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HINDI SAHITYA SAGAR
सोंच तो वो भी पल-पल रहे होंगे, शायद यह उनके ही कर्मफल रहे होंगे। सो न पाए मेरे संग ज़मी पर, शायद बिस्तर उनके मखमल रहे होंगे। वो चल सके न मेरे संग दो पल, शायद मन उनके बहुत चंचल रहे होंगे। ✍️शैलेन्द्र राजपूत ©HINDI SAHITYA SAGAR सोंच तो वो भी पल-पल रहे होंगे, शायद यह उनके ही कर्मफल रहे होंगे। सो न पाए मेरे संग ज़मी पर, शायद बिस्तर उनके मखमल रहे होंगे। वो चल सके न मे
सोंच तो वो भी पल-पल रहे होंगे, शायद यह उनके ही कर्मफल रहे होंगे। सो न पाए मेरे संग ज़मी पर, शायद बिस्तर उनके मखमल रहे होंगे। वो चल सके न मे #Hindi #SAD #think #yqdidi #yqhindi #hindi_poetry #hindi_shayari #hindisahityasagar
read moreJashvant
हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा मैं ही कश्ती हूँ मुझी में है समुंदर मेरा किस से पूछूँ कि कहाँ गुम हूँ कई बरसों से हर जगह ढूँढता फिरता है मुझे घर मेरा एक से हो गए मौसमों के चेहरे सारे मेरी आँखों से कहीं खो गया मंज़र मेरा मुद्दतें बीत गईं ख़्वाब सुहाना देखे जागता रहता है हर नींद में बिस्तर मेरा आइना देख के निकला था मैं घर से बाहर आज तक हाथ में महफ़ूज़ है पत्थर मेरा ©Jashvant नींद में बिस्तर मेरा narendra bhakuni Preeti Kumari Neema SEJAL Rajdeep
नींद में बिस्तर मेरा narendra bhakuni Preeti Kumari Neema SEJAL Rajdeep #Life
read moreबेजुबान शायर shivkumar
" तेरे जाने के बाद से घर के आइनो पर धूल चढ़ी है, वह अख़बार, वह गुलाब, वह किताबें, सब वहीँ वैसी ही रखी हैँ ,, वह चाय का कप और हिसाब की किताब, बिस्तर के सरआने पर बिलकुल वैसी ही अधूरी रखी हैँ ,, जहाँ बिताए थे कुछ पल बैठकर साथ अब वहां धूल चढ़ी है, जहाँ चलते थे दो कदम साथ वहां अब दूब बढ़ गयी है ,, तेरे जाने के बाद से वह हमारी तस्वीर अब अधूरी रह गयी है, रंग सब सूख गए हैँ और तस्वीर में रंग की जगह खाली रह गयी है ,, तेरे गिटार के तार अब टूट गए हैँ तेरी आधी पढ़ी कहानी की किताब अभी वहीँ पड़ी है, उन गीतों का क्या होगा जिसकी धुन अभी आधी बनी है ,, घर की चाबी अभी भी उस दराज़ में तेरे छल्ले के साथ मैंने रखी है, वह पर्दे जो जो लगाए थे कमरों में रंग भरने उन पर अभी कुछ धूल चढ़ी है ,, वह कमरा जहाँ बिताए थे पल यादगार, वीरान हो गया है, वह कंघा, वह आइना, अभी भी तेरे टूटे बाल, तेरी बिंदिया के निशान खोज रहा है ,, वह कमरे की खिड़की अभी भी आधी खुली है, कुछ छनी धूप वहां से झाँक रही है ,, वह खुश्क़ चादर अपनी अब भी कोने में पड़ी है, तेरी टूटी हुईं चूड़ियाँ भी मैंने वहीँ सहेज कर रखी है ,, ~शिवकुमार बर्मन ✍🥀 ©Shivkumar #aaina #आइना #दर्पण #Nojoto #nojotohindi #कविता " तेरे जाने के बाद से घर के आइनो पर धूल चढ़ी है, वह अख़बार, वह गुलाब, वह किताबें, सब वहीँ
aaina आइना दर्पण nojotohindi कविता " तेरे जाने के बाद से घर के आइनो पर धूल चढ़ी है, वह अख़बार, वह गुलाब, वह किताबें, सब वहीँ
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