Find the Latest Status about बीजेपी दलित सांसद from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बीजेपी दलित सांसद.
dilip khan anpadh
(दलित) ------ ना गुरुड़, ना बलित हो, तुझमे ईश्वर,तुम दलित हो। तुझे स्व की चिंता है कँहा? तुम पर, धर्म मे फलित हो। तुम जान हो इस जनजीवन की तुम प्राण हो खिलते उपवन की तुम भूमिपुत्र स्वचलित हो तुझमे ईश्वर तुम दलित हो। तुम कर्म ज्ञान के हो धारक, तुम बंजर भूमि के तारक तुम स्वच्छ बनाते जीवन को तुम गतिशीलता के कारक। तुम कच्चे घर मे पलित हो तुम कला पूर्ण,तुम ललित हो। तुम दर्शन हो इस जीवन का तुम प्रेम सुधा स्खलित हो ना गुरुड़, ना बलित हो तुझमे ईश्वर, तुम दलित हो।। गीता-वेदों का सार हो तुम एक प्राकृत व्यबहार हो तुम तुझमे भ्रष्टों सी चमक नही तुझमे लालच की खनक नही, तुम ऋषियों से हो परम तुष्ट हृदय तेरा सागर सा पुष्ट तुम अंतहीन,तुम हरित हो ना गुरुड़, ना बलित हो तुझमे ईश्वर तुम दलित हो दिलीप कुमार खाँ अनपढ़ #दलित
रुपेन्द्र श्रीवास
सोचो _सोचो क्यों हुए बह इतने नाराज, गए छोड़कर पार्टी आखिर महाराज ? आखिर क्यों महाराज कमल क्यों उनको भाया कमलनाथ का साथ क्यों उन्हे रास न आया मचती भगदड़ देख खोपड़ी अपनी नोचो दिल पर रखकर हाथ पतन पर सोचो! #बीजेपी
Sonam kuril
ये कैसी विडंबना है , जहा किसी एक वर्ग विशेष को इतनी महत्ता , और एक वर्ग विशेष को तुच्छ प्राणी समझ व्यवहार किया जाता है , ये कैसी विभीत्स ,विकराल एवं निंदनीय परिस्थिति है , जहाँ एक ही समुदाय के व्यक्तियों के प्रति इतनी घृणा , जहाँ बार-बार एक ही समुदाय के व्यक्तियों को किसी मूक जानवर सा पीटा, रौंदा, कुचला जाता है , जिस देश में एक दलित समुदाय के व्यक्ति ने देश को विश्व का सबसे विस्तृत संविधान दिया , जिसने सबको बराबरी का हक़ दिया , आज के युग में भी कुछ मुठ्ठी भर लोग स्वयं को ऊपर रखने के लिए , उसी दलित समुदाय के लोगो को घोड़ी चढ़ने से रोकते है , उसी समुदाय के लोगो को प्रताड़ित करते है , जहा एक वर्ग विशेष को, शूद्र ,दलित , हरिजन इतियादी नाम से पुकारा जाता है , जहाँ आज भी एक दलित के अस्तित्व को स्वीकारा नहीं जाता, और जहाँ आज भी दलितों को खुद के हक़ के लिए लड़ना पड़ता है , वहाँ किस प्रकार समाज नयी बुलंदियों को प्राप्त कर सकता, ये वो समाज हैं जहाँ दलित हिंदू बस वोट बैंक की राजनीति में आता हैं, वरना सम्मान और समानता की लड़ाई में हिंदू नहीं, महज़ एक दलित शूद्र बनकर रह जाता हैं | ये वो समाज हैं जहाँ दलित मंदिर नहीं जा सकता, जिसके छूने मात्र से हमारा एक विशेष तबका समाज अछूत हो जाता हैं, जहाँ आरक्षण के नाम पर दलित को योग्य से अयोग्य बताया जाता हैं, ये वो समाज है जो कल भी दलित को पैर की जूती समझता था, और आज भी उन्हें रोंदने की कोशिश में लगा हैं, यह अत्यंत चिंतन का विषय हैं | ©Sonam kuril दलित एक कहानी एक सत्य दलित #THOUGHT #HAQ
जावेद हसन अन्सारी
#Pehlealfaaz जावेद हसन अंसारी संवाददाता जनसंदेश टाइम्स मुबारकपुर आज़मगढ़ सांसद जी
सांसद जी #Pehlealfaaz
read more