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- Arun Aarya
इस जहाँ में सुंदर सिर्फ़ तुम हो दूसरा कोई नहीं , मेरे दिल के अंदर सिर्फ़ तुम हो दूसरा कोई नहीं ! दिल की तमाम तकलीफ़ों से निजात पाऊँगा मैं भी ,, इस मरीज़ की डॉक्टर सिर्फ़ तुम हो दूसरा कोई नहीं..!! -अरुन आर्या ©- Arun Aarya #RAMADAAN #दूसरा कोई नहीं
F M POETRY
White कोई उम्मीद नहीं मंज़िल की.. ऐसे रस्ते का मैं मुसाफिऱ हूँ.. यूसुफ़ आर खान..... ©F M POETRY #कोई उम्मीद नहीं मंज़िल......
#कोई उम्मीद नहीं मंज़िल......
read moreBANDHETIYA OFFICIAL
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset प्यार में कवि हो या रार में कवि हो, हर हाल में कविताई, और पूछ उसकी कहीं नहीं, कोई नहीं वो पूछ, उसकी करे जो पूछ, कोई नहीं, कोई नहीं। दुश्मन है आपका वो, बरबाद कर रहा है, जीवन है आपका वो, बरबाद कर रहा है, अनबन है आप ही से, आडंबर कर रहा है, मंजूर न किसी को, वो मंजर कर रहा है, क्या तेवर कर है! धार में कवि हो या भार में कवि हो, हर हाल में कविताई। ©BANDHETIYA OFFICIAL #SunSet #पूछ कोई नहीं
Radhe Radhe
Unsplash बीच रास्ते में छोड़ो ना शिकवा है तो बता तो मजबूरी है समझा दो बेचैनी है तो सुलझा दो हर लहजा खुद ही इजहार करदो कम से कम हम खफा ना होंगे क्यूँ तुम्हें बेवफा ना कहेंगे हम स्वं चले जाएंगे कोई शिकायत ना करेंगे। जय श्री राधे ©Radhe Radhe कोई शिकायत नहीं
कोई शिकायत नहीं
read moreनवनीत ठाकुर
Unsplash ज़िंदगी जैसे एक उलझी हुई डोर, सुलझाते हैं, पर सुलझ नहीं पाती। हर तरफ धुंध-सी फैली हुई है, हकीकत कभी नजर नहीं आती। आरज़ू में कटती हैं सदियां, पर तमन्ना कभी मर नहीं पाती। सफर भी है और मंज़िल भी है, पर कोई राह समझ नहीं आती। हर कदम पर ख्वाब टूटे यहां, पर आंखों से उम्मीद नहीं जाती। मौत से भी आगे कुछ होगा शायद, वरना ये रूह क्यों डर नहीं पाती। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर ज़िंदगी जैसे एक उलझी हुई डोर, सुलझाते हैं, पर सुलझ नहीं पाती। हर तरफ धुंध-सा फैला हुआ है, हकीकत कभी नजर नहीं आती। आरज़ू में कट
#नवनीतठाकुर ज़िंदगी जैसे एक उलझी हुई डोर, सुलझाते हैं, पर सुलझ नहीं पाती। हर तरफ धुंध-सा फैला हुआ है, हकीकत कभी नजर नहीं आती। आरज़ू में कट
read moreParasram Arora
Unsplash जिंदगी कोई पेन ड्राइव नहीं.की जिसमे हम अपनी मनपसंद के गाने भर दे और ज़ब मर्जी हो उ न्हें सुन कर मजा ले जिंदगी तो उस रेडियो की तरह हैँ जिसमे न जाने कौनसा गाना कब बज जाए और हमें अच्छ न लगने के बावजूद सुनना पड़े ©Parasram Arora जिंदगी कोई पेंनड्राइव नहीं
जिंदगी कोई पेंनड्राइव नहीं
read moreShrivas
White अब ये हसरतें हैं । बची हुई और कुछ उम्मीदें हैं । जो बस अब खुद से है । क्यों कि में खुद के लिए किसी भी हद तक जा सकता हूँ। ©Gourav Shrivas #उम्मीद
Anamika Raj
Zindagi ने मुझे एक चीज सिखा दी... अपने आप में khush रहना और किसी से कोई उम्मीद ना रखना...!! 💯 ©Anamika Raj किसी से कोई उम्मीद ना रखना..
किसी से कोई उम्मीद ना रखना..
read moreN S Yadav GoldMine
Unsplash {Bolo Ji Radhey Radhey} वाणी से व पानी मे दोनों में ही छवि नजर आती है, पानी स्वच्छ हो तो छवि नजर आती है, वाणी मधुरता व ज्ञान से भरी हो तो चरित्र नजर आता है। जय श्री राधेकृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine #leafbook {Bolo Ji Radhey Radhey} वाणी से व पानी मे दोनों में ही छवि नजर आती है, पानी स्वच्छ हो तो छवि नजर आती है, वाणी मधुरता व ज्ञान से
#leafbook {Bolo Ji Radhey Radhey} वाणी से व पानी मे दोनों में ही छवि नजर आती है, पानी स्वच्छ हो तो छवि नजर आती है, वाणी मधुरता व ज्ञान से
read moreनवनीत ठाकुर
White हर लफ़्ज़ थमा है दर्द के नीचे, जुबां को फलक भर नहीं आती। सन्नाटे चीखते हैं दिल के अंदर, पर दुनिया को सहर नहीं आती। दिल की गुंजाईश है बेहिसाब, पर फिज़ा तक असर नहीं जाती। ख्वाब जलते हैं रात की आग में, सुबह उनकी खबर नहीं आती। खुद से भी गुमशुदा हैं ऐसे, जैसे राह कोई नजर नहीं आती। आईने भी सवाल करते हैं अब, पर उनकी सूरत उभर नहीं आती। ©नवनीत ठाकुर #हर लफ़्ज़ थमा है दर्द के नीचे, जुबां को फलक भर नहीं आती। सन्नाटे चीखते हैं दिल के अंदर, पर दुनिया को सहर नहीं आती। दिल की गुंजाईश है बेहिस
#हर लफ़्ज़ थमा है दर्द के नीचे, जुबां को फलक भर नहीं आती। सन्नाटे चीखते हैं दिल के अंदर, पर दुनिया को सहर नहीं आती। दिल की गुंजाईश है बेहिस
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