार हो जाऊं कहीं मैं , मैं मुख्तलिफ मुहब्बत हूं इस दस्तूर से , क्यों ना तेरा बार बार मुसलसल हो जाऊं मैं , खुद को तेरी आदतों में कितना मशग़ूल किया जाये , तुझमें में मसरुफ़ कहीं जाऊं मैं , बात जो भी फिर कहा तक जार बेजार , तेरे ज़िक्र की नुमाइश की पेशकश की जाये , लो ज़रा सी इबादत कर लूं भी मैं , इश्क़ की बात हैं मुहब्बत कर लूं मैं , तेरे ख्यालों की नुमाइश क्या ना करता मैं , ज़र्फ़ तेरी जुस्तजू तेरी आरज़ू तेरी , फिर इस हिज़्र में फिर किस की ख़्वाहिश करता मैं , उल्फते-ए-हयात एहसासों को अब जिना आ रहा मुझे , जो तेरे ख्यालों के तसव्वुर से रफ़ाक़त जो कर रहा हूं मै . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram *** ग़ज़ल *** *** नुमाइश *** " क्यों ना तेरा तलबगार हो जाऊं कहीं मैं , मैं मुख्तलिफ मुहब्बत हूं इस दस्तूर से , क्यों ना तेरा बार बार मु